“डॉ. कफील खान ने अपने भाषण से नफ़रत या हिंसा फैलाने का कोई प्रयास नहीं किया…!”


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने NSA के तहत हिरासत में रखे गए डॉ. कफील खान को राहत देते हुए मंगलवार को सरकार को उन्हें तुरंत रिहा करने का निर्देश दिया है.

कोर्ट का यह आदेश डॉ. खान की मां द्वारा दायर हैबियस कॉरपस की याचिका में आया है जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके बेटे को अवैध रूप से हिरासत में लिया गया है और उनकी तुरंत रिहाई की मांग की गई थी.

मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की खंडपीठ ने डॉ. खान के खिलाफ एनएसए के आरोपों को रद्द कर दिया है.

लाइवलॉ.इन के अनुसार, जिला मजिस्ट्रेट, अलीगढ़ द्वारा एनएसए अधिनियम के तहत 13 फरवरी, 2020 को पारित किए गए हिरासत के आदेश और उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा की गई पुष्टि को निरस्त कर दिया है. डॉ. कफील खान को हिरासत में लेने की अवधि के विस्तार को भी अवैध घोषित किया गया है.

कोर्ट ने कहा “डॉ. कफील खान ने अपने भाषण से नफ़रत या हिंसा फैलाने का कोई प्रयास नहीं किया, ना ही उनके भाषण से अलीगढ़ की शान्ति भंग हुई। उन्होने अपने भाषण से राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश दिया।”

ज्ञात हो कि डॉ० कफील ख़ान को पिछले साल AMU में CAA के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के आरोप में जनवरी में गिरफ्तार किया गया था. फरवरी में उन पर रासुका के तहत कार्रवाई की गई थी.


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