साहित्य

ये जंग…..कोई हल नहीं देती,कोई फल नहीं देती, कोई कल नहीं देती!

By khan iqbal

February 28, 2019

सुनो….जंग हाँ जंग

जंग जानवर बनाती है बस ख़ून ही बहाती है ये आग ही लगाती है सब ख़ाक में मिलाती है

ये जंग….. कोई हल नहीं देती कोई फल नहीं देती कोई कल नहीं देती

ये भी सुनो….. जब भी दुनिया में जंग होती है राह उल्फ़त की तंग होती है जंग के शोले जब भड़कते हैं घर लोगों के फिर सुलगते हैं ये इंसानो को निगलते हैं फिर लाशों को ये उगलते हैं

फिर ये जंग…. लाचार छोड़ जाती है बेकार छोड़ जाती है

और फिर…. मातम सा रोज़ होता है हर घर में कोई रोता है

-असद आज़मी