असफ़ल बग़ावत के बाद अब सचिन पायलट के पास क्या-क्या विकल्प हो सकते हैं !


पिछले तीन दिन से राजस्थान में चल रहे सियासी ड्रामे का अंत एक ऐसी राजनैतिक घटना के साथ होता नज़र आ रहा है जिसका अंदाज़ा शायद कांग्रेस को नहीं होगा.

वह यह है कि कांग्रेस के राजस्थान अध्यक्ष सचिन पायलट ने पार्टी से बग़ावत कर जाएंगे.

2013 में जब सचिन पायलट राजस्थान में कांग्रेस के अध्यक्ष बन कर आए थे तब ही से राजस्थान में दो बार के मुख्यमंत्री पाँच बार के विधायक और पाँच बार ही सांसद रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता अशोक गहलोत के साथ खींचतान जारी हो गई थी.

2018 के विधानसभा चुनाव में बिना किसी मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा के कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीता उसके बाद शुरू हुई मुख्यमंत्री बनने की दौड़ जिसमें अशोक गहलोत आगे निकल गऐ.

अब अशोक गहलोत यह चाहते हैं कि राजस्थान कांग्रेस में सबसे ज़्यादा समय तक प्रदेशाध्यक्ष रह रहे सचिन पायलट की जगह किसी और को प्रदेशाध्यक्ष बनाया जाए ऐसे में मुख्यमंत्री कुर्सी के लिए संतोष के घूँट पी चुके सचिन पायलट के लिए यह बर्दाश्त से बाहर है.

सचिन पायलट ने कल शाम ऐलान किया कि उनके पास कांग्रेस के 30 विधायकों समेत कुछ अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन है ऐसे में पूरी कांग्रेस राजस्थान में अपनी सरकार बचाने के लिए जुट गई !

क्योंकि कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने विधायकों के साथ भाजपा ज्वाइन कर ली थी उसके बाद वहाँ कमलनाथ सरकार गिर गई थी.

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही था कि क्या सचिन पायलट के पास वाक़ई 30 विधायकों का समर्थन है इस बीच राजस्थान कांग्रेस ने विहिप जारी करते हुए सभी विधायकों को मुख्यमंत्री आवास पहुँचने के दिशा निर्देश दे दिए.

सरकार का दावा है कि उनके पास 107 विधायक मौजूद है ऐसे में सचिन पायलट का सरकार गिराने की महत्वकांक्षा समाप्त होती नज़र आयी.

अब सवाल यह है कि राजस्थान में अशोक गहलोत कि सरकार की सरकार बच भी जाए तो सचिन पायलट का क्या होगा क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडे ने कल मीडिया से बात करते हुए कहा था कि जो भी विधायक मुख्यमंत्री निवास नहीं पहुँचेगा उन पर कार्यवाही की जाएगी.

सचिन पायलट के पास क्या क्या हो सकते हैं विकल्प

ऐसे में सचिन पायलट के पास बचे विकल्पों के बारे में तमाम तरह की मीडिया रिपोर्ट्स और वरिष्ठ पत्रकारों के आंकलन से यह दावा किया जा रहा है कि

1. सचिन पायलट सीधा भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं हालाँकि इसकी संभावना बहुत कम नज़र आ रही है.

2. सचिन पायलट कोई नई पार्टी बना सकते हैं कई मीडिया रिपोर्ट्स में तो पार्टी का नाम भी सामने आया है जिसे कांग्रेस प्रगतिशील कहा गया है हालाँकि इस विकल्प की संभावना सबसे अधिक है

3. तीसरा विकल्प सचिन पायलट का कुछ समझौतों और मान मनुहार के बाद वापस कांग्रेस में आने का भी हो सकता है हालाँकि अभी ना तो सचिन पायलट ने कांग्रेस को छोड़ने की बात कही है और न ही पार्टी ने उन्हें निकाला है.

सचिन पायलट के पास यही तीन विकल्प हैं इनमें से वो किसी एक को चुन सकते हैं सचिन पायलट इसमें से किसी भी विकल्प को चुनें लेकिन इतना तो तय है कि बग़ावत करके अपनी ही सरकार को गिराने की सचिन पायलट की आकांक्षा पूरी तरह धूमिल हुई है जिससे उनके व्यक्तित्व और उनकी आने वाली राजनीति पर इसका असर लंबे समय तक पड़ सकता है.

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