सांप्रदायिक तनाव के बाद राजस्थान मुस्लिम फोरम का डेलीगेशन छबड़ा पहुंचा


राजस्थान में बारां जिले के छबड़ा कस्बे में रविवार को हुई सांप्रदायिक हिंसा और आगजनी की घटना के बाद जयपुर से राजस्थान मुस्लिम फोरम का एक प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को छबड़ा पहुंचा. डेलिगेशन में फ़ोरम के सचिव जमाते इस्लामी हिंद राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद नाज़िमुद्दीन, फ़ोरम के सदस्य जमीयत उलेमा हिंद राजस्थान प्रदेश उपाध्यक्ष हाफ़िज़ मंज़ूर अली, एसडीपीआई प्रदेशाध्यक्ष रिज़वान खान, एपीसीआर प्रदेश महासचिव मुज़म्मिल इस्लाम रिज़वी, पीएफआई प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद आसिफ़, एस डी पी आई जनरल सेक्रेटरी मुहम्मद अशफ़ाक़ और जमाते इस्लामी हिंद राजस्थान प्रदेश सचिव नईम रब्बानी शामिल थे.
प्रतिनिधि मंडल को छबड़ा कस्बे से 15 किमी पहले कवाई थाने पर ही रोक दिया गया था. जिसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने कवाई थाने में बारां पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल से मुलाकात कर साम्प्रदायिक तनाव के बाद हुई पुलिस कार्यवाही के बारे में चर्चा की और छबड़ा जाकर पीड़ित लोगों से मिलने की मांग रखी. प्रतिनिधि मंडल की मांग को मानते हुए पुलिस अधीक्षक ने मुस्लिम समुदाय के चुनिंदा लोगों को छबड़ा पुलिस स्टेशन में बुलाकर मुलाकात करवाई.
इन लोगों से हुई डेलीगेशन की मुलाकात 
पुलिस प्रशासन ने कांग्रेस पूर्व जिला अध्यक्ष निज़ामुद्दीन खान, नगर पालिका वाइस चेयरमैन अबरार अहमद, ओकाफ कमेटी सदर अतीक भारती,मंजू नेता, बुलंद इकबाल, अज़ीम पठान, पूर्व पार्षद रफीक सहारा, गाज़ी खान को छबड़ा पुलिस स्टेशन में बुलाकर फोरम के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात करवाई. सभी लोगों ने प्रतिनिधि मण्डल के सामने पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार बंसल को समाज को हो रही परेशानियों से अवगत करवाया और निष्पक्ष कार्यवाही कर दोषियों को सजा देने का आग्रह किया.
क्या है राजस्थान मुस्लिम फोरम ?
राजस्थान मुस्लिम फोरम राजस्थान के मुस्लिम समुदाय के सभी सामाजिक संगठनों का एक संयुक्त संगठन है जिसमें सभी संगठनों के पदाधिकारी शामिल हैं. यह संगठन प्रदेश में मुस्लिम समुदाय से जुड़े हुए मुद्दों पर आवाज़ उठाता रहता है.
राजस्थान मुस्लिम फ़ोरम के सेक्रेटरी और जमात-ए-इस्लामी हिंद राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष मोहम्मद नाज़िमुद्दीन ने बताया कि छबड़ा में हुई आगजनी और साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं अत्यंत चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि शनिवार को कुछ लड़कों के बीच हुई मामूली विवाद की घटना को स्थानीय पुलिस गंभीरता से लेते हुए एहतियाती क़दम उठाती तो हिंसा और अगज़नी को टाला जा सकता था.
उन्होंने कहा कि कुछ संगठनों ने इस मामूली घटना को साम्प्रदायिक रूप दे दिया. उन्होंने प्रशासन से यह मांग की कि इस बात की जाँच की जानी चाहिये कि पूरे प्रदेश में महामारी अधिनियम लागू होते हुए भी इतनी बड़ी संख्या में आस पास के गांवों से लोग छबड़ा में कैसे इकट्ठा हो गए? छबड़ा में कई जगह उपद्रवियों ने निरपराध व्यापारियों की दुकानों में तोड़ फोड़ की और कई दुकानों और वाहनों में भी आग लगा दी, पुलिस प्रशासन को ऐसे उपद्रवियों पर निष्पक्ष होकर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए और बेक़ुसूर लोगों को परेशान नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि हम सरकार से यह मांग करते हैं कि जिन लोगों का भी इस आगजनी में नुक़सान हुआ है उन्हें नुक़सान का आंकलन कर उचित मुआवज़ा दिया जाए.
