राजनीति

आखिर लौट के पायलट घर को आये, खात्मे की ओर कांग्रेस का सियासी संकट

By admin

August 10, 2020

पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा ने की सीएम गहलोत से मुलाकात, वापसी की रिकवेस्ट लेकर पहुंचे सीएमआर

सचिन पायलट खेमे के विधायक भंवरलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से सोमवार शाम सीएमआर में मुलाकात की. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विधायक भंवरलाल शर्मा फिर से वापसी की रिकवेस्ट लेकर सीएमआर पहुंचे. उन्होंने सीएम गहलोत से सीएमआर में मुलाकात की।

सचिन पायलट की राहुल-प्रियंका और वेणुगोपाल से मुलाकात

इससे पहले राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच बड़ा अपडेट सामने आया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सचिन पायलट की राहुल गांधी-प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल से मुलाकात हुई है. इस दौरान चारों के बीच करीब दो घंटे तक चर्चा हुई. मुलाकात के बाद राहुल और प्रियंका सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे. उसके बाद अब राहुल-सोनिया और प्रियंका के बीच मुलाकात जारी है।

तीन सदस्यीय कमेटी बनाने की कही गई बात

मिली जानकारी के अनुसार इस दौरान तीन सदस्यीय कमेटी बनाने की बात कही गई है. ऐसे में तीनों सदस्य पूरे मामले पर विचार विमर्श करने के बाद ही विधायकों की वापसी पर फैसला लेंगे। फिलहाल सचिन पायलट की बातों को नहीं माना गया है. शायद यह मीटिंग बहुत कामयाब नहीं रही. आलाकमान पायलट की मूल मांग मानने के मूड में नहीं है. आलाकमान ने राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन से साफ इनकार किया है. ऐसे में अब आखिर कैसे होगी पायलट और बागियों की सम्मानजनक घर वापसी? फिलहाल किसी को कुछ भी समझ नहीं आ रहा है. शायद आज रात तक कुछ स्थिति स्पष्ट हो जाए।

एक बार फिर उम्मीद जताई जा रही

बता दें कि 14 अगस्त से ही राजस्थान में विधानसभा का सत्र शुरू होने जा रहा है, इस पर सचिन पायलट गुट ने सत्र में शामिल होने के संकेत दे दिए थे. ऐसे में अब प्रियंका और राहुल गांधी से मुलाकात के बाद एक बार फिर उम्मीद जताई जा रही है कि सचिन पायलट अपनी नाराजगी भूलकर पार्टी में वापस आएंगे. पहले भी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सचिन पायलट से कई बार फोन पर बात की थी और उन्होंने मसला सुलझाने का प्रयास किया था।

गहलोत गुट के विधायकों ने की थी एक्शन की मांग

इससे पहले सोमवार को ही ये बात सामने आई थी कि राजस्थान में गहलोत गुट के विधायकों ने मांग की है कि बागी विधायकों पर एक्शन होना चाहिए, जिसपर सीएम गहलोत ने फैसला आलाकमान पर छोड़ने की बात कही थी. साथ ही कहा था कि इस बारे में सबको आलाकमान का फैसला मानना चाहिए।