मोहम्मद रमज़ान के बाद एक और दलित क़ैदी की बारां जेल में कथित हत्या !

विचाराधीन कैदी की उपचार के दौरान मौत,पुलिसकर्मियों पर मारपीट का आरोप

बारां: जिला कारागार बारां में बंद कैदी सुरेन्द्र पुत्र चौथमल कोली की कोटा मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय में उपचार के दौरान 19 जुलाई की रात को 9 बजे संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई। सूचना पाकर पहुंचे परिजनों ने शव लेने से इंकार करते हुए जेलकर्मियों पर मारपीट का आरोप लगाया। बाद में मामले कि निष्पक्ष न्यायिक जांच आश्वासन के बाद परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराया।

शव बंदी के घर सुसवान बस्ती बारां पहुंचते ही भीड़ उमड़ पड़ी। आक्रोशित परिजनों और मोहल्लेवासियों ने हंगामा करते हुए दोषियों पर मुकदमा ना होने तक शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। तकरीबन डेढ़ घंटे तक शव एम्बुलेंस में ही रखा रहा।



मृतक के घर पहुंचे एस डी ओ हीरालाल मीणा को परिवार की ओर से आर्थिक सहायता और दोषियों को सजा की मांग पर एक लिखित ज्ञापन पत्र दिया गया। बाद में एसएसडीओ हीरालाल मीणा की समझाइश पर परिजनों ने शव एम्बुलेंस से उतारा।

यह है पूरा मामला

बारां जिले के सुसावन बस्ती निवासी सुरेन्द्र को पुलिस ने अवैध हथियार रखने के मामले में गिरफ्तार किया था। सुरेन्द्र को 29 जून को कोर्ट से जेल भेज दिया गया था। तबीयत खराब होने पर सर्वप्रथम उसे 29 जून को ही बारां अस्पताल में दिखाया गया था। बाद में 2 व 3 जुलाई को जेल ओपीडी दिखाया। 7 जुलाई को उसे न्यू मेडिकल कॉलेज कोटा रेफर कर दिया गया था।

कोटा से लाने के बाद दोबारा 15 जुलाई को तबीयत बिगड़ने पर उसे बारां अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से उसे 17 जुलाई को कोटा न्यू मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया। जहां 19 जुलाई की शाम को सुरेन्द्र की मृत्यु हुई।

परिवार को नहीं थी गिरफ्तारी की खबर

मृतक के छोटे भाई भगवान कोली ने बताया कि भाई की गिरफ्तारी के बारे में परिवार को पुलिस की ओर से पहले कोई सूचना नहीं दी गई थी। बाद में 16 जुलाई की दोपहर पुलिस ने सुरेन्द्र से घर फोन करवाकर अस्पताल में खाना मंगवाया। उस समय सुरेन्द्र जिला अस्पताल बारां में भर्ती था। फोन आने पर अस्पताल पहुंचे भाई को पुलिस ने मुलाकात के लिए सिर्फ दो मिनट का समय दिया।

पांच दिन से भूखा था

अस्पताल पहुंचे छोटे भाई भगवान कोली को सुरेन्द्र ने बताया कि उसे पांच दिन से खाना नहीं दिया गया है। साथ ही सुरेन्द्र ने ये भी कहा कि उसके साथ जेल में मारपीट की गई,उसे पीटने के लिए लाठी और डंडों का भी इस्तेमाल किया गया।

हालांकि इस में पुलिस पक्ष आना बाक़ी है ! ये सब पोस्ट मार्टम रेपर्ट आयने के बाद ही सही पता चल पायेगा !हालाँकि पोलिस का कहन है की क़ैदी को गंभीर बीमारी थी !

मानाधिकारों हेतु कार्यरत संगठन APCR भी पहुंचा।

घटना की जानकारी मिलने पर 21 जुलाई दिन रविवार को APCR राजस्थान चैप्टर के ज्वाइंट सेक्रेटरी सैयद मुज्जमिल रिज़वी भी बारां जिला APCR सदस्यों की टीम के साथ मृतक के घर पहुंचे। टीम ने परिवारजनों से बात कर मामले की पूरी जानकारी ली। सैयद मुज्जमिल रिज़वी ने कहा कि ये अधिकारों के हनन और अन्याय का मामला है।

हम इस मुद्दे पर परिवार की कानूनी कार्यवाही में सहायता करेंगे। APCR की टीम में राजस्थान चैप्टर के ज्वाइंट सेक्रेटरी सैयद मुज्जामिल रिज़वी के साथ बारां जिला के APCR सदस्य हैदर अली,अशफाक अहमद,आरिफ क़ाज़ी मौजूद रहे।

-शोएब अंसारी (बारां)

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