उन्नाव : फैसल ख़ान को पुलिस ने इतना मारा की पोस्टमार्टम में 12 जगह भयंकर चोट के निशान मिले हैं !


मृतक फैसल हुसैन के सर में पहले से एक चोट थी। लेकिन हिरासत में मृत्यु के पश्चात पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मृतक के कान के पिछ्ले भाग में एक गंभीर चोट के अतरिक्त कम से कम 12 अंदरूनी चोटों का खुलासा हुआ।

परिवार व स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किये जाने पर उन्नाव पुलिस ने 17 वर्षीय मृत फैसल हुसैन जिसकी शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के बंगरमऊ पुलिस थाना क्षेत्र में कथित रूप से टॉर्चर किए जाने के कारण मृत्यु हो जाने के मामले में एक होम गार्ड को गिरफ्तार लिया है।

होम गार्ड को पहले ही सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है जबकि दो कांस्टेबल्स को भी निलंबित किया गया है।

कांस्टेबल सुशील कुमार ने मीडिया से बात चीत में को बताया कि , ” होम गार्ड सत्यप्रकाश को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि कांस्टेबल्स चौधरी और सीमावत अभी निलंबित है।” कांस्टेबल शुशील कुमार ने आगे बताया कि इस मामले में अभी जांच चल रही है।

NDTV खबर के अनुसार पुलिस ने बताया है कि, ” निलंबित कांस्टेबल्स विजय चौधरी और सिमावत फरार है। उन्हें पकड़ने (खोजने) के प्रयास जारी है। दोनों की तलाश में कई स्थानों पर पुलिस ने छापा मारी की है।” इसके
अलावा पुलीस ने कहा है , “दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।”

पुलिस ने Clarion India को बताया है कि “जब फैसल को कथित रूप से आरोपी पुलिसकर्मियों द्वारा पीटा गया तो उसके सर में एक चोट थी।”

अस्पताल के एक डॉक्टर ने पत्रकारों दी गई जानकारी में बताया कि “फैसल को जब गंभीर हालत में पुलीस द्वारा अस्पताल लाया गया तो फैसल ने शिकायत की कि उसके पेट में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है।”

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने फैसल के शरीर पर बारह अंदरूनी चोटों सहित कान के पिछ्ले भाग में एक गंभीर चोट का भी खुलासा किया है।

फैसल की इस दुखद मृत्यू के पश्चात स्थानीय लोगो भीड़ ने उन्नाव हरदोई क्षेत्र के लखनऊ चोराह पर एक स्ट्रेचर पर मृतक के शरीर सहित सड़क जाम कर अपना विरोध प्रकट किया, विरोध में मृतक के घर वालों के अलावा स्थानीय लोग भी मौजूद थे। घटना से गुस्साए परिवार वालों ने उच्च पुलिस अधिकारियों पर आरोप लगते हुए मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।

फैसल के चचेरे भाई ने कहा है कि, ” फैसल की हत्या में उच्च पुलिस अधिकारियों का हाथ शामिल है। निम्न पुलिस कर्मियों ने अपने से उच्च अधिकारियों के आदेश पर फैसल की हत्या की।”

“हम मांग करते है कि वो सब जो मेरे भाई की हत्या में संलिप्त है उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाए और IPC की धारा 302 (हत्या) के तहत उन पर मुकदमा चलाया जाए।”

शनिवार को मृतक के परिवार वाले तथा स्थानीय लोग जब सख्त पुलिस सुरक्षा बल की उपस्थिति में सड़क पर विरोध कर रहे थे तो क्षेत्र कई स्थानीय राजनेताओं की भीड़ से भर गया जो इस मामले में परिवार के साथ एकता का भाव प्रकट करने आए थे।

इंडियन नेशनल कांग्रेस की राष्ट्रीय वक्ता शमा मोहम्मद ने इस घटना पर ट्वीट करते है हुए कहा कि, ” आरोपियों को केवल निलंबित ही क्यों किया गया? उन्हें दोषी करार दिया जाए और जो उन्होंने किया है उसके लिए सलांखो के पीछे डाला जाए। प्रशासन की शक्ति का इस तरह गलत उपयोग सभ्य समाज में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

इसी तरह AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि “इस बढ़ती हुई महामारी के दौर में भी मुसलमानों पर होने वाली हिंसाओ में कोई ठहराव नहीं आया है”

इस घटना ने सोशल मीडिया पर मुस्लिम एक्टिविस्ट्स के गुस्से को हवा दी है जो पूछ रहे है कि आखिर क्यों एक मुस्लिम युवक की पूलिस हिरासत में हत्या होने पर लोगो मे इतना कम आक्रोश है बनिस्बत इसके की जब पुलिस हिरासत में किसी नॉन मुस्लिम की हत्या होती है।

दिल्ली के एक लॉयर अनस तनवीर ने पूछा है कि, ” आप सब क्यों क्रोधित नहीं है? आखिर पुलिस के लिए आरोपियों को गिरफ्तार करना कितना मुश्किल है? क्यों लोग इस मामले में CBI जांच की मांग नहीं कर रहे है? ”

न्याय की मांग के अतरिक्त मृतक के परिवार वालों ने वित्तीय
तथा मृतक के निकट संबंधी के लिए सरकारी नौकरी दोनों तरह से मुआवजे लेने की मांग भी की है। शनिवार को मृतक के घर वाले पुलिस अधिकारियों से मिले जहां उनसे वादा किया गया कि उनकी मांगों पर विचार किया जाएगा।

मोहम्मद मोइन, फैसल के दूसरे चचेरे भाई जो एक सोशल एक्टिविस्ट भी है ने टेलीफोन पर हुई बातचीत में Clarion India को बताया कि ” क्षेत्र अधिकारी (CO) ने हमे आश्वासन दिया है कि फैसल के एक भाई को नौकरी दी जाएगी।”

मोइन ने बताया कि फैसल वैसे तो एक कार मैकेनिक था लेकिन हाल ही में Covid-19 लॉकडॉउन के कारण काम न मिलने के कारण अपना परिवार चलाने के लिए उसने सब्ज़ी बेचने का काम शुरू किया था।

फैसल शुक्रवार को अपने घर से ठेला लेजाकर पास ही के कस्बे बांगरमऊ (उन्नाव) में सब्ज़ी बेच रहा था यह वो समय था जब दो बाइक सवार पुलिसकर्मी कथित रूप से Covid-19 लोकडाउन की पालना करवाने के लिए सब्ज़ी विक्रेता, शॉपकीपर्स और राहगीरों का चालान बना रहे थे। पुलिस को देख फैसल सहित अन्य दुकान वालों ने भागने कि कोशिश की।” राजू खान एक चश्मदीद गवाह के अनुसार पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ कर बुरी तरह पीटा और अपने साथ पुलिस स्टेशन ले गए।

CCTV फुटेज के अनुसार जब फैसल को घसीट कर थाने ले जाया जा रहा था तो वह खड़ा रहने और पैदल चलने कि कोशिश कर रहा था।

स्पष्ट है कि उसे पुलिस कस्टडी में बुरी तरह पीटा गया और टॉर्चर किया गया और जब उसकी हालत बिगड़ी तो पुलिसकर्मी उसे अस्पताल ले गए। जब हम अस्पताल पहुंचे उस समय फैसल पहले से स्ट्रेचर पर अधमरा पढ़ा हुआ था।

राजू खान ने याद करके बताया कि उसकी आवाज़ में कराहट थी।

(Translated by Akram Ansari)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *