नज़रिया

क्या राष्ट्रपति शासन का गलत तरीके से प्रयोग होता है?

By khan iqbal

June 13, 2019

भारतीय संविधान में राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों के अधिकार के अंतर्गत अनुच्छेद 356 का वर्णन है , जिसके तहत केंद्र सरकार को किसी राज्य सरकार को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुमति उस अवस्था में देता है, जब राज्य का संवैधानिक तंत्र पूरी तरह विफल हो गया हो।

परन्तु कालांतर में इसका प्रयोग अनेक बार राज्यों में केंद्र से भिन्न राजनीतिक विचार वाली सरकारों के विरुद्ध किया जाता रहा है ।

कानूनविदों के निकट यह उपबन्ध भारतीय संघीय व्यवस्था को कमजोर करने वाला है।

राज्यों में राष्ट्रपति शासन(356) के आलोचकों का तर्क है कि अधिकतर समय, इसे राज्य में राजनैतिक विरोधियों की सरकार को बर्खास्त करने के लिए एक बहाने के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए इसे संघीय राज व्यवस्था के लिए एक खतरे के रूप में देखा जाता है।

सबसे विचित्र तो यह है कि इसका पहला प्रयोग ही इसी आधार पर हुआ था जब 31 जुलाई 1959 लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गयी केरल की कम्युनिस्ट सरकार को बर्खास्त कर दिया गया था।

ज्ञात रहे कि मौजूदा केंद्र सरकार ही नही बल्कि अब तक की केंद्र सरकारों ने भारतीय संविधान के लागू होने के बाद से उक्त राजनीतिक लाभ हेतु इसका प्रयोग 100 से भी अधिक बार किया जा चुका है ।

-आदिल सीकर