दलित आदिवासी अल्पसंख्यक दमन के खिलाफ 35 संगठनों की जयपुर में महापंचायत

दलित, आदिवासी,अल्पसंख्यक दमन प्रतिरोध आन्दोलन द्वारा २२ जुलाई को जयपुर में महापंचायत का आयोजन किया गया। महापंचायत का नेतृत्व प्रकाश आंबेडकर, जिग्नेश मेवानी, सुभाषिनी अली, डॉ सुनीलम, राजाराम सिंह व राजेंद्र गौतम ने किया। संविधान, लोक तंत्र व सामाजिक न्याय के पक्ष में महापंचायत से एलान हुआ कि

1.दलित, आदिवासी व अल्पसंख्यक विरोधी भा.ज.पा को केंद्र व राज्य में हराना अत्यंत ज़रूरी है।

2. दलित अदिवासी के क़ानून से छेड़-छेड़ बरदाश्त के बाहर व २ अप्रैल के मामले वसुंधरा सरकार वापस ले.

3. पीट – पीट कर मार डालने की घटनाओं का विरोध समाज का हर तबका करे और राजस्थान व केंद्र सरकार इसका जवाब दे

35 संगठनो द्वारा बनाया गया दलित आदिवासी अल्पसंख्यक दमन विरोधी आन्दोलन ने आज जयपुर में आयोजित महापंचायत में सर्व समिति से अपनी मांगो पर जोर देते हुए कहा की

· 2 अप्रैल से सम्बन्धित सभी 500 मामले (FIR) मुख्य मंत्री वसुंधरा राजे वापस लें.

· SC व ST कानून को संविधान की 9वीं सूची में डाला जाए व इसी संसद सत्र में कानून लाया जाए.

· पीट-पीट के मर डालने की घटनाओं पर केंद्र व राज्य सरकार तुरंत लगाम लगाए कानून बना कर और राजनैतिक तौर पर भी और रामगढ, अलवर में हुए कोल गाँव मेवात, हरियाना के गौ पालक अकबर खान की हत्या से जुडे सभी अपराधियों को गिरफ्तार किया जाये

साथ ही पंचायत की अध्यक्षीय मंडल के टेक चंद राहुल, सुमन देवाठिया, अमरा राम, नरेन्द्र आचार्य वावा, डॉ. मोहम्मद इकबाल सिद्दीकी ने सभी को शपथ दिलवाई व सर्वसम्मति से पंचायत द्वारा लिया गया फैसला सुनाया जिसमें कहा गया कि

· सभी राजनेतिक संघर्षों में भा. ज. पा व RSS को पराजित करना तथा केंद्र व राज्य सरकार को आगामी चुनाव में पराजित करना बहुत ज़रूरी है, दमन प्रतिरोध आन्दोलन उन राजनैतिक दलों को समर्थन करेगी जो भाजपा को हरा सके। आन्दोलन की मांगे मनवाने के लिए हर तरीके से अपनी ताकत दिखाई जायेगी

साथ ही फैसला सुनाया की RSS की महिला. दलित, आदिवासी व अल्पसंख्यक विरोधी विचारधारा का समाज के हर तबके, व ढाँचे में पुरजोर विरोध किया जाएगा

सभा में बाबा साहिब भीम राव अम्बेडकर के पौत्र प्रकाश अम्बेडकर ने कहा की नरेंद्र मोदी, अमित शाह व महाराष्ट्र सरकार ने दलितों के आन्दोलन को माओवादी रंग देने की कोशिश की और झूठे मामलों में कई साथियों को जेल में डाला। उन्होंने भा.जा.पा व आरएसएस को आड़े हाथ लेते हुए कहा की आप केवल दंगा करवाने में विश्वास करते हैं और अब पीट-पीट कर मार डालना और विडियो बनाना, राजस्थान में हुए अफ्राजुल की हत्यारे को तो पकड़ा पर घटना के पीछे कौन था किस ने नफरत भरी, उसकी जांच क्यूँ नहीं की? उन्होंने २० मार्च के उच्चतम न्यायालय के SC व ST कानून को कमज़ोर करने के फैसले पर कहा की, यह सिर्फ एक फैसले की बात नहीं है पर उच्चतम न्यायलय की मनुवादी मानसिकता की भी बात है I उन्होंने केवल सरकार के परिवर्तन की बात नहीं की पर सत्ता परिवर्तन की बात कही और कहा की वह चाबी दलितों के हाथ में है और सोच समझ के उसका इस्तमाल करना चाहिए।

सभा में आए गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने आह्वान किया की नरेन्द्र मोदी और वसुंधरा राजे की सरकारों को हराना बहुत ज़रूरी है नहीं तो फासीवाद हमारे द्वार पर होगा। उन्होंने अलवर में हुए अकबर खान की हत्या को लेकर केद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को आड़े हाथों लिया और कहा की अगर प्रधानमंत्री की लोकप्रियता का मतलब है मुसलमानों और बेगुनाहों को अपनी जान खोना, तो ऐसी लोक्रप्रियता नहीं चाहिए जो समाज को दहशत में डाल दे। उन्होंने अलवर की कैलाशी बाई का उदहारण देते हुआ मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ललकारा और कहा की एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद 2 अप्रैल को पुलिस उसके घर घुसी और उसके कपडे फाड़े और छाती पर जूता रख कर धमकाया। क्या महिलाओं का यही हाल भाजपा के राज्यों में होना है। उन्होंने यह भी कहा की सरकारें अगर बदलती भी हैं पर हमारे अन्दोलन जारी रखने होंगे।

