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संघ प्रचारक निंबाराम पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज होने से राजस्थान की राजनीति में आया उबाल !

By Raheem Khan

July 05, 2021

अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर के लिए खरीदी जा रही जमीन के सौदे में हेराफेरी और घोटाले के आरोपों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अभी उबरा भी नहीं था कि जयपुर ग्रेटर नगर निगम में 20 करोड़ रुपये की रिश्वत की सौदेबाजी में संघ के क्षेत्रीय प्रचारक का नाम आने से संघ सकते में आ गया है.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) राजस्थान ने मंगलवार को पुणे की कंपनी बीवीजी इंडिया लिमिटेड को 276 करोड़ रुपये के भुगतान के एवज में 20 करोड़ रुपये की रिश्वत की सौदेबाज़ी में शामिल होने के आरोप में संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज़ किया है. यह पहला मौका है जब संघ के इतने वरिष्ठ पदाधिकारी पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज़ हुआ है.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो महानिदेशक (DG) बीएल सोनी और ADG दिनेश एमएन ने मीडिया को बताया कि दिनांक 10 जून 2021 को एक विडियो / ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी जिसमें जयपुर नगर निगम ग्रेटर से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण लोक सेवा के लिए सेवा प्रदाता कम्पनी व तत्कालीन मेयर के पति के बीच में भारी रिश्वत के आदान-प्रदान से संबंधित वार्तालाप दृश्य विडियो में दिखाये गये थे. लोक सेवा के भुगतान हेतु महत्वपूर्ण पद के लोकसेवक के घनिष्ठ परिजन द्वारा रिश्वत की मांग करना व सेवा प्रदाता कम्पनी द्वारा रिश्वत ऑफर किये जाने की विडियो खुलेआम दिखने की जानकारी होने पर राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा एक प्राथमिक जांच दर्ज कर एस.आई.यू. द्वारा जांच की गयी.

वायरल हुये विडियो / ऑडियो क्लिपस को राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफ.एस. एल.) में विशेषज्ञ की राय हेतु भेजी गई. राजस्थान एफ. एस. एल. से प्राप्त रिपोर्ट में कुछ आयाम पर जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर अन्य राज्य की एक प्रतिष्ठित राजकीय एफ.एस.एल. को क्लिपस भेजी गई. दोनों एफ.एस. एल. से रिपोर्ट प्राप्त होने पर जांच व विश्लेषण करने पर रिश्वत की भारी राशि सेवा प्रदाता द्वारा ऑफर करने, नगर निगम की तत्कालीन मेयर के पति द्वारा धमकाने के अंदाज में रिश्वत मांगने व रिश्वत के ऑफर को स्वीकार करने तथा इन सब में एक अन्य व्यक्ति की सहयोगात्मक उपस्थिति होना प्रथम दृष्ट्या पाया गया है. इसके बाद राजाराम गुर्जर (जयपुर नगर निगम ग्रेटर तत्कालीन मेयर के पति), संदीप चौधरी व ओमकार सप्रे (दोनो सेवा प्रदाता कम्पनी “बीवीजी कम्पनी” के प्रतिनिधि) व अन्य उपस्थित निम्बाराम व अन्य के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण (संशोधित) अधिनियम 2018 के प्रावधानों व सहपठित धारा 120बी भा.द.स. में प्रकरण ब्यूरो मुख्यालय में दर्ज किया गया है.

प्रारम्भिक अनुसंधान में प्रथम दृष्टया आरोपों का खुलासा हुआ है जिसमें साक्ष्य संकलन व अग्रिम अनुसंधान हेतु मेयर पति राजाराम गुर्जर व ओमकार सप्रे को प्रकरण में गिरफ्तार किया गया है व पूछताछ जारी है. प्रकरण का अनुसंधान एस.यू. प्रथम इकाई द्वारा मुख्यालय के सुपरविजन में किया जा रहा है.

यह मामला तब सामने आया जब 10 जून को रिश्वत की सौदेबाज़ी से जुड़े वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए. वीडियो में राजाराम गुर्जर और बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि के बीच बिलों का भुगतान करने पर 10 प्रतिशत कमीशन के हिसाब से 20 करोड़ रुपये के लेनदेन की बात साफ सुनाई दे रही है. उस वीडियो में संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम भी नज़र आ रहे हैं.

