सांभर झील पक्षी त्रासदी : केंद्रीय कमेटी ने दिए राज्य को सुझाव, बेनीवाल ने उठाया था संसद में मुद्दा

राजस्थान के सांभर में हुई हजारो पक्षियों की त्रासदी के मामले को लेकर आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा मामला उठाये जाने के बाद केंद्र सरकार ने गठित की थी कमेटी


राजस्थान के सांभर झील में पिछले साल नवंबर में हुई हजारों प्रवासी पक्षियों की त्रासदी के मामले में केंद्र की ओर से गठित कमेटी ने राज्य सरकार को अहम सुझाव दिए हैं। गौरतलब है सैकड़ों की संख्या में सांभर झील के पास प्रवासी पक्षियों के मृत पाए जाने की घटना के सामने आने के बाद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा सत्र के दौरान यह मुद्दा केंद्र सरकार के सामने उठाया था।

केंद्र को इस मामले में अवगत कराने के बाद भारत सरकार की ओर से एक कमेटी का गठन किया गया जिसने मौका स्थिति देखकर मामले के जमीनी दावपेंच समझें और रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी।

अब रिपोर्ट की जानकारी केंद्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सांसद बेनीवाल को पत्र लिखकर उपलब्ध करवाई है जिसके मुताबिक, केंद्र ने राजस्थान सरकार के जिम्मेदारों के साथ कमेटी ने विस्तृत चर्चा करके पक्षी त्रासदी के कारणों पर जांच की साथ ही पक्षियों के रहने व उनके संरक्षण को लेकर कई बिन्दुओ पर एक रिपोर्ट भारत सरकार व राज्य सरकार को प्रस्तुत की है।

वहीं सांसद बेनीवाल ने बताया कि, सांभर पक्षी त्रासदी ने पर्यावरण व पक्षी प्रेमियों के हृदय को झकझोर करने वाली घटना थी, निकट भविष्य में प्रवासी पक्षियों के साथ ऐसी त्रासदी नही हो इसलिए केंद्र की कमेटी के सुझाव व राज्य सरकार के विशेषज्ञों के सुझाव पर राजस्थान सरकार को उच्च स्तरीय कदम उठाने की जरूरत है, साथ ही कहा कि पर्यावरण संरक्षण सबका सामूहिक दायित्व है ऐसे में राजस्थान सरकार को बिना किसी राजनैतिक भेदभाव के केंद्र के सुझाव को अमल में लाने की जरूरत है।

साभार – Down To Earth

मालूम हो कि पिछले साल नवंबर में झील के झपोक डैम और सांभर कस्बे से महज एक किमी दूर दादूदयाल महाराज की छतरी के आसपास के इलाकों में हजारों की संख्या में मृत प्रवासी पक्षी पाए गए थे, जिसके शुरूआती कारणों में मोटे तौर पर एवियन बोट्यूलिज्म (वायरस संक्रमण) को जिम्मेदार माना गया था, वहीं घटना का तमाम मीडिया रिपोर्ट्स सामने आने के बाद राज्य सरकार के संज्ञान लिया था।

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