रेजीडेंट डॉक्टर्स की एसोशिएसन ने एक अधिकारिक नोट जारी करते हुए लिखा है कि, हमारी 4 सूत्री मांगों को लेकर सरकार ने हमें 15 दिन का समय दिया था, लेकिन इसके बाद भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल ना करके हमारी मांगें नहीं सुनी गई

राजनीति

राजस्थान : रेजीडेंट डॉक्टर फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, इन मांगों पर अड़े हैं !

By अवधेश पारीक

December 03, 2019

राजस्थान में जयपुर के अलावा सरकारी अस्पतालों में सेवारत रेजीडेंट डॉक्टरों ने आज (3 दिसंबर) से फिर एक बार अनिश्चितकालीन हड़ताल बुलाई है जिसके बाद आज सुबह 9 बजे से सभी रेजीडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं। रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (JARD) को मिले 15 दिन के सरकारी आश्वासन के पूरा ना होने पर यह हड़ताल बुलाई गई है।

आपको बता दें कि JARD के प्रतिनिधियों को बीते सोमवार को चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया से बात हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला।

वहीं इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा से भी एसोसिएशन के प्रतिनिधि मिले जहां चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के एडिशनल प्रिंसिपल डॉ. अमरजीत मेहता और डॉ राजेश शर्मा मौजूद थे।

रेजीडेंट डॉक्टर्स की एसोशिएसन ने एक अधिकारिक नोट जारी करते हुए लिखा है कि, हमारी 4 सूत्री मांगों को लेकर सरकार ने हमें 15 दिन का समय दिया था, लेकिन इसके बाद भी सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल ना करके हमारी मांगें नहीं सुनी गई, जिसके बाद हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं जिसमें अस्पतालों की इमरजेंसी सेवाएं भी शामिल हैं।

इन मांगों पर अड़े हैं रेजीडेंट डॉक्टर्स

गौरतलब है कि बीते अगस्त में रेजीडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर गए थे तब उन्हें आश्वासन देकर सरकार ने हड़ताल खत्म करवाई थी. अपनी मांगों को लेकर रेजीडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि मेडिकल एजुकेशन में हो रही अप्रत्याशित फीस वृद्धि को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए, सभी रेजिडेंट डॉक्टर्स को हॉस्टल मुहैया करवाया जाए व हाउस रेंट अलाउंस दिया जाए।

वहीं सीनियर रेजिडेंटशिप के लिए जारी एनओसी को सभी मेडिकल कॉलेजों में मान्यता देने के साथ पीजी थीसिस की जांच प्रक्रिया 2017 के समझौते के मुताबिक लागू किया जाए।

इसके अलावा एसोसिएशन सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा व्यवस्था, पीने के पानी, मेस और कैंटीन की सुविधाओं की मांग कर रहा है। गौरतलब है कि एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अलावा अन्य अस्पतालों में रेजीडेंट्स के हड़ताल पर जाने के बाद लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।