निंबाराम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र राजस्थान के क्षेत्रीय प्रचारक है. निंबाराम के नेतृत्व में ही राम मंदिर के लिए 15 जनवरी से 27 फरवरी तक पूरे राजस्थान से 515 करोड़ रूपये का चंदा इकट्ठा किया गया था जो कि पूरे देश में सर्वाधिक था. निंबाराम संघ के बड़े पदाधिकारी होने के साथ साथ स्वयंसेवकों और संगठन में भी मजबूत पकड़ रखते हैं.

एफआईआर में नाम होने से पुलिस निंबाराम को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. इस प्रकरण में निंबाराम का नाम आने से भाजपा के नेता और संघ के पदाधिकारी भी असमंजस की स्थिति में हैं.

क्या कहना है संघ का

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, राजस्थान के क्षेत्र कार्यवाह हनुमान सिंह राठौड़ ने मीडिया को बताया कि बीवीजी इंडिया लिमिटेड कंपनी के प्रतिनिधि निम्बाराम जी के पास प्रताप गौरव केंद्र, उदयपुर में अपने सीएसआर फण्ड द्वारा सहयोग करने का प्रस्ताव लेकर आये थे. निम्बाराम जी ने उनसे आग्रह किया था कि वे इस केंद्र का स्वयं दौरा करें और वहां की आवश्यकताओं को समझ कर यदि उचित लगे तो इसमें सहयोग देने का तय करें. प्रताप गौरव केंद्र एक राष्ट्रीय तीर्थ है तथा इसका महत्व इसे देखने पर ही ध्यान में आता है कि हम देश का गौरव बढ़ाने के लिए कितनी बड़ी परियोजना पर समाज बंधुओं के सहयोग से काम कर रहे हैं. इसीलिए कंपनी के प्रतिनिधियो से इस केंद्र पर जाकर देखने का आग्रह किया था. कंपनी के प्रतिनिधियो ने दौरे की तिथि तय की किन्तु वहां पर गये ही नही अतः सीएसआर फण्ड से किसी राशि या अन्य किसी भी रूप में सहायता का प्रश्न ही नही उठता.

हनुमान सिंह राठौड़ ने बताया कि 20 अप्रेल को निम्बाराम जी से कंपनी के प्रतिनिधियो की जो भेंट या बातचीत हुई वह सामान्य सामाजिक शिष्टाचार के नाते ही थी. क्षेत्र प्रचारक निम्बाराम जी से समाज क्षेत्र के बहुत से लोग स्वाभाविक ही मिलने आते हैं. उनकी इस सामान्य शिष्टाचार भेंट को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में उनकी भूमिका से जोड़ना निंदनीय है.

हनुमान सिंह ने यह भी कहा कि अलग-अलग समय और संदर्भों में की गयी बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग कर, उन्हें जोड़कर राजनीतिक कारणो से उसके अन्य अर्थ लगाए जा रहें हैं. ये तथ्यों से विपरीत है और सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए जारी किये गए हैं. कानून का पालन करने वाले एक जिम्मेदार नागरिक के नाते निम्बाराम जी हर तरह की जाँच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं. राजनीतिक निहित स्वार्थों के लिए तथ्यों को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया गया है, जबकि इस मामले में किसी प्रकार की राशि का कोई आदान प्रदान नही हुआ है. इसलिए इसे भ्रष्टाचार से जोड़कर अनर्गल आरोप लगाना समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति के चरित्र हनन के सामान है. वैचारिक द्वेष एवं दुर्भावना से लगाए जा रहे इन झूठे आरोपो एवं लांछनो का हम खंडन करते हैं और कानून सम्मत कार्यवाही करने के सभी प्रकार के विकल्प हमारे सामने खुले हुए हैं.

कांग्रेस ने की गिरफ्तारी की मांग

इस पूरे मामले पर कांग्रेस आक्रामक रुख में है. बुधवार को कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार से निंबाराम को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की.

डोटासरा ने कहा कि, ‘आरएसएस के प्रमुख व्यक्ति सहित चार लोगों के खिलाफ जांच के बाद एसीबी ने एफआईआर दर्ज की है. इसमें राजाराम और कंपनी के प्रतिनिधि को गिरफ्तार किया है. मेरा यह सवाल कि आरएसएस के प्रमुख व्यक्ति जिसकी भ्रष्टाचार की डील करते हुए मौजूदगी वीडियो में साबित हो रही है उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है? मेरी सरकार से मांग है कि ऐसे व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाए.’

