देश की राजनीति में भूचाल, पेगासस स्पायवेयर से इन पत्रकारों की कारवाई गई जासूसी !


इजराइल की एक सर्विलांस कंपनी पर करीब 300 भारतीयों के मोबाइल में पेगासस स्पायवेयर से सेंध लगाने के आरोप ने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है. जिन लोगों की इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जासूसी की गई है उनमें केंद्र के मंत्री, विपक्ष के नेता, पत्रकार, न्यायाधीश, अधिकारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं.

द वायर न्यूज़ पोर्टल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक इजरायली कंपनी ने एक भारतीय एजेंसी के कहने पर 2017 से 2019 के बीच 40 से अधिक भारतीय पत्रकारों की पेगासस स्पायवेयर से जासूसी की है।

इन पत्रकारों का नाम आया है सामने

इनमें हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू, द वायर और इंडियन एक्सप्रेस के कई बड़े पत्रकारों का नाम शामिल हैं।

जासूसी के शिकार हुए पत्रकारों में हिंदुस्तान टाइम्स के शिशिर गुप्ता, प्रशांत झा, राहुल सिंह व औरंगजेब नक्शबंदी का नाम सामने आया है.

द वायर के पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन, एमके वेणु व रोहिणी सिंह का भी इसमे नाम है.

इंडियन एक्सप्रेस की ऋतिका चोपड़ा और इंडिया टुडे के संदीप उन्नीथन का नाम भी इसमे सामने आया है.

नेटवर्क 18 के मनोज गुप्ता, द हिंदू की विजेता सिंह, द पायनियर के जे. गोपीकृष्णन, पत्रकार प्रेमशंकर झा, स्वाति चतुर्वेदी, सैकत दत्ता, परंजॉय गुहा ठाकुरता, स्मिता शर्मा, एसएनएम अब्दी और इफ्तिखार गिलानी का नाम भी शामिल।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राज्य सांसद दिग्विजय सिंह ने पेगासस गेट जासूसी का मामला सामने आने पर कहा कि,

मेरे ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने “पेगासस” स्पायवेर के द्वारा जासूसी व झूठे सबूत प्लांट करने के षड्यंत्र करने के आरोप को ख़ारिज किया था।

यदि वे सही थे तो अब कृपया यह बताएँ यह कौन कर रहा है। क्या गृह मंत्रालय से मंज़ूरी ली गई? आरोप तो यहॉं तक है कि सरकार ने अपने ही मंत्रियों व उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की जासूसी करने के लिए “पेगासस” का उपयोग किया। क्या उच्चतम न्यायालय इस विषय को संज्ञान में लेगा?


 

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