राजस्थान

संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए भारतीय भाषा समिति की कोशिश “सरलमानकसंस्कृतम्”

By Raheem Khan

March 16, 2024

सीकर। शिक्षा मंत्रालय की भारतीय भाषा समिति द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर में “सरलमानकसंस्कृतम्” विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य संस्कृत को सरलता और सहजता से सीखने के तरीकों पर चर्चा करना था।

कार्यशाला का आयोजन केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. डम्बरुधर पति, डॉ. देवकरण शर्मा, डॉ. प्रमोद कुमार बुटोलिया और डॉ. रामेश्वरदयाल शर्मा उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार राय ने कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा कि संस्कृत भारतीय ज्ञान प्रणाली का आधार है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 में भारतीय ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा को सरल और सहज तरीके से सीखने के लिए इस तरह की कार्यशालाएं बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि जिस भाषा में हमारी रुचि होती है वो भाषा मुश्किल नहीं लगती।

कार्यशाला के संयोजक डॉ. डम्बरुधरपति ने कहा कि सरलमानकसंस्कृतम् कार्यशाला संस्कृत भाषा को सिखाने का एक सरल और प्रभावी तरीका है। उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्व की एकमात्र ऐसी भाषा है जिसको वैज्ञानिक भाषा कहा जाता है। संस्कृत को जिस तरह से बोला जाता है उसी तरह से ही लिखा जाता है। इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को सरलमानकसंस्कृतम् के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी गई।

उन्होंने कहा कि सरलमानकसंस्कृतम् कार्यशाला संस्कृत भाषा को सरलता और सहजता से सीखने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस तरह की कार्यशालाओं से संस्कृत भाषा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ने की उम्मीद है।

कार्यशाला के कोऑर्डिनेटर सहायक कुलसचिव डॉ संजीव कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रहीम खान,  डॉ मनेश कंवर और आरजू अवस्थी रहे। सभी अतिथियों का स्वागत सहायक कुलसचिव डॉ संजीव कुमार ने और धन्यवाद ज्ञापित डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ रविंद्र कुमार कटेवा ने किया। कार्यक्रम में मंच संचालन सहायक आचार्य आरजू अवस्थी ने किया। इस अवसर पर डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ रविंद्र कुमार कटेवा, वित्त नियंत्रक महेश चंद्र शर्मा, सहायक कुलसचिव डॉ संजीव कुमार, सुरेंद्र कुमार, पंकज सिंह, डॉ रमेश, डॉ स्वाति, डॉ महेश, डॉ राजेंद्र, डॉ गिरधारी, विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्‌यक्रमों के सभी शिक्षकगण और विद्यार्थी उपस्थित रहे।