पाली: दलित की हत्या पर पुलिस ने बिना मामला दर्ज किए ही करवा दिया अंतिम संस्कार !


तेजा राम मेघवाल निवासी जैतपुर, थाना रोहट, जिला पाली हत्या प्रकरण

21 मई 2020 को आरोपियों ने तेजाराम की हत्या कर लाश को नजदीक ही खाली जगह में डाल दिया।

23 मई 2020 को आरोपियों ने स्वयं पुलिस को सूचना देकर बताया कि कोई अनजान व्यक्ति की लाश उनकी होटल के नजदीक पड़ी हुई है, सूचना पर पुलिस ने लाश बरामद करके शिनाख्त के लिए पीड़ित परिवार को बुलाया, पीड़ितों ने पहचान कर मौका स्थिति के अनुसार मामला का हत्या का बताते हुए रिपोर्ट दर्ज करने की लिखित सूचना पुलिस को दी।

पुलिस ने पीड़ितों की हत्या बाबत रिपोर्ट दर्ज नही की बल्कि परिवार पर दबाव बनाकर लाश का अंतिम संस्कार करवा दिया। पश्चिमी राजस्थान के अधिकांश गावो में आज भी दलितों को दफनाया ही जाता है।

जिला पुलिस अधीक्षक के हस्तेक्षप के बाद दिनांक 28 मई 2020 को हत्या का मामला दर्ज किया गया।

मृतक तेजाराम मेघवाल का घर और उसका बच्चा

हत्या का मामला दर्ज होने पर पीड़ितों ने लिखित में पत्र देकर लाश का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने का निवेदन किया लेकिन उनकी बात को नही सुना गया।

9 जून 2020 को ये प्रकरण साथी जोगराज जी बाड़मेर की फ़ेसबुक से मेरी जानकारी में आया, हमने उसी समय पाली के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं से सम्पर्क कर प्रकरण के दस्तावेज जुटाए, पीड़ित परिवार से सम्पर्क किया।

10 जून को हमने अधिकार सन्दर्भ केंद्र की तरफ से सम्बंधित अधिकारियों को पत्र भेजकर कार्यवाही का निवेदन किया।

12 जून को हमने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सिविल राईट्स को इस प्रकरण के बारे में व्यक्ति मैसेज भेजकर अवगत करवाया, उन्होंने प्रकरण को गम्भीरता से लिया और जिला पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया है कि लाश का मेडिकल निरीक्षण किया जाए।

13 जून को तेजाराम मेघवाल हत्यकांड में पाली प्रशासन ने बॉडी कब्र से निकाल कर पोस्टमार्टम करवाया है।

मामले में अभी भी परिजनों को इंसाफ का इंतज़ार है.

(ऊपर फ़ोटो में मृतक तेजाराम मेघवाल की पत्नी माँ और उसके 2 मासूम बच्चे हैं)

– एडवोकेट तारा चन्द वर्मा की रिपोर्ट

(राज्य समन्वयक, अधिकार सन्दर्भ केंद्र)

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