कौन थे रैमॉन मैग्सेसे जिनके नाम पर दिया जाता है एशिया का नोबेल पुरस्कार !


3 अगस्त 2019 का दिन भारतीय पत्रकारिता इतिहास में एक सुनहरे दिन के रूप में दर्ज हुआ।

भारत के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को 2019 के रेमन मैग्सेसे सम्मान से नवाजा गया। अवार्ड देने वाले फाउंडेशन ने रवीश कुमार की पत्रकारिता को बेआवाजों की आवाज बताते हुए समाज के उपेक्षित तबके की समस्याओं को मुख्य़धारा में लाने का श्रेय दिया।

पत्रकारिता जगत में किसी पत्रकार को यह सम्मान 14 साल बाद मिला है और रवीश कुमार ऐसे छठे पत्रकार हैं जिनको रैमॉन मैगसेसे मिला है। इससे पहले अरुण शौरी, आरके लक्ष्मण और पी. साईंनाथ जैसे पत्रकारों को यह अवार्ड दिया जा चुका है।सबसे पहला रैमॉन मैगसेसे अवार्ड आचार्य विनोबा भावे को मिला था।

किसे मिलता है रेमन मैग्सेसे ?

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार हर साल एशिया के लोगों को उनके क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने के लिए 1957 में शुरू किया गया था।

  • सरकारी सेवा (Government Service)
  • सार्वजनिक सेवा (Public Service)
  • सामुदायिक नेतृत्व (Community Leadership)
  • पत्रकारिता, साहित्य एव सृजनात्मक संचार कलाएँ (Journalism, Literature and Creative Communication Arts)
  • शान्ति एवं अन्तरराष्ट्रीय सद्भावना (Peace and International Understanding)
  • उभरता हुआ नेतृत्व

रेमन मैगसेसे कौन थे ?

रेमन मैगसेसे फिलिपींस के सातवें राष्ट्रपति थे. 1950 के दशक में फिलिपींस में भूमि सुधार को लेकर कई आंदोलन हुए जिनमें रेमन ने कम्युनिस्टों की घुसपैठ को नाकाम करते हुए खूब संघर्ष किया जिसके बाद उन्हें पूरी दुनिया में पहचान मिली।

 

17 मार्च, 1957 को एक सड़क दुर्घटना में मैगसेसे की मौत हो गई जिसके बाद से न्यू यॉर्क में स्थित रॉकफेलर ब्रदर्स फंड ने फिलीफींस की सरकार के साथ मिलकर इस अवॉर्ड की शुरुआत की। अब हर साल रैमॉन मैगसेसे के जन्मदिन 31 अगस्त को यह अवार्ड दिया जाता है।

 

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