उन्होंने यह भी कहा कि जाति धर्म से पहले सब लोग इंसान हैं, हिंदू मुसलमान सब आपस में भाई हैं, आगजनी में जिसकिसी का भी नुकसान हुआ है हमें सबसे हमदर्दी है, यह पूरी इंसानियत का नुकसान है. हम आम जनता से शांति एवं सद्भावना बनाए रखने एवं प्रशासन का सहयोग करने की अपील करते हैं.
फोरम के प्रतिनिधि मंडल ने प्रशासन से की यह मांग 
1. रमज़ान , नवरात्रा को देखते हुए कर्फ्यू में ढील दी जाए.
2. जो आरोपी है सिर्फ उन्हें ही गिरफ्तार किया जाए, निर्दोष लोगों को नहीं पकड़ा जाए
3. मुस्लिम समाज की जिन दुकानों में तोड़ फोड़ और आगजनी हुई है, उनकी FIR दर्ज कर कार्यवाही की जाए
4. दुकानदारों को हुए नुकसान का आंकलन कर उचित मुआवजा दिया जाए
5. आरोपियों की गिरफ्तारियों में किसी तरह का पक्षपात नहीं किया जाए
6. जिन लोगों ने मामूली विवाद को सांप्रदायिक तनाव का रूप दिया, सोशल मीडिया पर मैसेज भेज कर गांवों से लोगों को इकट्ठा किया, जबरन बाजार बंद करवाया, दुकानों में तोड़ फोड़ की,मस्जिद पर पथराव किया उन्हें गिरफ्तार किया जाए
7. समाज के प्रबुद्ध जनों और दोनों पक्ष के जिन लोगों का भी नुकसान हुआ है उन्हें साथ बिठाकर साम्प्रदायिक सौहार्द बनाने की पहल की जाए।
8. बाहर से आकर भड़काऊ भाषण देने वाले लोगों पर रोक लगाई जाए
9. जिन अधिकारियों की लापरवाही से यह घटना हुई है उन पर कार्यवाही की जाए
10. जो सामाजिक कार्यकर्ता राहत सामग्री बांटना चाहते हैं उन्हें इसकी परमिशन दी जाए
क्या है पूरा मामला
राजस्थान में बारां जिले के छबड़ा कस्बे में दो समुदाय के युवकों में बाइक खड़ी करने को लेकर शनिवार को हुई कहासुनी और झगड़े ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया था. रविवार को दोपहर में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में दंगाईयों ने दोनों समुदाय के लोगों की करीब दो दर्जन दुकानों में आग लगा दी थी. जिसके बाद बारां जिला कलेक्टर राजेंद्र विजय ने हालात बेकाबू होने पर छबड़ा कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया था जो 6 दिन बाद अब तक जारी है.
कोटा संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा ने अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए पूरे बारां जिले में 48 घंटे के लिए इंटरनेट सेवा और एसएमएस सेवा को बंद कर दिया था लेकिन हालात को देखते हुए छबड़ा कस्बे में और आस पास के इलाकों में अब भी इंटरनेट सेवा को बंद रखा गया है.
लोग हो रहे हैं कर्फ्यू से परेशान 
रविवार शाम से ही कर्फ्यू लगा होने की वजह से लोग परेशान हो रहे हैं. 6 दिन बाद भी अब तक कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई है. लोग दूध, सब्जी, दवाई और जरूरत की चीजों के लिए भी परेशान हो रहे हैं. रमज़ान और नवरात्रा होने के वजह से रोजा और उपवास रखने वाले लोगों को भी खासा परेशान होना पड़ रहा है.
इस बारे में बारां एसपी विनीत बंसल से बात करने पर उनका कहना है कि हम हालात पर नज़र बनाए हुए हैं, हालात सामान्य होने पर ही कर्फ्यू में ढील दी जाएगी. अभी दोषियों की पहचान कर उनको गिरफ्तार किया जा रहा है.
 कैसे भड़की सांप्रदायिक हिंसा ?
