ब्यावर। जमाअत-ए-इस्लामी हिंद ने देश में नैतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। इस अभियान का नाम है “नैतिकता: स्वतंत्रता का आधार”। इस अभियान का उद्देश्य समाज में बढ़ती हुई अशांति और अपराध को रोकने के लिए नैतिक मूल्यों को जागृत करना है।
शनिवार को ब्यावर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना वलीउल्लाह सईदी फलाही ने कहा कि देश में महिलाओं और बच्चों के साथ हो रहे अपराधों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य कारण समाज में नैतिक मूल्यों का पतन है।
फलाही ने कहा, “सभी धर्मों में नैतिक मूल्य समान हैं। हमें इन मूल्यों को अपनाने और अपने जीवन में लागू करने की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि यह अभियान 1 सितंबर से 30 सितंबर तक चलेगा और इसमें देश के सभी धर्मों और समुदायों के लोगों को शामिल किया जाएगा।
अभियान के प्रमुख बिंदु:
* सभी धर्मों और समुदायों के परिवारों से व्यक्तिगत और सामूहिक मुलाकातें
* स्कूलों और कॉलेजों में व्याख्यान
* नुक्कड़ सभाएं
* धर्म गुरुओं के साथ सेमिनार
* वाद-विवाद प्रतियोगिताएं
* पोस्टर मेकिंग और क्विज़
* साहित्य वितरण
* प्रभावशाली महिलाओं के साथ कार्यक्रम
* मस्जिदों में जुमे के भाषण
* परिवार मिलन समारोह
* काउंसलिंग सत्र
* कविता लेखन
जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के राजस्थान प्रदेश महासचिव शाहिद खान और सह सचिव मुमताज अली ने भी इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाग लिया।
यह अभियान देश के लिए एक सकारात्मक पहल है और उम्मीद है कि यह समाज में नैतिक मूल्यों को पुनर्स्थापित करने में सफल होगा।