क्या राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रों का सस्ती IPL टिकट लेने के लिए खून सूख रहा है!

क्या राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रों का सस्ती IPL टिकट लेने के लिए खून सूख रहा है ?

क्या राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्र सभी परेशानियां भूलकर बेसब्री से IPL का इंतज़ार कर रहे हैं ? क्या वो यूनिवर्सिटी के बाहर आईपीएल का टिकट काउंटर खुले इसकी फीस देते हैं ? क्या अपने छात्रनेताओं से वो अब इस बेबुनियाद वजह के लिए बीच सड़क पर हुड़दंग बाजी करने की उम्मीद रखेंगे ?

इतने सवाल इसलिए क्योंकि आज “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद” (ABVP) के छात्रनेताओं ने छात्रों को आईपीएल की कम रेट में टिकट देने और यूनिवर्सिटी के बाहर छात्रों के लिए टिकट काउंटर खोलने को लेकर आरसीए ऑफिस SMS स्टेडियम के बाहर विरोध प्रदर्शन किया ।

अब थोड़ी देर सोचिए और बताइए क्या यूनिवर्सिटी के छात्रों को कोई समस्या नहीं है जो abvp के छात्रनेता इस तरह की मांग को लेकर सड़कों पर हैं और सोशल मीडिया पर इतना बखान है ?

● कैंपस के छात्रावासों की हालत बेहद गंभीर है, गंदगी के बीच खाना बनने की काफी बार शिकायतें हो चुकी हैं।

● वार्डनों की मनमानी से हर कोई परेशान है, इन मांगो के लिए क्यों किसी की सोशल मीडिया पर हाथ ऊंचे किये हुए फ़ोटो चिपकाई जाती हैं ?

● क्यों परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन पर लगातार दबाव नहीं बनाया जाता है?

चलिए 13 पॉइंट रोस्टर पर abvp का एक भी छात्रनेता बोलता हुआ नहीं दिखा ये समझ में आता है कि ऊपर से आदेश थे लेकिन क्या छात्रों की समस्या अब आईपीएल की महंगी टिकटें ही बची है ?

सोचिए, 100-200 rs. टिकटें सस्ती करवा कर 30-40 छात्र आपकी वाहवाही करेंगे पर इससे क्या गांव-देहात से आने वाले हर एक छात्र को कुछ फायदा होगा ? ऑनलाइन दुनिया में जहां एक मिनट में रूम पर गर्म खाना आ जाता है तो अब छात्रों का आईपीएल टिकट काउंटर के बिना क्या खून सूख रहा है ?

अपनी प्राथमिकताएँ जल्द तय कीजिए, वरना इसका नुकसान हज़ारों छात्रों को होना तय है !

– अवधेश पारीक

(लेखक राजस्थान यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता के छात्र है)

1 thought on “क्या राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रों का सस्ती IPL टिकट लेने के लिए खून सूख रहा है!

  1. रिकुं हिंदुस्तानी नगर मंत्री जगतपुरा विधार्थी परिषद says:

    अवधेश पारीक जी विधार्थी परिषद छात्रों कि हर समस्या को लेकर लड़ाई लड़ने का काम करता है टीकट सस्ती होती हैं तो आम छात्रों को भी मेच देखने का मौका मिलेगा क्या आप नहीं चाहते हैं गाँव गरीब का बेटा भी मेच देखने जा सकें जिन्होंने कभी खेल स्टेडियमों का मुंह तक नहीं देखा और आपकोे दिक्कत क्या है टीकट सस्ती होती हैं तो आम छात्रों को फायदा होता है तो, पारीक साहेब आपको तकलीफ हम समझते हैं आपको तकलीफ ये है कि अभी तक स्टेडियमों में मेच शर्मा पाठक तिवारी और पारीक साहेब देखते हैं और अब मीणा गुर्जर जाट माली मेघवाल और वर्मा का बेटा भी मेच देखने को जायेगा टिकट सस्ती होती हैं तो, और रहीं बात रोस्टर की को परिषद 13 पोइंट रोस्टर का विरोध करतीं हैं धन्यवाद??

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