कहाँ हैं 15 सालों से राजनीती के शीर्ष पर रहीं वसुंधरा राजे , कौनसे अकेलेपन में जी रहीं हैं!


राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे आज कल कहाँ है?यह सवाल हो सकता है आप भी अपने आप से पूछ रहे हों क्योंकि यह सवाल राजनीतिक गलियारों में और कम से कम राजस्थान की राजनीति में तो एक ऐसा दबा सवाल है जिसे पूछ तो हर कोई रहा है लेकिन अपने आपसे!

15 साल से राजस्थान की राजनीति में सर्वाधिक शीर्ष स्थान प्राप्त महिला की साख़ आज राजस्थान की राजनीति क्या किनारे लग गई है!

2018 में हुए विधानसभा चुनावों में सत्ता खोने के बाद वसुंधरा राजे लोक सभा चुनावों तक पार्टी में जुड़ी तो रहीं लेकिन ऐसा लगा जैसे वो बेमन से काम कर रही हूँ!

वसुंधरा राजे को RSS के ख़िलाफ़ ही माना जाता है 15 सालों में राज्य में भारतीय जनता पार्टी में अपनी ज़मीन राजस्थान में मज़बूत की थी !

वसुंधरा राजे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय   अध्यक्ष अमित शाह के विरोधी खेमे का माना जाता है!

विधानसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद जब नेता प्रतिपक्ष चुनने की बारी आयी तो राजे को नहीं बल्कि गुलाब चंद कटारिया जो की RSS से काफ़ी नज़दीकी हैं,को मौक़ा मिला!

वसुंधरा राजे पिछले 15 सालों से लोक सभा चुनाव से लेकर पंचायत स्तर के चुनावों का के टिकटों का बँटवारा करने की सबसे बड़ी शक्ति के रूप में उभरी थी!

पिछले साल भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी के इस्तीफ़े के बाद जब राजस्थान का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाने का समय आया तो वसुंधरा राजे और अमित शाह के बीच नामों को लेकर ठन गई थी!

अमित शाह गजेन्द्र सिंह शेखावत को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहते थे वहीं वसुंधरा राजे शेखावत जैसे मज़बूत नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अपनी आगामी राजनीति की हत्या नहीं करना चाहती थी !उसके बाद मदन लाल सैनी पर सहमति बनी थी!

विधानसभा में विधायक की शपथ लेने के बाद वसुंधरा राजे कहीं भी सार्वजनिक मंचों पर दिखाई नहीं दी! अब राजस्थान में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को लेकर कयासबाजियाँ लगायी जा रही है !

अब बस यह देखना है कि आने वाला प्रदेशअध्यक्ष क्या वसुंधरा के खेमे का होगा या फिर विरोधी गुट का !

क्योंकि अगर विरोधी गुट का हुआ तो वसुंधरा राजे को राजस्थान की राजनीति में किनारे लगाने की है सबसे बड़ी कोशिश होगी!

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