जोधपुर में रामनवमी पर निकाली हत्यारे शम्भू लाल रैगर की झाँकी,इतनी शर्म में कैसे जियेगा भारत!

कुछ महीनों पहले तक तो राजस्थानी होने पर गर्व होता था अब एक शर्म आती है अपने आप को राजस्थानी सोचने में । नफरत के बीज बो रहे वो लोग अब इतने निड़र हो गए कि एक इंसानियत के हत्यारे को खुदा बनाए बैठे है वो हत्यारा जो हैवान से भी बुरा है उसकी पूजा की जा रही है सालो से हम इंसानो के बीच पल बढ़ रहे है आस्तीन के साँपो से भी ज्यादा खतरनाक ये नई प्रजाति के हैवान अब अपना सर बहार निकाल रहे है और इस खुली फ़िज़ा में ज़हर मिला रहे है सरकारें और न्याय तन्त्र आँखे मुंद कर सबको मौन सहमति दे रहे है जिस राजस्थान के राजाओं के सेनापति उनसे अलग धर्म और जाति के होते थे वो राजस्थान आज धर्म के नाम पर अपनी धरती लाल कर रहा है उसके युवा आज इस जहर की चपेट में इतने आ गए है कि विकास और रोजगार की बात ना करके धर्म और संप्रदाय की बात कर रहे है अगर आज भी वो शिक्षित युवा नही जागा तो वो दिन दूर नही जब हर चौराहों पर ये हैवान खुले आम जहर उगलेंगे और जनता डर और अन्याय के कारण हमारे उस प्यारे राजस्थान को डूबता हुआ देखेगी ।

जब सरकारे कह रही होगी

वहीं दूसरी और सवाई माधोपुर में मुसलमानों ने रैली पर फ़ूल बरसाए:-

नींद में हूँ मुझे सोने दो
होता है जो होने दो
सपनो में मुझे खोने दो
सोने दो मुझे सोने दो।।

तो हम युवाओ को इन सरकारों की आंखों में देख कर आम जनता से कहना होगा

उठ बांध कमर क्या डरता है
फिर देख खुदा क्या करता है ।

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