आदिवासियों के लिए आवाज़ उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्‍टेन स्‍वामी का निधन !


ट्राइबल एक्टिविस्ट फादर स्टेन स्वाम़ी का आज अपराह्न 1:30 पर निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे और उनकी मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है। फादर स्टेन स्वामी भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामले में गिरफ्तार हुए थे। हाल ही में उनकी तबियत काफी ज्यादा बिगड़ गई थी। इसके बाद उन्हें मुंबई के होली फैमिली हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था।

सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार लिखते हैं कि,

झारखंड के सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टैन स्वामी जिन्हें फर्जी मामले में फंसा कर मोदी सरकार ने जेल में डाल दिया था, आज उनकी मृत्यु हो गई है.

वे 84 साल के थे और पार्किंसन की बीमारी से ग्रस्त थे. उन्होंने झारखंड की जेलों में गैरकानूनी तरीके से बंद 4000 आदिवासियों की सूची प्रकाशित करी थी. तब से वे सरकार के निशाने पर थे.

आदिवासियों के लिए आवाज उठाने की वजह से मोदी सरकार ने उन्हें भीमा कोरेगांव नाम के फर्जी मामले में फंसाया और जेल में डाल दिया.

गिलास पकड़ कर पानी पीते समय उनके हाथ कांपते थे उन्होंने स्ट्रा की मांग करी जिसके लिए अदालत ने एनआईए से कहा कि वह आकर के इस मामले पर चर्चा करें. इस तरह स्टैन स्वामी को छोटी छोटी चीजों के लिए परेशान किया गया.

कल उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और आज वे चल बसे. यह एक राजनीतिक हत्या है.

सरकार आदिवासियों की जमीनों पर पूंजी पतियों का कब्जा करा रही है. आदिवासी विरोध करते हैं तो उन्हें फर्जी मामलों में फंसाकर जेलों में डाल दिया जाता है.

जब कोई सामाजिक कार्यकर्ता उन आदिवासियों के लिए आवाज उठाता है तो उसे भी फर्जी मामलों में फंसाकर जेल में डाल दिया जाता है और इस तरह हत्या कर दी जाती है. जैसे फादर स्टैन स्वामी को मार डाला गया.

यह सब गुस्सा दिलाने वाला और दिल में दुख पैदा करने वाला तो है, लेकिन भारत की जनता के लिए आवाज उठाने वाले लोग ना डरेंगे ना रुकेंगे ना झुकेंगे.

हम जान तो दे देंगे लेकिन न्याय और सच्चाई के लिए अपनी आवाज उठाते रहेंगे. फादर स्टैन स्वामी को हूल जोहार.

हिमांशु कुमार (सामाजिक कार्यकर्ता)


 

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