Rajsthan Chief Minister Ashok Gehlot and Sachin Pilot during the release of the party's manifesto for upcoming Lok Sabha polls 2019 in new delhi on tuesday.Express photo by Anil Sharma.02.04.2019

नज़रिया

राजस्थान में सचिन पायलट के विद्रोह का अंत जिस तरह हुआ, वह बहुत दु:खद है !

By admin

August 10, 2020

परसों मेजबान बनी हरियाणा सरकार ने उनको लगभग अपने यहां से जाने के लिए कह दिया और कह दिया कि अब आप के लोगों को खर्चा उठाया नहीं जा सकता है।

चूंकि वसुंधरा राजे दिल्ली में थीं और उन्होंने दिल्ली में पार्टी हाईकमान को स्पष्ट कह दिया था कि इस तरह सत्ता पलटने से राज्य में भारतीय जनता पार्टी की रही बची कसर खत्म हो जाएगी।

और वसुंधरा राजे की बात को टालना भाजपा हाईकमान के बस में नहीं है क्योंकि आज भी 42 विधायक उनके साथ हैं। उसके बाद सचिन पायलट गुट की चल रही मेहमान नवाजी की थाली को खींच लिया गया।

उसके तत्काल बाद पायलेट गुट के 10 विधायक सीधे केसी वेणुगोपाल के संपर्क में आए और इस समय दिन में 1:30 बजे से सचिन पायलट और उनके साथ के विधायक 12 तुगलक लेन में राहुल गांधी के कोठी पर हैं। 

प्रियंका भी वहां पहुंच चुकी हैं। पहली शर्त यही है कि 14 तारीख से चलने वाले सत्र में सभी विधायक शामिल हों, जो किया उसको भूले और सरकार को मजबूत करें।

उसके बाद यह तय है कि सचिन पायलट को कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व कोई बड़ी जिम्मेदारी देने जा रहा है। एक तो राजस्थान से दूर रहें और दूसरा उनकी जो काबिलियत है उसको असली अवसर मिले।

कांग्रेस में शायद सिद्धू को भी कोई बड़ा पद मिले और भी कई ऐसे लोग जो अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे थे शायद उनके दिन फिरने वाले हैं।

हां यह बात सही है कि हलचल से कांग्रेस का जो बुर्जुआ वर्ग है या बुजुर्ग हैं थोड़ा सा नाराज हैं लेकिन यह बात सही है कि अशोक गहलोत ने पहली बार भाजपा की सत्ता पलटने की पूरी चौसर को ही पलट कर अपनी राजनीतिक काबिलियत सिद्ध कर दी है ।

कहा यह भी जा रहा है कि भाजपा के कम से कम छह विधायक मध्य प्रदेश की तर्ज पर इस्तीफा देने को घूम रहे हैं।

-पंकज चतुर्वेदी

(वरिष्ठ पत्रकार हैं)