देश में प्रेम एवं सद्भाव के वातावरण को सुदृढ़ करने के लिए एकसाथ आए सभी धर्मों के धर्मगुरु


“जो लोगों को एक दूसरे से अलग करता है, आपस में एक दूसरे को लड़वाता है वह धर्म नहीं हो सकता, वह तो अधर्म है, धर्म तो सारे मनुष्यों को आपस में जोड़ता है“

ये उद्गार धार्मिक जन-मोर्चा द्वारा आयोजित एक सर्व धर्म संगोष्ठी में सभी धर्मों के धर्मगुरुओं ने प्रकट किये.

”देश में प्रेम एवं सद्भाव के वातावरण को सुदृढ़ करने में धर्म गुरुओं की भूमिका“ विषय पर राजस्थान की राजधानी जयपुर में होटल ग्राण्ड इण्डियाना में एक सर्व धर्म संगोष्ठी आयोजित की गई. इस अवसर पर धार्मिक जन मोर्चा की राजस्थान इकाई का भी गठन किया गया.

संगोष्ठी में विचार व्यक्त करते हुए जमाअते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर मुहम्मद सलीम इन्जीनियर ने कहा कि हिंसा इसलिए होती है कि लोग अपने अपने धर्म पर नहीं चलते उन्होंने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि हम एक दूसरे से सहमत ही हों परन्तु दूसरों के असहमति के अधिकार का हमें सम्मान करना चाहिये.

उन्होंने धार्मिक जन-मोर्चा की राजस्थान इकाई के गठन की विधिवत घोषणा करते हुए कहा कि यहाँ सभी धर्मों के आचार्यगण एक ही मंच पर उपस्थित हैं वास्तव में यही असली भारत है.

इस अवसर पर गलता पीठाधीश अवधेशाचार्य महाराज ने कहा कि जो लोग समाज में बड़े बने हुए हैं वही एक दूसरे के प्रति भ्रांतियाँ पैदा करते हैं, ये हालात वास्तव में राजनीति जनित हैं. उन्होंने कहा कि हम एक दूसरे के प्रति आशंकाओं में जी रहे हैं और मात्र आशंकाओं के कारण ही हम एक दूसरे के प्रति अपने दिल में घृणा पैदा कर लेते हैं.

जयपुर के शहर मुफ़्ती मुहम्मद ज़ाकिर नौमानी ने कहा कि समाज में प्रेम और सौहार्द के वातावरण को बढ़ाने में धर्म गुरुओं की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि हमें एक दूसरे के साथ संवाद को बढ़ाना चाहिये, धर्म ही हमें एक दूसरे का भाई और बहन बनाता है.

जयपुर डायोसीज के बिशप ओस्वाल्ड लुइस ने कहा कि हमें अपने अपने अनुयायियों को ही यह समझाना होगा कि हम सब ईश्वर की संतान हैं और अगर हम ईश्वर से प्रेम करते हैं तो हमें अपने भाई बहनों से भी प्रेम करना होगा.

महामण्डलेश्वर पंडित पुरुषोत्तम भारती ने कहा कि कुछ स्वार्थी लोग नफ़रत फैला कर देश को विखण्डित करना चाहते हैं हमें उन्हें बता देना होगा कि यह देश एक है और देशवासी आपस में प्रेम से रहते हैं अतः उनकी हमें तोड़ने की चालें सफल नहीं होंगी.

गायत्री परिवार के प्रहलाद राय ने कहा कि हम केवल अपने लिए नहीं परमार्थ के लिए जिएं, हमें अपने अपने धर्म पर आचरण की स्वतंत्रता अवश्य होनी चाहिए परन्तु किसी को भी दूसरे की स्वतंत्रता का हनन करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए.

गुरुद्वारा जवाहर नगर के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी गुरदीप सिंह ने कहा कि हमारी सबसे बड़ी शक्ति यह है कि हम सभी ईश्वर में विश्वास रखते हैं, हम सभी वास्तव में एक ही नूर या रोशनी से पैदा हुए हैं.

शिया मुस्लिम धर्मगुरु सादिक़ हुसैनी ने कहा कि हज़रत मुहम्मद साहब का कथन है कि जो मनुष्यों के लिए सबसे अधिक लाभकारी है वही तुममें से सर्वश्रेष्ठ है, उन्होंने कहा कि इस्लाम ने कट्टरता को मिटाया है तथा सहिष्णुता को बढ़ावा दिया है.

ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्नेहा बहन ने कहा कि यदि सब धर्मगुरु मिल कर एक हो जाएं तो देश में शांति हो जाए, वास्तव में हम सब का धर्म ही प्रेम है.

सरस निकुंज पीठ के आचार्य प्रवीण भैय्या जी ने कहा कि बड़ों और बड़ों (बरगद) को हमने त्याग दिया है जिससे समस्याएं पैदा हो रही हैं, धर्माचार्यों का बहुत बड़ा दायित्व है.

इस अवसर पर फ़ादर विजय पॉल सिंह, अध्यक्ष मसीही शक्ति समिति, श्री श्याम सुंदर जी, प्रजापिता ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, हबीबुर्रहमान नियाज़ी दरगाह मीर क़ुरबान अली साहब ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

इस अवसर पर मुफ़्ती मुहम्मद अख़लाक़, मुफ़्ती मुहम्मद शफ़ीक़ क़ायमख़ानी तथा गायत्री परिवार के श्री रामराय शर्मा जी भी उपस्थित रहे तथा शहर से बाहर होने के कारण सम्मिलित न हो सके बोद्ध भिक्षु भन्ते कश्यप आनन्द ने फोन पर कार्यक्रम के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।

संगोष्ठी में मंच का संचालन नईम रब्बानी ने किया तथा जमाते इस्लामी हिंद के प्रदेश सचिव डा. मुहम्मद इक़बाल सिद्दीक़ी ने स्वागत भाषण दिया.

संगोष्ठी के अंत में सभी धर्मगुरुओं ने यह सुनिश्चित किया कि आगे भी सभी समय समय पर मिलते रहेंगे और प्रदेश भर में प्रेम भाईचारे औंर शान्ति के प्रचार-प्रसार के लिए जनता के बीच विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेंगे.


 

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