राजस्थान

पोकरण: सेना की गाड़ी ने मारी टक्कर,अस्पताल ले जाने की बजाए सुनसान जगह फेंककर चले गए

By Raheem Khan

October 12, 2021

पूरी दुनिया में परमाणु परीक्षण के लिए मशहूर राजस्थान के पोकरण से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। सड़क पर जब भी कोई हादसा या दुर्घटना होती है, तो हर कोई संवेदना व्यक्त करते हुए घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने का प्रयास करता है, लेकिन रविवार को पोकरण से रामदेवरा जाने वाले मार्ग पर गोमट गांव के तालाब के पास हुई एक सड़क दुर्घटना में मानवता को शर्मसार कर देने वाली बात सामने आई है। जिसकी हर कोई कड़ेे शब्दों में निंदा कर रहा है।

रविवार को सुबह एक मोटरसाइकिल पर सवार पोकरण के वार्ड संख्या एक निवासी पिता रहमतुल्लाह और उसका पुत्र फिरोज़ गोमट गांव में मजदूरी के लिए जा रहे थे। गोमट गांव के तालाब के पास सामने से आ रहे एक वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी। लोगों का कहना है कि जिस वाहन से टक्कर लगी वो वाहन सेना का था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वाहन की टक्कर से पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई और पिता गंभीर रूप से घायल हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि हादसे के बाद वाहन में सवार लोग नीचे उतरे तथा मृतक व घायल को अपनी गाड़ी में डाल कर ले गए। वहां मौजूद लोगों को लगा कि वे पिता पुत्र दोनों को अस्पताल लेकर गए हैं। हादसे के बाद सभी लोग अस्पताल पहुंच गए तथा अन्य ग्रामीणों को भी हादसे की सूचना दी। जिस पर परिजन व अन्य लोग भी पोकरण के राजकीय अस्पताल पहुंच गए। लेकिन बहुत देर हो जाने के बाद भी अस्पताल में घायल और मृतक को लेकर वाहन नहीं पहुंचा। इससे लोगों में आक्रोश फैल गया।

काफी देर इंतजार के बाद भी किसी के अस्पताल नहीं पहुंचने पर लोग एकत्रित होकर पुलिस थाने पहुंचे तथा पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलने पर थानाधिकारी महेन्द्रसिंह खींची ने पुलिस बल के साथ उनकी तलाश शुरू कर दी। मोबाइल लोकेशन व सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से जांच की, तो चाचा गांव से ओढ़ाणिया जाने वाले मार्ग पर सड़क से 50 फीट दूर झाडिय़ों में पिता-पुत्र के शव बरामद हुए।

हादसा होने के बाद मृतक व घायल को उठाकर ले जाने और झाड़ियों में शव फेंक देने की घटना की जानकारी मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया और लोगों ने शवों को सड़क पर रख कर न्याय की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। ख़बर लिखे जाने तक धरना प्रदर्शन अब भी जारी है। घटना को हुए 48 घंटे से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन अब तक शवों का पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यदि घायल को समय पर अस्पताल पहुंचाया जाता, तो उपचार मिलने से उसकी जान बचाई जा सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ तथा उपचार के अभाव में उसने दम तोड़ दिया। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना की हर कोई निंदा करने के साथ आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग कर रहा है।

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी की न्याय की मांग

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने घटना की जानकारी देते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है कि कल RLP के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष श्री आर.के. मेहर व अन्य स्थानीय लोगो द्वारा जैसलमेर जिले के अत्यंत गंभीर प्रकरण की जानकारी संज्ञान में लाई गई, जिसके अनुसार सेना के किसी वाहन से मोटरसाइकिल पर जा रहे एक पिता-पुत्र की दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मृत्यु हो गई और दुर्घटना के बाद सेना के वाहन से इन्हें ले जाया गया और मध्य राह चाचा और ओढानीयां गांव के मध्य सुनसान स्थान पर दोनों की पार्थिव देह को फेंक दिया गया। ऐसे अमानवीय कृत्य करने वाले दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही करने के लिए कल ही ट्वीट के माध्यम से पुलिस व रक्षा मंत्रालय को अवगत करवाया ताकि इंसानियत को शर्मशार होने से बचाया जा सके और आज उक्त मामले को लेकर राजस्थान पुलिस के महानिदेशक श्री एम एल लाठर से भी दूरभाष पर वार्ता हुई है ,पीड़ित परिवार व मुस्लिम समाज के साथ विभिन्न समाजों के लोग अभी धरने पर वहां बैठे है। मामले में जल्द सकारात्मक कार्यवाही होनी चाहिए ।

