नई दिल्ली, 26 जनवरी। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच रोहित वेमुला का मां राधिका वेमुला और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से लापता छात्र नजीब की मां फातिमा नफीस तिरंगा ने फहराकर गणतंत्र दिवस समारोह मनाया।
प्रदर्शन संचालकों में से एक हिना अहमद ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह मनाने के लिए सुबह से ही भीड़ एकत्र होने लगी जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे थे। कालिंदी कुंज मार्ग पर चारों तरफ से लोग प्रदर्शन स्थल पर आऐ और देखते ही देखते 11 बजे तक हजारों की भीड़ एकत्र हो गयी।
उन्होंने कहा कि हाथों में तिरंगा और जुबां पर देशभक्ति के गीतों को गाते हुए लोग गणतंत्र दिवस समारोह के जश्न में डूबे हुए थे। श्रीमती राधिका वेमुला और श्रीमती फातिमा के अलावा ‘दबंग दादी’ के नाम से मशहूर तीन सबसे बुजुर्ग महिलाओं ने तिरंगा पहराकर गणतंत्र को मजबूत करने को संविधान की रक्षा करने की कसम खाई।
प्रदर्शन में अपने बच्चों के साथ रोज शामिल होने आने वाली शबिस्ता जबीं अहमद ने कहा कि गणतंत्र दिवस मनाने के लिए कल रात से ही तैयारियां जोरों पर थी। जामिया की दीवारों पर तिरंगे और तिरंगे वाले बैलून ही बैलून दिखाई पड़ रहे थे। हर तरफ देशभक्ति का गीत गूंज रहे थे।
उन्होंने बताया कि देर रात जामिया में गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के बाद आज सुबह से यहां और दोपहर बाद शाहीन बाग के जश्न में शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि शाहीन बाग जाने वाली सारी सड़कों और गलियों में लोगों को तांता लगा हुआ था।
भीड़ इतनी अधिक थी कि एक किलोमीटर दूर से ही उन्हें शाहीन बाग के जश्न को देखकर संतोष करना पड़ा।
बुसरा परवीन ने बताया कि तबियत खराब होने के बावजूद संविधान बचाने के इस संघर्ष में अपनी बहनों के साथ जामिया और शाहीन बाग के आंदोलन में लगातार शामिल हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान को बचाने और देश की गंगा जमुनी तहजीब को मजबूत करने की लड़ाई में हमारा संघर्ष निरंतर जारी रहेगा।
देश को धर्म के आधार पर बांटकर गरीबों, मजदूरों और आदिवासियों के खिलाफ सरकार जो काला कानून लेकर आयी है उसे हर हाल में वापस लेना होगा।
प्रदर्शन में शामिल लोगों की मानें तो शाहीन बाग में एक लाख से अधिक लोगों ने तिरंगा फहरा कर एक रिकॉर्ड बनाया है।
गौरतलब है कि सीएए, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ पिछले डेढ महीने से शाहीन के कालिंदी कुंज मार्ग पर दिन रात आंदोलन चल रहा है जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
यहां के प्रदर्शन का संचालन भी महिलाएं कर रही हैं। दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के तमाम कोशिशों के बावजूद प्रदर्शनकारी यहां से हिलने को तैयार नहीं हैं।
दक्षिणी दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाले इस मार्ग के बंद होने से जहां आसपास के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है वहीं मथुरा रोड तथा आसपास की सड़कों पर दिनभर लंबा जाम लगा रहता है।