चुनाव आयोग से पहले ही बीजेपी IT Cell ने जारी की कर्नाटक चुनाव की तारीख़ें,क्या सुरक्षित नहीं रह गईं संवैधानिक संस्थाएँ!

कर्नाटक। भाजपा आईटी सेल के हेड का चुनाव आयोग से पूर्व ही चुनाव होने की तिथि की घोषणा करना भारतीय चुनाव आयोग को एक कठघरे में ले आया हैं।

विपक्ष ने इल्जाम लगाते हुए कहा कि भाजपा अब सुपर इलेक्शन कमीशन बन गया हैं और ये सीधे सीधे चुनाव आयोग को चुनोती हैं।
अमित मालवीय (बीजेपी आईटी सेल हेड)ने 27 मार्च को 11:08 बजे एक ट्वीट किया
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ओपी रावत (मुख्य चुनाव आयुक्त) ने 11 बजे जब प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू की जिसके 20 मिनट बाद पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर देखा तो वहाँ पर घोषणा से पूर्व ही तारीखे मिलना शुरू हो गयी थी। इसके बाद पत्रकारों ने सवाल पर सवाल ओपी रावत से करना शुरू कर दिए, जिसपर ओपी रावत का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं हैं और इस मामले की जांच की जायेगी।
ट्वीट को देखा जाए तो चुनाव की तारीख सही हैं किंतु नतीजो की तारीख गलत हैं।
सोशल मीडिया पर जब सवाल उठने लगे तो अमित मालवीय ने ट्वीट डिलीट कर दिया।

हालांकि अब चुनाव आयोग पर ये सवाल उठता हैं कि-
क्या चुनाव आयोग पर भी भाजपा ने अपना कब्जा जमा लिया हैं?
क्या चुनाव आयोग पर जनता भरोसा कर पाएगी?
क्या जितने भी चुनाव हुए उन सब के नतीजो में भाजपा के निर्णय थे?

कोंग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा “अमित मालवीय ने 11 बजे चुनाव की तारीखों वाला ट्वीट किया। इसका मतलब भाजपा मतदान की तारीखों को लेकर चुनाव आयोग को हुक्म दे रही है। मैं अपेक्षा करता हूं कि चुनाव आयोग संविधान और कानून के तहत काम करे और सूचनाएं उजागर न करे। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।”

कर्नाटक चुनाव की तारीखे
नामांकन 17 अप्रेल
नामांकन पत्रो की जांच 25 अप्रेल
नामांकन वापसी की तारीख 27 अप्रेल
वोटिंग 12 मई
नतीजे 15 मई

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