बलात्कारियों को मृत्युदंड का क़ानून स्वागत योग्य-जमाअत इस्लामी हिन्द

केन्द्र सरकार द्वारा 12 साल तक की बच्ची से बलात्कार के दोषी को अधिकतम फांसी की सज़ा का प्रावधान किये जाने का जमाअत इस्लामी हिन्द ने स्वागत किया है।

जमाअत इस्लामी हिन्द राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष इन्जीनियर ख़ुर्शीद हुसैन ने एक बयान जारी कर के कहा कि हम आपराधिक क़ानून (संशोधन) अध्यादेश 2018 का स्वागत करते हैं परन्तु इसमें पीड़िता की आयु सीमा निर्धारित नहीं की जानी चाहिए क्योंकि बलात्कार,मानवता की जननी नारी के प्रति एक घिनौना अपराध है अतः हर बलात्कारी को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जमाअत यह मानती है कि बलात्कार जैसे जघन्य अपराध में पीड़िता को न्याय दिलाने और इस प्रकार के अपराधों की रोकथाम के लिए मृत्युदंड अति आवश्यक है। उन्होंने मांग की कि इसी क्रम में शराब तथा अश्लील वीडियोज़ को भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिये जो इस प्रकार के अपराधों के प्रमुख कारण हैं।
श्री ख़ुर्शीद ने कहा कि हम पहले से ही बलात्कार जैसे जघन्य अपराध के लिए मृत्युदंड की मांग करते रहे हैं, चाहे पीडिता की आयु कुछ भी हो। जमाअत ने निर्भया सामूहिक बलात्कार के समय भी जस्टिस वर्मा कमीशन द्वारा आपराधिक क़ानून संशोधन कर बलात्कार के दोषियों को त्वरित तथा अधिकतम सज़ा दिये जाने की सिफ़ारिश का समर्थन करते हुए बलात्कारियों के लिए मुत्यु दंड की अनुशंसा की थी, जिससे कि बलात्कार के दोषियों को त्वरित दंड दिया जा सके।
उन्होंने कहा कि बलात्कार के मामलों में मुत्युदंड जैसे कठोरतम दंड का प्रावधान किये जाने के साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि घटना की पूर्ण एवं निष्पक्ष जाँच की जाए तथा ठोस सबूतों के आधार पर ही सज़ा दी जाए।

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