राजस्थान

सीएए पर केरल और पंजाब के बाद राजस्थान विधानसभा में प्रस्ताव!

By khan iqbal

January 23, 2020

नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर देशभर में समस्त विपक्षी दल और विभिन्न जन संगठन आन्दोलन कर रहे हैं।

सीएए जो कि संविधान की मूल भावना के खिलाफ बनाया गया है, उसके माध्यम से भाजपा वोटों का ध्रुवीकरण कर बंगाल जैसे राज्य में चुनाव जीतना चाह रही है, साथ ही समस्त विपक्षी दलों को हिन्दू विरोधी साबित करने का भी प्रयास कर रही है।

लेकिन भाजपा का यह प्रयास पूरी तरह से विफल हो गया है, क्योंकि देशभर में असंख्य हिन्दू भाजपा की इस मन्शा को पहचान गए हैं और वो आज CAA  के खिलाफ आन्दोलन कर रहे हैं |

 

नागरिकता का यह नया संशोधन भारत की ऐतिहासिक परम्परा और भारतीय संविधान का पूरे विश्व में गुणगान करेगा। जिससे देश का सिर फख्र से ऊंचा होगा। दूसरा प्रस्ताव विधानसभा में यह रखा जाए कि राजस्थान में एनपीआर और एनआरसी लागू नहीं होगा, सिर्फ जनगणना होगी, जो पूर्व की भांति व्यक्ति द्वारा बिना किसी दस्तावेज के मौखिक बताई जाएगी।

तीसरा प्रस्ताव यह लाया जाए कि केन्द्र सरकार जनगणना में जाति का काॅलम भी रखे और 2021 की हो रही जनगणना को जातिगत आधार पर करवाए। यानी इस जनगणना में एससी, एसटी के अलावा ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की भी गिनती हो।

चौथा प्रस्ताव यह लाया जाए कि जातिगत जनगणना के बाद शीघ्रता से केन्द्र सरकार एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण जनसंख्या के अनुपात में बढाए।