क्या राजस्थान कांग्रेस को लोकसभा उम्मीदवार मिल नही रहे हैं

राजस्थान की सभी पच्चीस लोकसभा क्षेत्रों के उम्मीदवार तय करने के लिये कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की तारीख बार बार बदलने के पीछे सभी जगह जिताऊ उम्मीदवार मिलने का टोटा व नेताओं के मध्य पूर्णरूप से सामंजस्य नही होना बताया जा रहा है!

जबकि पूलवामा हादसे मे शहीद हुये सीआरपीएफ के जवानों के बाद बने माहौल का भाजपा कार्यकर्ताओ द्वारा पार्टी हित मे ठीक से उपयोग करके धरातल पर भाजपा कांग्रेस से आगे निकलती नजर आने लगने से कांग्रेस खेमे मे बेचैनी साफ नजर आ रही है।

भाजपा को काउंटर करने के लिये मुख्यमंत्री गहलोत व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट खुलकर सामने आ चुके है।
मिशन-25 को पाने के लिये कांग्रेस आया राम गया राम सहित चुनाव लड़े या नही लड़े के अलावा विधानसभा चुनाव हारे-जीते सहित सभी तरह की बंदिशो को तिलांजली देते हुये केवल मात्र सीट निकालने वाले जिताऊ उम्मीदवार की योग्यता पर उम्मीदवार बनाने की राह अपनाती लग रही है।

राजस्थान के उम्मीदवार चयन करके एक पैनल बनाने के लिये कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की फायनल मीटिंग टलते टलते आखिर कार दिल्ली मे आठ मार्च को होना तय होने के बाद वो मीटिंग भी स्थगित होने के बाद नये रुप से मीटिंग का दिन तय होना है।

विभिन्न सर्वे व फीडबैक के अलावा सट्टा बाजार की खबरो के अनुसार लोकसभा चुनावों मे भाजपा के मुकाबले कांग्रेस काफी पीछड़ती नजर आने के बाद कांग्रेस अधिकतम सीट जीतने के लिये नये सीरे से ऐन वक्त पर भाजपा छोड़कर आने वाले सांसद व मजबूत नेताओं को कुछ सीटों पर उम्मीदवार बनाकर नहले पर दहले की चाल चलना चाहती है।

Photo-Sachin pilot

राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलेट के उस बयान पर जिसमें कहा गया कि उनके परिवार से कोई भी चुनाव नही लड़ेगा। नये तौर पर ज़मीनी कार्यकर्ताओं को उम्मीदवार बनने का मौका़ देने के कहने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने पूत्र वैभव गहलोत के चुनाव लड़ने की सम्भावना पर अनेक दफा सफाई देनी पड़ी है। फिर भी अशोक गहलोत के प्रभाव के चलते वैभव गहलोत को टिकट मिलना राजनीतिक हलको मे तय माना जा रहा है!

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आठ मार्च को जोधपुर के सर्किट हाऊस मे मिलने पहुंचे बाडमेर के भाजपा सांसद कर्नल सोनाराम के बाद राजनीतिक हलको मे एक अलग चर्चा चल पड़ी है। बाड़मेर से कांग्रेस के टिकट पर तीन दफा पहले सांसद बनने वाले कर्नल सोनाराम की भेंट गहलोत से इंतजार के बाद भी नही हो सकी है! लेकिन सोनाराम को पाला बदलने का माहिर माना जाता है!

Photo-कर्नल सोनाराम

कर्नल सोनाराम जैसे अनेक नेता राजस्थान मे मौजुद हैं जो अवसर मिलते ही छलांग लगाकर दूसरे पाले की तरफ उम्मीदवार बनने मे कतई दिक्कत महसूस नही करेंगे!
हालांकि राष्ट्रीय कांग्रेस संसदीय बोर्ड ने यूपी व गुजरात के पंद्रह उम्मीदवारों की एक छोटी सूची जारी करके उम्मीदवार घोषणा करने का सिलसिला शुरु कर दिया है!
जबकि 12-मार्च को सीडब्ल्यूसी की होने वाली बैठक से पहले राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक करके पैनल बनाकर केंद्रीय चुनाव समिति को देना आवश्यक माना जा रहा है!
बनते बिगड़ते राजनीतिक समीकरणों पर खास नजर रखने वालो का मानना है कि राजस्थान के लोकसभा उम्मीदवार तय करने मे आखिरकार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की चाहत को ही महत्व मिलना तय है!लेकिन मिशन-25 पाने के लिये सभी जगह मे से कुछ जगह कांग्रेस को जिताऊ उम्मीदवार तलाशने मे दिक्कत महसूस हो रही बताते है!

अश्फ़ाक क़ायमखानी

(लेखक राजनीतिक विषलेशक हैं)

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