फिलिस्तीन के समर्थन और इजराइल के विरोध में जयपुर में हुई जनसभा


राजस्थान की राजधानी जयपुर में एमडी रोड़ मुस्लिम मुसाफिर खाने के सामने शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद फिलिस्तीन के समर्थन में एक जनसभा का आयोजन किया गया. जनसभा का आयोजन राजस्थान के विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संगठनों के संयुक्त संगठन राजस्थान मुस्लिम फोरम द्वारा किया गया था. जनसभा में विभिन्न वक्ताओं ने फिलिस्तीन पर इजराइल के हमले का विरोध करते हुए उपस्थित लोगों को संबोधित किया. जनसभा (इजलास) का आगाज़ दुआ के साथ हुआ जिसमें हालिया दिनों में इज़राइल द्वारा लगातार फिलिस्तीन और गाज़ा में हो रहे आतंकवादी हमलों में जो सैकड़ों मजलूम नौजवान, बुजुर्ग, औरतें, मासूम बच्चे शहीद किए गए है, उनके लिए दुआएं कराई गई.

जनसभा में मौजूद विभिन्न धार्मिक सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने फिलिस्तीन और गाजा पर हो रहे जुल्मों सितम पर केंद्र सरकार की दोहरी नीतियों, यूनाइटेड नेशन (UNO) और अन्य देशों द्वारा फिलिस्तीन के निहत्थे आम नागरिकों का खाना पानी बंद करने, हॉस्पिटल पर हमला करने और अन्य जरूरत की चीजों पर पाबंदी लगाने जैसी जालिमाना हरकतों पर कायराना ख़ामोशी इख्तियार करने की कड़ी निंदा की गई और सभी देशों से फिलीस्तीन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने की अपील की गई.

राजस्थान मुस्लिम फोरम की ओर से फिलिस्तीन के निर्दोष बेकसूर नागरिकों के हक और इंसाफ के लिए और जालिमों के विरोध में शांतिपूर्ण दुआइयां इजलास किया गया, इस इजलास में हजारों की तादाद में बच्चे, बूढ़े और नौजवानो ने शिरकत करके जिंदादिली का सबूत पेश किया.

इजलास में राजस्थान मुस्लिम फॉरम की और से सर्वसम्मति से कुछ प्रस्ताव भी पारित किए गए, जो निम्नलिखित हैं

– यह इजलास ए आम मासूम फिलिस्तीनी अवाम और उन के घरों पर इसराइल की और से की जा रही बमबारी की शदीद अलफ़ाज़ में मज़म्मत (कठोर शब्दों में कड़ी निंदा) करता है.

– यह इजलास ए आम इसराइल को इस बात की तंबीह करता है की उसको अपने ज़ुल्म से फ़ौरन बाज़ आना चाहिए.

– यह इजलास ए आम इस बात की पुरज़ोर अपील करता है की इसराइल को फ़ौरन फिलिस्तीन की ज़मीन खाली करनी चाहिए.

– यह इजलास ए आम इसराइल के ज़रिये फिलिस्तीनी अवाम की नस्ल कुशी के ख़िलाफ अपने शदीद ग़म व ग़ुस्से का इज़हार करता है.

– यह इजलास ए आम मासूम फिलिस्तीनी बच्चों, हॉस्पिटल में भर्ती मरीज़ो पर इसराइल के ज़रिये की जा रही रॉकेट की बारिश, बम्बारी के ख़िलाफ आलमी बिरादरी को आह्वान करता है की वह इस इंसानियत सोज़ मज़ालिम के ख़िलाफ इसराइल से अपने रिश्ते क़ता ताल्लुक़ करे, और इसराइल को आलमी बिरादरी से अलग थलग किया जाए.

– यह इजलास ए आम दुनिया के तमाम मुल्को से गुज़ारिश करता है की वह इसराइल को फ़ौरन से पेशतर हमले बंद करने के लिए पाबंद करे.

– यह इजलास ए आम अरब मुल्कों को “कुल्लु मुस्लिम इखवा” पर अमल करने की याद दिहानी कराता है और मासूम फिलिस्तीनी अवाम के साथ पूरी ताक़त से खड़ा होने की गुज़ारिश करता है.

– यह इजलास ए आम तमाम अमन व इंसाफ पसंद अवाम से अपील करता है की वह इसराइल के प्रोडक्ट का बॉयकॉट करें.

– यह इजलास आम दुनिया के तमाम मुल्को को महात्मा गांधी के उन अल्फाज़ पर अमल करने की ताक़ीद कराना चाहता है जिस में महात्मा गांधी ने कहा था की जिस तरह फ़्रांस फ्रांसीसियो का है, इंग्लैंड इंग्लैंड के रहने वालों का है उसी तरह फिलिस्तीन फिलिस्तीन में रहने वालों का है.

– यह इजलास ए आम मौजूदा मरकजी हुकूमत (केंद्र सरकार) को उन अल्फाज़ को याद दिलाता है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था की अरबों की जिस ज़मीन पर इसराइल क़ब्ज़ा कर के बैठा है वह ज़मीन उसको खाली करना होगी, जो फिलिस्तीनी है उनके उचित अधिकारों की पुनः स्थापना होनी चाहिए, इसलिए मौजूदा मर्किज़ी हुकूमत (केंद्र सरकार) को इस मौक़फ की ताईद करते हुए अपने ज़िम्मेदारी भरपूर तरीके से निभानी चाहिए.

– यह इजलास आम आलमी बिरादरी से गुज़ारिश करता है की बेंजामीन नेतान्याहु और पूरी इसराइल की हुकूमत पर आलमी अदालत में जंगी क़्वानीन की ख़िलाफ वर्ज़ी करने पर मुक़दमा चलाऐ.

– यह इजलास आम फिलिस्तीन के हक़ में आवाज़ – उठाने वाले फिलिस्तीन की ज़मीन पर उसका हक़ तस्लीम करने वाले उन तमाम इदारों तंज़ीमों और अवाम को तहसीन की निगाह से देखता है, और उनसे गुज़ारिश करता है की इसराइल पर दबाव बनाये की वह अपने ज़ुल्म से बाज़ आए.

इजलास में शिया जामा मस्जिद के ईमाम नाजिश अकबर, जमाते ए इस्लामी हिंद के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नाजीमुद्दीन, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष वकार अहमद खान, वहदत ए इस्लामी के साजिद सेहराई, एसडीपीआई के प्रदेश अध्यक्ष डॉ शहाबुद्दीन खान, मिल्ली काउंसिल के एडवोकेट मुजाहिद नकवी, तंजीम ए मिल्लत के सदर हाफिज मंजूर, जमियत उलेमा के मुफ्ती शफीक कायमखानी, मुफ्ती शहाबुद्दीन कासमी, राजस्थान मुस्लिम फोरम के मेंबर नईम रब्बानी, नईमुद्दीन कुरैशी, शौकत कुरैशी, फसीहुद्दीन आदि मौजूद रहे.


 

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