राष्ट्रिय दलित शोषण मुक्ति मंच की उपाध्यक्ष सुभाषिनी अली ने RSS व भाजपा के मनुवादी चहरे को बेनकाब करते हुए कहा की वे यूँ ही नहीं उच्चतम न्यायलय से ऐसा कानून लाया गया पर यह सरकार चाहती है की दलित वही पड़ा रहे और यह भी कहा की पीट – पीट कर मार डालने की घटनाएँ इसलिए बढ़ रहीं हैं क्यूंकी सरकारे व मंत्री इस हिंसा का महिमा मंडान कर रहे हैं। उन्होंने राजस्थान के आन्दोलन को सराहना करते हुए कहा की विपक्ष तो राजस्थान में हाशिये पर खडे लोगों के आन्दोलन होते हैं। इसलिए सरकार बदल भी जाये पर आन्दोलन को तो जारी ही रखने होंगे।उन्होंने वसुंधरा राजे की जनता से रुर्बरू न करने की निति की भी आलोचना की और कहा की कोई भी दलित –आदिवासी को मायूस नहीं होना चाहिए अगर उनपर मामलें हैं, सरकार को हर हालत में वापस लेने होंगे।

इसी तरह समाजवादी विचारधारा के मध्यप्रदेश के पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने कहा की समय आ गया है की दलित, आदिवासी, मुसलमान, किसान, युवा, छात्र, महिला व अन्य लोगों को साथ मिलकर यह लड़ाई लड़नी होगी।यह लड़ाई देश के अस्तित्व की लड़ाई है, देश में इंसानियत जिंदा रखने की लड़ाई है।

CPIML (लिबरेशन) के पूर्व MLA राजा राम सिंह ने भाजपा की हर निति चाहे व सामाजिक न्याय हो, या कश्मीर, या विदेशी निति, या नोटबंदी, या GST सभी फ्रंट पर फ़ैल रही यह सरकार से अब कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। वसुधरा राजे ने 5 साल हर कमज़ोर तबके को परेशान ही किया। इसलिए इनका जाना ज़रूरी है। उन्होंने आन्दोलन की सभी मांगो को समर्थन करते हुए दलितों के ऊपर मामले वापस लेने, Sc व ST कानून को पुनः स्थापित करने व पीट-पीट कर हत्या को तुरंत बंद करने की मांगो का समर्थन किया।

दिल्ली सरकार में मंत्री AAP पार्टी के राजेंद्र गौतम ने कहा कि देश के हित में तो इस सरकार को जाना ही होगा और SC व ST कानून को पुन स्थापित सभी की एकजुटता से ही होगा उन्होंने आवाहन किया की दिल्ली में भी ऐसी पंचायत होनी चाहिए I

सभा में लोग पूरे राजस्थान से आए थे, सभा का सञ्चालन सुमित्रा चोपड़ा, राहुल व कविता ने किया। संजय माधव ने सभा का परिचय दिया व डॉ मोहम्मद इकबाल सिद्दीकी ने सभी वक्ताओं और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।

महापंचायत में निम्नलिखित संगठनों ने भागीदारी निभाई

1..दलित शोषण मुक्ति मंच,राजस्थान।
2. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)।
3. जन विचार मंच, राजस्थान।
4.राजस्थान नागरिक मंच।
5 विकलांगता आंदोलन, 2016, राजस्थान संघर्ष समिति
6.भूमि अधिकार आंदोलन,राजस्थान।
7. रिपब्लिक पार्टी ऑफ इण्डिया।
8. समाजवादी जन परिषद ।
9. भारत की जनवादी नौजवान सभा,राजस्थान।
10.अखिल भारतीय जनवदी महिला समिति
11. अखिल भारतीय किसान सभा ,राजस्थान।
12.नेशनल फेडरशन ऑफ इण्डियन वुमन्स
13.ह्युमन राईट लॉ नेटवर्क
14.ऑल इण्डिया स्टूडेन्ट फेडरशन
15समग्र सेवा संघ,राजस्थान
16.स्टूडेन्टस फैडरेशन ऑफ इण्डिया
17.जनवादी लेखक संघ,राजस्थान
18. बौद्ध महासभा
19 दलित मुस्लिम एकता मंच
20.पी यू सी एल,राजस्थान
21.जनांदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय( N.A.P.M.)
22. राजस्थान लोक मोर्चा
23.मजदुर,किसान शक्ति संगठन
24.भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मा.ले.)
25.SDPI राजस्थान
26. amblinking फाउंडेशन

27.वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया
28. संवैधानिक अधिकार संगठन
29. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
30.दलित अधिकार केंद्र
31. जमायते इसलामी हिन्द, राजस्थान
32. आल इंडिया दलित महिला अधिकार मंच, राजस्थान
33. टीम राजस्थान
34. दलित अधिकार अभियान (पश्चिम राजस्थान)
35 भीम सेना
36 राजस्थान निर्माण व जनरल वर्कर्स यूनियन।
37 समता संगठन राजस्थान

 

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