राजस्थान की सीमावर्ती लोकसभा सीटों पर भाजपा का खास फोकस क्यों है!

राजस्थान में पाकिस्तान से लगती सीमावर्ती बाडमेर, जोधपुर, बीकानेर व श्रीगंगानगर लोकसभा सीट को जीतने के लिये भाजपा खास फोकस कर यहां प्रधानमंत्री मोदी सहित अन्य भाजपा नेताओं की सभाऐ करा सकती है।

जबकि कांग्रैस ने चार मे से बाडमेर, व जोधपुर मे काफी मजबूत उम्मीदवार मेदान मे उतारे है एवं बाकी दो मे से बीकानेर मे भाजपा नेता देवीसिंह भाटी के भाजपा छोड़ भाजपा उम्मीदवार केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को हराने के लिये कमर कस रखी है !

 श्रीगंगानगर से भाजपा के निहाल चंद का मुकाबला भरत मेघवाल से कांटे की टक्कर वाला बना हुवा है।

सर्जिकल स्ट्राइक के बहाने अंदर ही अंदर भाजपा कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं को अपनी तरफ रीझाने की कोशिश करने से चढा रंग धीरे धीरे फीका पड़ने लगा है। इसके बावजूद भाजपा अभी भी मोदी की छवि को लेकर सीमावर्ती क्षेत्रो से अच्छा परिणाम आने की उम्मीद लगाये बेठी है।

जबकि 29-अप्रैल को मतदान होने वाले बाडमेर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रैस के मजबूत उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह (राजपूत) का मुकाबला भाजपा उम्मीदवार पूर्व विधायक कैलाश चोधरी (जाट) से है। जोधपुर लोकसभा से भाजपा के उम्मीदवार केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का मुकाबला कांग्रैस के वैभव गहलोत से है। वैभव गहलोत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र है।

इनके अलावा 6-मई को मतदान होने वाले बीकानेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल का मुकाबला उनके मोसरे भाई मदन मेघवाल से होना है।

लेकिन यहां भाजपा छोड़ चुके पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी की अर्जुन को हराने की जीद की सफलता व असफलता का के परिणाम पर असर जरूर पड़ेगा। एवं श्रीगंगानगर मे मुकाबला बराबर का बताते है।

कांग्रैस ने मिशन पच्चीस पाने के तहत सीमावर्ती सीटो पर खास रणनीति बनाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट साथ साथ जाकर सभाऐ कर रहे है!

प्रभारी मंत्री के अलावा कुछ अन्य पार्टी नेताओं को विशेष जिम्मेदारी देकर उनको सीटवार लगा रखा है। राहुल गाधी व प्रियंका गांधी के दौरे भी इन क्षेत्रो मे विशेष तौर पर करवायै जा सकते है।

-अशफाक कायमखानी
(लेखक एक राजनीतिक विश्लेषक है)

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