योगी सरकार : मिड डे मील में परोसा जाने वाला जहर और दांव पर लगी मासूमों की जिंदगी !


अगर देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में राम राज्य कायम हो गया है तो यह राज्य की सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले मासूमों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रहा है, पिछले दिनों जब राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार के ढ़ाई साल पूरा होने पर अपनी तारीफ में खोखले सरकारी आंकड़े पेश कर रहे थे तो इन बच्चों की जिंदगी से होता खिलावाड़ उन पन्नों से नदारद था।

जी हां, यूपी की सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे मिड-डे मील के नाम पर कभी नमक रोटी तो कभी एक लीटर दूध में बाल्टी पर मिला पानी पीने को मजबूर है। सिलसिला यहीं नहीं रूकता है ताजा वाकये के मुताबिक अब बच्चों की थाली में मरा हुआ चूहा तक परोस दिया गया है।

 

यूपी की मिड-डे मील के अब यह हालात है कि अगर बच्चा सुबह घर से स्कूल के लिए निकला है तो वापस लौटेगा या नहीं, इस बारे में दावे के साथ कहना मुश्किल है, क्योंकि योगी सरकार बच्चों को खुलेआम जहर परोस रही है।

नमक रोटी खाते बच्चों का वीडियो वायरल  

22 अगस्त को जमालपुर के ग्राम सभा हिनौता के सीयूर प्राथमिक विद्यालय जिसमें 100 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं, का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होता है जिसमें बच्चे स्कूल में नमक और रोटी खाते हुए दिख रहे थे।

बताया गया कि मिड डे मिल में स्कूल के कर्मचारियों ने बच्चों को रोटी और नमक परोसा। इसके बाद योगी सरकार की काफी किरकिरी हुई तब प्रशासन ने रसोइयां और मिड-डे-मील के शिक्षक इंचार्ज को संस्पेंड किया था।

 

दरअसल इस मामले में सबसे दुर्भागयपूर्ण जो हुआ वह यह कि स्कूल में बच्चों को नमक-रोटी खिलाए जाने की खबर का खुलासा करने वाले स्थानीय अखबार के पत्रकार पवन जायसवाल पर ही पुलिस ने केस ठोक दिया।

इस रोटी-नमक कांड में खंड शिक्षा अधिकारी की तहरीर पर पत्रकार पर वीडियो वायरल कर छवि खराब करने जैसे आरोप समेत 120-बी, 186,193 और 420 जैसी धाराएं लगा दी गई।

एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाकर बच्चों को परोसा

गली में दूध बेचने वाला भी इस भ्रष्टाचार को देखकर एक बार के लिए शरमा जाए। जी हां, यूपी के सोनभद्र जिले में मिड दे मील में एक लीटर दूध में एक बाल्टी पानी मिलाकर बच्चों को परोस दिए जाने का मामला सामने आया।

सोनभद्र के चोपन विकासखंड के कोटा ग्राम पंचायत के सलईबनवा प्राथमिक विद्यालय में एक लीटर दूध को 81 बच्चों में बांटा गया और इस नामुमकिन काम को अंजाम एक बाल्टी पानी मिलाकर दिया गया।

अब आप इस बात का सिर्फ अंदाजा ही लगा सकते हैं कि अगर उस दिन 171 बच्चों वाली इस स्कूल में फुल अटेंडेंस होती तो शायद बच्चों के नसीब में कितनी बाल्टी पानी होता।

नमक रोटी, पानी और अब दाल-चावल में मरा हुआ चूहा

ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का है जहां एक स्कूल में मिड डे मील की दाल में मरा हुआ चूहा पाया गया। दाल में चूहे के होने की बात सामने आने तक कितने ही बच्चों और स्टाफ ने यह दाल खा ली थी, जिसके बाद उनकी तबियत खराब हुई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मुजफ्फरनगर के इस स्कूल में रोजाना आने वाला मिड-डे मील, हापुड़ में स्थित जन कल्याण संस्था बनाती है।

गौरतलब है कि बच्चों में पोषण के स्तर को सुधारने के उद्देश्य से शुरू की गई मिड-डे मील योजना के तहत 6ठी से 8वीं कक्षा तक के छात्रों को रोज स्कूल में भोजन दिया जाता है।

मिड-डे मील योजना के भ्रष्टाचार में उत्तर प्रदेश नंबर वन पर

देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने का दावा करने वाली बीजेपी सरकार के दावे आंकड़ों की हक़ीक़त में महज हवाई दावे हैं। जी हां, बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश और बिहार मिड-डे मील योजना के भ्रष्टाचार में नंबर वन और नंबर दो पर है।

हाल में जारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश से मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार की 14 शिकायतें मिली, जो कि किसी भी अन्य राज्य से सबसे ज्यादा है। आपको बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर से मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार की कुल शिकायतें 52 हैं। 

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