राज्यसभा चुनाव के मतदान से पहले अपने और निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस एक साथ रखेगी। नौ दिन तक सियासी क्वॉरंटीन में सभी मंत्री और विधायक रहेंगे। 19 जून को सभी विधायकों को यहां से ही एक साथ विधानसभा ले जाया जाएगा और मतदान के बाद उन्हें अपने आवास पर जाने दिया जाएगा।
होटल में ठहरने, बसों-टैक्सियों एवं अन्य खर्चों के हिसाब से करीब 1.50 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। दो दिन से शिव विलास होटल में ठहरे विधायकों को वहां की सुविधाएं रास नहीं आ रही थीं। इस वजह से जेडब्ल्यू मैरियट में इंतजाम किया है। बाहरी व्यक्ति होटल में न ठहर सके, इसी वजह से सभी 200 कमरों को बुक किया गया है। एक विधायक पर नौ दिन में 72 हजार रुपए खर्च होंगे और यह केवल होटल का खर्चा होगा। इनमें से खाना और नाश्ते में 20 हजार रुपए प्रति व्यक्ति पर और खर्च होने का अनुमान है।
अब दिखाई देगी सख्ती
सूत्रों के अनुसार अब विधायकों की आवाजाही पर थोड़ी रोक रहेगी। कोशिश की जाएगी कि ज्यादा से ज्यादा विधायक होटल में ही रहें। हालांकि जरूरत होने पर मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे से अनुमति लेकर जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री साथ गुजारेंगे अधिक समय
जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी अधिकतर समय विधायकों और दोनों प्रत्याशियों के साथ ही गुजारेंगे। वे आलानेताओं के साथ भावी रणनीति पर भी विचार विमर्श करेंगे।
फैक्ट फाइल
– 200 कमरे बुक किए हैं होटल में
– 8000 रुपए प्रतिदिन होटल का खर्चा
– लंच-डिनर अलग से, नौ दिन के करीब 20 हजार रुपए प्रति व्यक्ति
– 1.63 लाख रुपए प्रतिदिन का है खर्चा
● कौन ठहरेगा
– कांग्रेस के सभी विधायक
– सरकार के सभी मंत्रीकज
– कांग्रेस के राष्ट्रीय पदाधिकारी
– निर्दलीय और बीटीपी के विधायक
सभी विधायक किराया देने में सक्षम – मुख्य सचेतक महेश जोशी
सभी विधायक अपने अपने स्तर पर होटल का किराया देने में सक्षम हैं। संगठन के लिए इतना तो हर विधायक कर ही सकता है। लॉकडाउन की वजह से वैसे ही होटल इंडस्ट्री की स्थिति ठीक नहीं है। जो भी वाजिब कीमत तय होगी, उसका भुगतान किया जाएगा।