संविधान बचाओ-देश बचाओ सम्मेलन का आयोजन

संविधान बचाओ-देश बचाओ सम्मेलन
8 फरवरी2018, राजस्थान की राजधानी जयपुर के विनोबा ज्ञान मन्दिर में संवैधानिक अधिकार संगठन द्वारा संगठन के अध्यक्ष धर्मेंद्र तामडिया की अध्यक्षता मे संविधान बचाओ-देश बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन की जानकारी देते हुए संगठन के उपाध्यक्ष बसन्त हरियाणा ने बताया कि इस अवसर पर राजस्थान के विभिन्न जिलों से आये संगठन के पदाधिकारियों व सदस्यो को सम्बोधित करते हुए समाजवादी चिंतक पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना में ही संविधान का सार है।उन्होंने कहा कि अधिकांश सरकारों द्वारा संविधान में नागरिकों को दिये गए मूलाधिकारों का उलंघन किया जा रहा है।कट्टरपंथी ताकतों द्वारा देश को धार्मिक ग्रन्थों के आधार पर चलाने की बात कही जाती है, लेकिन यह देश किसी भी धर्म के धार्मिक ग्रंथ से नही संविधान से ही चलेगा।उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों के कारण कर्ज में दबा किसान आत्महत्या कर रहा है लेकिन सरकार किसानों के कर्ज माफ नही कर रही है दूसरी तरफ पूंजीपतियों के लाखों करोड़ों के कर्ज सरकार माफ कर रही है।
डॉक्टर सुनीलम ने अपने विचार व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि संविधान में जिस समता व मानव गरिमा की बात कही गई है आज आजादी के 70 सालो बाद भी उसका पालन नही हो रहा है, तमाम तरक्की और प्रोधोगिकी के बावजूद आज भी सफाई कर्मचारी सीवर लाइन में गंदगी में बिना सुरक्षा उपकरण व ड्रेस के उतरता है जो कि ना केवल मानव गरिमा के खिलाफ है बल्कि इसी वजह से देश मे आज भी साल में लाखों मौते होती है।डॉक्टर सुनीलम ने डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के प्रसिद्ध कथन “प्रत्येक नागरिक का एक वोट” जो कि राजनैतिक समानता की बात करता है तब तक बेमानी है जब तक आर्थिक व सामाजिक बराबरी देश के सभी नागरिकों में ना हो।इस अवसर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी)की राज्य सचिव मण्डल की सदस्य सुमित्रा चौपड़ा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान केंद्र की सरकार युवाओ को रोजगार ना देकर धार्मिक उन्माद की और धकेल रही है। केंद्र की मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार आज संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करते हुए देश के संवैधानिक संस्थानों सहित मीडिया संस्थानों पर ऐसे व्यक्तियों को बैठा रही है जिनका संविधान के मूल तत्व धर्मनिरपेक्षता, समानता पर कतई विश्वास नही है।
इस अवसर पर गांधीवादी नेता सवाई सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संविधान में वर्णित बातो का आज पूरे तौर पर मखौल उड़ाया जा रहा है, संविधान में कहा गया है कि सरकार नशे का व्यापार नही करेगी लेकिन सरकार द्वारा पूरी बेशर्मी से राजस्व के नाम पर शराब का व्यापार किया जा रहा है।
नशामुक्त भारत आंदोलन के राज्य सह संयोजक डॉ. मो. इक़बाल सिद्दीक़ी, स्वराज अभियान के बद्रीप्रसाद ढाका, संवैधनिक अधिकार संगठन के रमेश यादव, उगन्ता नायक, द्वारिका शर्मा, गिगराज वर्मा, शिवभगवान,प्रोफेसर गोपाल मोदानी आदि ने भी सभा को सम्बोधित किया। इस अवसर पर शैलेन्द्र अवस्थी, गोपाल, हरलाल, लक्ष्मण कोत, विजय स्वामी, घनशयाम कोतवानी, प्रोफेसर सी बी यादव,भगवान सिंह, महबूब खान,विद्या पंजाबी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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