जानिए कौन कौन हो सकते हैं राजस्थान में कांग्रेस के लोकसभा उम्मीदवार!

राजस्थान की सभी पच्चीस लोकसभा सीटों से कांग्रेस ने उम्मीदवार लगभग तय कर लिये है। उम्मीदवारों को तय करते समय पहले से तय सभी मापदंडों से किनारा करते हुये मात्र जिताऊ उम्मीदवार के मापदंड को मध्य नजर रखते हुये मंत्री, विधायक व विधानसभा का चुनाव हार चुके नेताओं को भी उम्मीदवार बनाया जाना तय हो चुका है।

हालांकि राजस्थान के लोकसभा उम्मीदवार बनने की चाहत मे भागदोड़ करने वाले बडे नेताओं मे रामेश्वर डूडी एक मात्र नेता ऐसे होंगे जिनको टिकट मिलने से वंचित होना पड़ सकता है। बाकी जिन नेताओं को उम्मीदवार बनाया जा रहा है उनमें विधानसभा का चुनाव हार चुके रघूवीर मीणा को उदयपुर से तो मंत्री लालचंद कटारिया को जयपुर ग्रामीण व रघू शर्मा को अजमेर से टिकट मिल सकता है। इनके अलावा महेश जौशी को जयपुर शहर और सीपी जौशी को भीलवाड़ा से चुनाव लड़ाने की सिफारिश राजस्थान स्क्रीनिंग कमेटी ने केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) से करने की खबर है।

राजस्थान मे अलवर से भंवर जितेन्द्र, सीकर से सुभाष महरिया, झूंझुनू से राजबाला, नागौर से ज्योती मिर्धा, कोटा से एकता धारीवाल, झालावाड़-बारां से उर्मिला जैन, बाड़मेर-जैसलमेर से मानवेंद्र सिंह, जोधपुर से वैभव गहलोत, पाली से बद्री जाखड़, टोंक-सवाईमाधोपुर से नमोनारायण मीणा सहित अधिकांश उम्मीदवारों के वही नाम तय हुये है जो पहले से दौड़ मे आगे चल रहे थे।चूरु की सीट पर किसी मुस्लिम उम्मीदवार को उतारना तय हुआ है।

कांग्रेस मिशन-25 के तहत राजस्थान की अधिकतम सीट जीतना चाहती है। जबकि इसके विपरीत भाजपा की उम्मीदवार चयन को लेकर आज दिल्ली मे अंतिम बैठक हो रही है। जिस बैठक के बाद काफी हद तक उम्मीदवारी पर छाये बादल छंट जाएंगे।

कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान कांग्रेस द्वारा तैयार पेनल पर केंद्रीय चुनाव समिति की आज की बैठक मे विचार विमर्श होकर सभी उम्मीदवार तय कर लिये जायेंगे। उम्मीदवारों की पहली सूची बाईस मार्च को जारी करना तय माना जा रहा है।

सिंगल नाम वाले अधिकांश उम्मीदवारो को इशारा होने के बाद से उन्होने अपने ढंग से चुनाव प्रचार करना शूरु कर दिया है। इसके विपरीत इन चुनावों मे पहली दफा देखा जा रहा है कि भाजपा की रीढ़ माने जाने वाले माली व गुर्जर मतदाताओं का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के साथ साथ हेलीकॉप्टर मे घूमकर चुनाव प्रचार व सभाऐ करने से उनका रुझान कांग्रेस की तरफ खींचा चला आ रहा है।

अशफ़ाक़ कायमखानी

(लेखक राजनीतिक विश्लेषक है)

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