पोकरण निवासी ईधन खान चीना ने बताया कि पोकरण में हुई घिनौनी हरकत से पिता-पुत्र की मौत के मामले में राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक सालेह मोहम्मद लगातार परिजनों के सम्पर्क में हैं। दुर्घटना होने के बाद से मंत्री सालेह मोहम्मद दो बार धरना स्थल पर भी आ चुके हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा विधायक कोष से की है तथा 50–50 हजार रुपए नगद राशि परिजनों को सौंपी है।

ईधन खान चीना ने बताया कि मंत्री सालेह मोहम्मद ने पीड़ित परिवार को हर समय साथ देने का भरोसा दिलाया है। अभी जांच जारी हैं उम्मीद करते हैं कि प्रशासन आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगा।

धरना प्रदर्शन कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता पप्पू खिलजी का कहना है कि पोकरण मे पिता पुत्र की एक्सिडेंट के बाद सेना के जवानो द्वारा अपहरण करके 25 किमी दूर ले जाकर झाडिय़ों मे फैकने पर उनकी मौत हो गई इस मानवता को शर्मसार करने वाली और सेना की साख पर प्रश्न खडा करने वाली घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना से पुरे मुस्लिम समाज व छत्तीस कौम मे रोष है। लगातार 48 घण्टे से शवो को लेकर घटना स्थल पर हजारो लोगो द्वारा धरना जारी है। अभी तक हत्यारो का पता तक नही चल पाया है ।

पप्पू खिलजी ने यह भी बताया कि अल्पसंख्यकों , मजलूमों , पीड़ितों , शोषित और गरीबों के लिए न्याय की आवाज उठाने पर मुझे सरकार और प्रशासन द्वारा लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। काफी समय से मेरी आवाज को दबाने के लिए मुझे धमकियां दी जा रही है। पोकरण पिता पुत्र मौत की घटना पर हो रहे धरने प्रदर्शन को खत्म करवाने का मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक(sp) जैसलमेर द्वारा हरियासर राजमथाई के मामले की पुरानी फाइल खोलकर मुझे गिरफ्तार करने की धमकी दी जा रही है। मेरी सभी साथियों से गुजारिश है कि न्याय का साथ दें और अपने हक के लिए संघर्ष जारी रखें। मुझे चाहें जेल में डाल दें और गोली मार दे पर मैं जब तक जिंदा हूँ तब तक हमेशा मेरे समाज और जरुरतमंद लोगों के लिए न्याय के लिए आवाज उठाता रहूँगा।

यह है ग्रामीणों की मांग 

रविवार को सुबह सेना के वाहन से हुई पिता-पुत्र की मौत का मामला अब लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. घटना के तीसरे दिन मंगलवार को सुबह तक भी आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग पाया है. हादसे में मारे गये पिता-पुत्र के शव लेकर परिजन और ग्रामीण 48 घंटे से ज्यादा समय से बैठे हुये हैं. उनकी मांग है कि हादसे को अंजाम देने वाले सेना के कर्मचारियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाये. मृतकों के परिजनों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि दिलाई जाये. इसके साथ ही मृतक के आश्रित को सरकारी नौकरी दिलाने और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अनुसंधान में हत्या की धारा जोड़ी जाये.

मामला बढ़ता देखकर जैसलमेर पुलिस अधीक्षक डॉ.अजय सिंह सोमवार रात तक पोकरण में डेरा डाले रहे. वे प्रत्येक गतिविधि पर मॉनिटरिंग कर रहे हैं. गहलोत सरकार के मंत्री विधायक सालेह मोहम्मद भी धरना स्थल पर दो बार आ चुके हैं. वहीं पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी और महंत प्रतापपुरी महाराज के शिष्य मदन देवासी भी धरनास्थल पर पहुंचे तथा ग्रामीणों की मांग का समर्थन किया. पुलिस प्रशासन सेना के अधिकारियों के साथ सामजंस्य कायम कर मामले को निपटाने का प्रयास कर रहे हैं. सेना के बड़े अधिकारियों ने भी घटना को लेकर पुलिस को सहयोग का भरोसा दिलाया है.