राजस्थान

कोटा में लोकसभा स्पीकर के घर के सामने CAA, NRC और NPR के विरोध में महिलांए बैठीं धरने पर!

By khan iqbal

January 15, 2020

 

नागरिकता संशोधन क़ानून (सी ए ए) एन आर सी और NPR को लेकर पूरे देश में पिछले 1 महीने से प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले 1 महीने से महिलाओं के द्वारा अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है!

इसी की तर्ज़ पर देश के अलग अलग शहरों में महिलाएँ धरने पर बैठी हैं! इलाहाबाद के रोशन बाग़ कलकत्ता ,भोपाल, दिल्ली के खुरेजी आदि शहरों में भी महिलाएँ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी हैं!

इसी तर्ज़ पर राजस्थान के कोटा शहर में एक ही महिलाएँ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई हैं !यह धरना लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के घर के सामने वाली सड़क पर 14 जनवरी 2020 को शुरू हुआ है!

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के संसदीय क्षैत्र और उनके निवास के सामने स्थित किशोरपुरा रोड पर नागरिकता संशोधन का़नून, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में महिलांए धरने पर बैठ गईं ।

धरने की अगुवाई कर रही शिफा़ खा़लिद ने बताया कि नागरिकता संशोधन का़नून संविधान विरोधी और लोगों को बांटने वाला है ।

उन्होंने कहा कि संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में जिस तरह से यह असंवैधानिक का़नून पारित किया गया वह दुर्भाग्यपूर्ण है ।

उन्होंने कहा का इस अनिश्चितकालीन धरने के माध्यम से कोटा बूंदी सांसद और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के माध्यम से यह आवाज़ केंद्र सरकार तक पंहुचाना चाहते हैं कि सीएए को तुरंत प्रभाव से वापस लें और एनपीआर और एनआरसी को रद्द करें ।

रात की 3 बज रही है, कोटा में CAA, NRC, NPR के ख़िलाफ़ रात्रिकालीन धरना जारी है, धरना स्थल पर रात बिताते हुए  वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष सैफुल्लाह ख़ान, वेलफेयर पार्टी ज़िला अध्यक्ष आसिफ़ हुसैन और ज़िला महासचिव ख़ालिद ख़ान

उन्होंने कहा है कि यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार हमारी मांगे नहीं मान लेती । उन्होंने कहा कि यह लडा़ई संविधान बचाने की है जिसमें महिलांए आगे आगे रहेंगी ।

धरने में प्रमुख रूप शगुफ्ता अशफाक, राधिका गुप्ता, शबनम फरहत, उम्मे अम्मारा, राजेश शाक्यवाल, ललिता जैन, नीलोफ़र कुरैशी सहित सैंकडो़ं महिलाएं शामिल रहीं । धरने में सैफुल्लाह खान, आसिफ हुसैन, मुहम्मद खा़लिद, ज़रगाम अंसारी, जावेद अख़्तर अंसारी, दिनेश सक्सेना, शंभुलाल शाक्यवाल, सैफुल इस्लाम, इक़बाल मंसूरी, शोएब अहमद आदि ने भी विचार व्यक्त किए ।