डोटासरा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, “भाजपा-RSS के भ्रष्टाचार के आकंठ डूबने के प्रमाण मिले हैं। पूरे प्रदेश में चर्चा है कि भाजपा मेयर के पति ने RSS दफ्तर में प्रदेश RSS प्रमुख की मध्यस्थता में BVG कंपनी को 276 करोड़ रुपये के भुगतान के एवज में 10% कमीशन मांगा, जिसका ऑडियो-वीडियो जारी हुआ है. ACB ने मामले में प्राथमिक जांच के बाद BJP मेयर के आरोपी पति राजाराम को गिरफ्तार कर लिया है. भ्रष्टाचार सामने आने के बाद BJP-RSS का चेहरा बेनकाब हो चुका है. घूसकांड के वीडियो की प्रामाणिकता की जांच FSL व राजस्थान राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला में की गई है.”

उन्होंने कहा कि, “घूसकांड में भाजपा मेयर के पति राजाराम के साथ वीडियो में भ्रष्टाचार की डील करने वाले RSS प्रचारक निंबाराम के खिलाफ साक्ष्य मिलने के बावजूद गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा? मैं सरकार से मांग करता हूं कि भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार करके इनके कुकृत्य से पर्दा हटायें.”

क्यों हुआ है भाजपा मेयर का निलंबन

भाजपा पार्षद डॉ. सौम्या गुर्जर पिछले साल नवंबर में जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर बनी थीं. सौम्या गुर्जर के मेयर बनने से पार्टी के ही कई बड़े नेता खुश नहीं थे. 4 जून को नगर निगम ग्रेटर कार्यालय में सफाई के मुद्दे पर बैठक हुई थी. जिसमें निगम आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह ने मेयर सौम्या गुर्जर और कुछ पार्षदों पर मारपीट और काम में बाधा पहुंचाने के आरोप लगाते हुए एफआइआर कराई थी.

पुलिस ने महापौर व चार पार्षदों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323, 341, 353 और 332 में आरोप साबित माने हैं. जिसके बाद निगम आयुक्त के साथ मारपीट के मामले में सरकार ने सौम्या गुर्जर और अन्य पार्षदों को 6 जून को निलंबित कर दिया था. हाईकोर्ट ने भी उनके निलंबन को सही माना है. इस बीच 10 जून को उनके पति के वीडियो और ऑडियो वायरल हो गए जिसमें रिश्वत की लेनदेन की बात हो रही थी.

क्या कहना है भाजपा के नेताओं का

इस पूरे मामले पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां संघ प्रचारक निंबाराम का नाम लिए बिना कहते हैं कि ‘हमारे राज्य के राजनीतिक सद्भाव की चर्चा होती थी. अब इसका स्थान विद्वेष, प्रतिशोध और सियासी षड्यंत्रों ने ले लिया है. संस्थाओं और व्यक्तियों का चरित्र हनन इनका मुख्य एजेंडा है. देश का नेतृत्व, राज्य की जनता और कार्यकर्ता सब देख रहा है. पार्टी पूरी मज़बूती से हर चुनौती का सामना करेगी.’

वहीं एसीबी के मुकदमे में संघ प्रचारक निंबाराम का नाम आने पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस सरकार आधा कार्यकाल पूरा कर चुकी है और हालात अंधेर नगरी चौपट राजा जैसे बने हुए हैं. एसीबी में दर्ज एफआईआर राजनीतिक प्रतिशोध का जीता जागता उदाहरण है. इस मुकदमे में आरएसएस को निशाना बनाया गया है. दिल्ली में बड़े आकाओं को खुश करने के लिए राष्ट्रवादी संगठन को निशाना बनाने का कुत्सित प्रयास किया गया है. यह सौदा सरकार को महंगा पड़ेगा. हम सड़क से संसद तक इस अन्याय के खिलाफ बिगुल बजा देंगे.

इस बीच भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने भी बुधवार को दिल्ली जाकर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के अलावा भाजपा के कई केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व भी संघ पर उठ रहे सवालों को लेकर गंभीर है और प्रदेश के नेताओं को इस मुद्दे में एसीबी के दुरुपयोग का आरोप लगा गहलोत सरकार को घेरने के निर्देश दिए हैं.