राजस्थान लोकसभा उम्मीदवार चयन में भाजपा हाईकमान किसके दबाव में है!

लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले व बाद मे भाजपा को लेकर खासी चर्चा थी कि राजस्थान लोकसभा उम्मीदवार चयन करते समय पार्टी अध्यक्ष अमित शाह राज्य नेताओं की परवाह ना करते हुए वर्तमान सांसदो की टिकट काटकर और नये नेताओं को उम्मीदवार बनाकर फिर से मिशन-25 पाने की कोशिश करेंगे। लेकिन भाजपा के सोलह उम्मीदवारो की जारी पहली सूची में केवल एक झूंझुनू से वर्तमान सांसद संतोष अहलावत का ही टिकट काटा गया है।

खबरें आ रही थी कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को उनकी इच्छा के विपरीत उनके पूत्र दूष्यंत सिंह के स्थान पर झालावाड़-बांरा लोकसभा सीट से पार्टी हित मे उम्मीदवार बनना पड़ेगा। लेकिन सूची आने के बाद ऐसा लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने जो चाहा वही पार्टी हाईकमान को करना पड़ा। राजनीतिक सूत्र बताते है कि जब वर्तमान सांसदो को मालूम चला कि उनकी जगह नये उम्मीदवार उतारे जा सकते है, तो उसके बाद सभी सांसदो ने सामुहिक व व्यक्तिगत स्तर पर दबाव बनाकर अपनी बात को ठीक से पहुंचा दिया। हाईकमान को लगा कि टिकट कटने पर सांसद बगावत करके भाजपा उम्मीदवार के सामने ताल ठोककर परेशानी खड़ी कर सकते है।

पार्टी ने सुरक्षात्मक पक्ष को अपनाते हुये अधिकांश वर्तमान सांसदो के नाम पहली सूची मे जारी कर दिये। संतोष अहलावत जो कि झुंझुनूं से वर्तमान सांसद है उन्होंने टिकट कटने के बाद अगले दिन अपने क्षेत्र में अपने हजारों समर्थकों की बैठक करके सख़्त बाग़ी तेवर दिखाए है। झूंझुनू की वर्तमान भाजपा सांसद संतोष अहलावत के टिकट कटने के बाद सुरजगढ मे अपने समर्थकों की मीटिंग करके कड़ा रुख अपनाने के बाद भाजपा खेमे मे खासी हलचल हो रही है। अगर अहलावत किसी अन्य दल से या फिर निर्दलीय उम्मीदवार की हैसियत से झुंझुनूं लोकसभा से ही चुनाव लड़ती है तो भाजपा उम्मीदवार के सामने बडी दिक्कत खड़ा कर सकती है।

2014 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा के उम्मीदवार सभी पच्चीस सीटो पर जीत दर्ज की थी। लेकिन दो सांसद चांदनाथ व सावंरमल जाट के निधन के बाद अलवर व अजमेर में हुये उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवारो ने जीत दर्ज करने के बाद भाजपा के कुल तेईस सांसद रह गये थे। इन तेईस सांसदों मे से दौसा सांसद हरीश मीणा विधानसभा चुनाव मे पाला बदल कर कांग्रेस उम्मीदवार की हैसियत से देवली से चुनाव लड़कर विधायक बन चुके हैं। यानि पच्चीस में से मौजूदा समय में भाजपा के बाईस सांसद वर्तमान में है। जिनमें से मात्र एक वर्तमान सांसद अहलावत की टिकट काटी गई है और चौदह वर्तमान सांसदो को फिर से उम्मीदवार बनाने की घोषणा हो चुकी है। बाकी बचे सात वर्तमान सांसदों ने भी अपनी टिकट पक्की करने के लिया दबाव बना रखा है।

इसके अलावा कांग्रेस के दो वर्तमान सांसदो के क्षेत्र में से एक अजमेर से भाजपा ने भागीरथ चौधरी को उम्मीदवार बनाया है जबकि अलवर से उम्मीदवार की घोषणा होना बाकी है। एवं दौसा के वर्तमान भाजपा सांसद के पाला बदल कर कांग्रेस विधायक बनने से वहां भाजपा को नया चेहरा मैदान मे उतारना ही होगा।

कुल मिलाकर यह है कि बगावत के डर से एवं वर्तमान सांसदो के भारी दबाव के चलते भाजपा हाईकमान चाहते हुये भी टिकट काटने का साहस जुटा नही पा रहे है। राजनीतिक सूत्रोनुसार टिकट को लेकर राजस्थान के वर्तमान भाजपा सांसदों के दबाव के कारण भाजपा भारी दवाब महसूस कर रही बताते है।

-।अशफाक कायमखानी।

(लेखक एक राजनीतिक विश्लेषक हैं, विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में इनके लेख छपते रहते हैं)

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