समाज

जब्बार के परिवार को दुर्घटना के दो साल बाद भी नहीं मिली कलेक्टर से स्वीकृत आर्थिक सहायता

By Raheem Khan

June 17, 2021

स्वीकृत आर्थिक सहायता के इंतजार मे अब्दुल जब्बार का परिवार

राजस्थान के बारां जिले में मांगरोल निवासी अब्दुल जब्बार और उसके परिवार के साथ 1 अप्रेल 2019 को हुई दुर्घटना ने पूरे परिवार को हिला कर रख दिया।

सीसवाली से रसोई कार्यक्रम से लोटते वक्त जलोदा तेजाजी के समीप मुख्य सड़क पर रात्रि 8 बजे के करीब अज्ञात वाहन कि टक्कर में अब्दुल जब्बार का पूरा परिवार दुर्घटना का शिकार हो गया। जिसमे जब्बार के 14 वर्षीय पुत्र मोहम्मद अशफाक की मौके पर ही मृत्यु हो गई तथा दूसरे पुत्र आरिफ हुसेन के हाथ में फ्रेक्चर हो गया।

अब्दुल जब्बार कि रीड कि हड्डी फ्रेक्चर होगई व हाथ और दोनो पैरों में गंभीर चोटे आई तथा जब्बार कि पत्नी शहनाज बेगम के भी दोनो पैर फ्रेक्चर हो गए। जिसके बाद घायलो को मांगरोल चिकित्सालय से बारां और फिर कोटा से जयपुर तक रेफर किया गया।

इस प्रकार उक्त दुर्घटना से जब्बार का पूरा परिवार मरणासन्न स्थिति मे पहुंच गया और परिवार के सभी सदस्य जिन्दा लाश कि तरह हो गये। परिवार मे कमाने वाला कोई नही बचा। ऐसे मे पड़ोसियों के सहयोग से अब्दुल जब्बार के परिवार को थोड़ी बहुत राहत दी गई।

सामाजिक कार्यकर्ता नदीम अख्तर और उनकी टीम द्वारा तोषण निधी योजना मे इस परिवार का पंजीकरण कराया गया । इस योजना में  मृतक मोहम्मद अशफाक के 25000 हजार रुपये स्वीकृत किए गए और सभी घायलो के 12500 रूपये की राशी जिला कलक्टर द्वारा स्वीकृत कि गई।

ऐसी दुर्घटना के लिए भारत सरकार द्वारा तोषण निधि योजना, 1989 (Solatium Scheme, 1989) बनायी गयी है। इस योजना के अन्तर्गत दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की मृत्यु होने की दशा में मृतक के आश्रितों को रू० 25,000/- और गम्भीर रूप से घायल व्यक्ति को रू० 12,500/- प्रतिकर के रूप में दिए जाने की व्यवस्था है।

लेकिन दुर्घटना के 2 साल बाद भी घायलों केेेेेेेे लिए स्वीकृत राशि अभी तक अब्दुल जब्बार के परिवार को नही मिल पाई है ।

इस सम्बंध मे पालिका उपाध्यक्ष कोसर परवीन और एसडीपीआई नगर अध्यक्ष नदीम अख्तर कि टीम द्वारा 16 जून को उपखण्ड अधिकारी श्री शत्रुघ्न जी को अवगत करवाया गया । एसडीएम महोदय ने जल्द ही आर्थिक सहायता का आश्वासन परिवार के सदस्यों को दिया है।

अब अब्दुल जब्बार का परिवार एसडीएम साहब के आश्वासन पर उम्मीद लगाये इंतजार कर रहा है कि जल्दी ही उन्हे सरकारी मदद का लाभ मिल सकेगा।