शनिवार को शाम 5 बजे छबड़ा के धरनावदा चौराहे पर बाइक खड़ी करने को लेकर कहासुनी होने पर हुए झगड़े में दो युवक कमल सिंह गुर्जर और राकेश नागर गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है, जिनका अभी उपचार चल रहा है.
इस झगड़े की ख़बर मिलने पर हिंदू संगठनों द्वारा छबड़ा पुलिस स्टेशन पर धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया गया और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई. छबड़ा पुलिस ने थानाधिकारी रामानंद यादव के नेतृत्व में 5 आरोपियों में से 3 आरोपियों आबिद,समीर और फरीद को शनिवार शाम 8 बजे गिरफ्तार कर लिया गया. प्रदर्शनकारी दो अन्य आरोपी असलम तोता व बिट्टू की गिरफ्तारी की भी मांग कर रहे थे. जिस पर पुलिस ने 24 घंटे में अन्य दो आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर धरने को समाप्त करवा दिया.
शनिवार शाम को ही घायल युवकों के समर्थकों ने धरनावदा चौराहे पर एकत्रित होकर समुदाय विशेष की कुछ दुकानों में भी तोड़फोड़ कर दी और गरीब अंडे वाले के अंडे भी फोड़ दिए.
घटनाक्रम के बाद आसपास के थानों की पुलिस छबड़ा में तैनात कर दी गई है और अतिरिक्त पुलिस बल भी छबड़ा में लगाया गया है.
रविवार को सुबह से ही हिंदू संगठनों के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बाजार बंद करवाना शुरू कर दिया और हिल व्यू कालोनी में स्थित हिल व्यू होटल रिसोर्ट और समुदाय विशेष की कुछ दुकानों में तोड़फोड़ कर दी. कथित रूप से कुछ उपद्रवियों ने हिल व्यू कालोनी में स्थित एक मस्जिद पर भी पथराव कर दिया. साथ ही इंद्रा कालोनी में स्थित सब्जी मंडी में समुदाय विशेष की दुकानों में आग लगा दी.
इस बात की खबर समुदाय विशेष के लोगों को मिलने पर उनमें आक्रोश फेल गया और उपद्रवियों ने अलीगंज बाजार में स्थित कुछ दुकानों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी.
देर शाम तक दोनों समुदाय की तरफ से आगजनी की घटनाओं की ख़बर आ रही थी जिसके बाद प्रशासन ने छबड़ा कस्बे में कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी.
क्या कहना है क्षेत्रीय विधायक का?
छबड़ा विधानसभा से भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने  बताया कि छबड़ा में हुई घटना निंदनीय है. उनका कहना था कि शनिवार शाम लड़कों के बीच हुई घटना को अगर स्थानीय पुलिस गंभीरता से लेती तो आज की घटना टाली जा सकती थी. शनिवार की घटना के बाद वहां के स्थानीय लोगों को लगता कि पुलिस सुस्ती छोड़कर कार्यवाही कर रही है तो आज की दुर्घटना घटित नहीं होती. यह स्थानीय पुलिस की नाकामी है कि छबड़ा में आजाद सर्किल से लेकर अलीगंज व लोटाभैरुं में भारी नुकसान हुआ, जिसमें निरपराध व्यापारियों की दुकानें जलाई गई. मैं लोगों से शांति-सद्भावना बनाए रखने की अपील करता हूं और पुलिस को आगाह करता हूं कि बेकसूर लोगों को झूठे मुकदमों में न फंसाया जाए.
औकाफ कमेटी के सदर अतीक भारती ने बताया कि आगजनी की जो भी घटनाएं हुई हैं वो सब दुखदायी है. हमारी हमेशा से ही यही कोशिश रही है कि क्षेत्र में शांति और सौहार्द बना रहे लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों के वजह से पूरे क्षेत्र का माहौल खराब हो गया है. हमने पुलिस प्रशासन को पहले ही आगाह किया था कि कुछ लोग क्षेत्र का माहौल खराब करना चाहते हैं ऐसे लोगों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए लेकिन पुलिस प्रशासन ने हिंदू संगठनों के दंगाईयों को गिरफ्तार करने की जगह उन्हें उपद्रव करने दिया जिससे क्षेत्र का माहौल खराब हुआ.

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