समाज

आदर्श परिवार में एक दूसरे के प्रति समर्पण और त्याग का भाव होता है-रूबीना अबरार

By Raheem Khan

February 22, 2021

“एक आदर्श परिवार में एक दूसरे के प्रति समर्पण व त्याग का भाव होता है।” ये शब्द जमाअते इस्लामी हिन्द की प्रदेश महिला सचिव रूबीना अबरार ने कहे। वो जयपुर के पिंक सिटी प्रेस क्लब में ‘आदर्श समाज में परिवार की भूमिका’ विषय पर जमाते इस्लामी हिन्द राजस्थान की महिला शाखा की ओर से आयोजित एक सिम्पोज़यम में बोल रही थीं।

उन्होंने बताया कि एक आदर्श इस्लामी परिवार में हर सदस्य की ज़िम्मेदारी भी तय होती है, और अधिकार भी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों के प्रभाव के कारण भारत की नई पीढ़ी विवाह की ज़िम्मेदारी उठाने से बचने लगी है, यह स्थिति समाज के सर्वांगीण विकास के मार्ग में रुकावट है। उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत कर बताया कि आज दूसरे देशों की भांति हमारे देश में भी परिवार बिखरने लगे हैं, और परिवार व समाज में एक दूसरे के प्रति आदर सम्मान की जगह स्वार्थ ने जन्म ले लिया है।

माँ भगवती गायत्री ट्रस्ट, गायत्री परिवार की वरिष्ठ सदस्य मोहिनी सैनी ने कहा कि परिवार में संस्कारों की महत्वपूर्ण भूमिका है।उन्होंने कहा कि चरित्र अच्छा होगा तो कर्म भी अच्छे होंगे।

जयपुर कैथोलिक धर्म प्रांत के मीडिया डायरेक्टर फादर जॉन पॉल ने कहा कि यह मां बाप की ज़िम्मेदारी है कि वो अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छाई व बुराई का फर्क बताएं, और उन्हें अच्छी शिक्षा दें।

इस अवसर पर राजस्थान सिख समाज के प्रवक्ता सरदार मनमोहन सिंह ने कहा कि बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास किया जाना चाहिए ताकि वे आदर्श समाज के निर्माण में सहायक बन सकें।

कवि शैलेन्द्र अवस्थी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति यह प्रयास करे कि पहले स्वयं आदर्श प्रस्तुत करे।

अध्यक्षीय भाषण देते हुए जमाते इस्लामी हिन्द के प्रदेशाध्यक्ष मुहम्मद नाज़िमुद्दीन ने कहा कि आदर्श परिवार और आदर्श समाज बनाने के मार्ग में कई चुनौतियां हैं जिन्हें दूर करना होगा। उन्होंने कहा कि परिवार में अब समय का अभाव रहता है, इस पर हमें ग़ौर करने की ज़रूरत है, हमें परिवार में एक दूसरे को भरपूर समय देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि परिवार में महिला व पुरुष दोनों का समान महत्व है।

उन्होंने कहा कि परिवार में महिलाओं पर अत्याचार न हो इसके लिए क़ानून के साथ साथ हर देशवासी को नैतिक ज़िम्मेदारी भी समझने की आवश्यकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि क़ानूनी पेचीदगियों के कारण कई महिलाएं लंबित जीवन जी रही हैं और न चाहते हुए भी बिना तलाक के यातनापूर्ण जीवन गुज़ारने पर मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि पारिवारिक व समाजिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की ज़रूरत है।

इस अवसर पर जमाअते इस्लामी हिन्द राजस्थान के शहर जयपुर के संयोजक इंजीनियर मुहम्मद रमज़ान ने कहा कि परिवार के प्रत्येक सदस्य के अधिकार व ज़िम्मेदारी में संतुलन आवश्यक है। मंच का संचालन सुमैया मरियम ने किया।