राजस्थान

झुंझुनूं के ग्रेनेडियर सलीम खान सेना पदक से सम्मानित, गांव पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत

By Raheem Khan

March 30, 2024

झुंझुनूं। झुंझुनू जिले में स्थित नुआं गांव के रहने वाले सलीम खान को वीरता के लिए सेना पदक से सम्मानित किया गया है। कश्मीर के बारामूला में लश्कर ए तैयबा के दो कुख्यात आतंकियों को मार गिराने तथा बहादुरी दिखाने पर सलीम ख़ान को सेना पदक से सम्मानित किया गया है।

जनहित एकता समिति के अध्यक्ष जाकिर झुंझुनूंवाला ने बताया कि नुआं गांव के ग्रेनेडियर सैनिक सलीम खान को प्रयागराज में गुरुवार को उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार ने सेना पदक से सम्मानित किया।

सम्मान समारोह में मौजूद सलीम के पिता एजाज नबी ने बताया कि आज उनका सीना गर्व से चौड़ा हो गया। बेटे की वीरता पर मुझे नाज हो रहा है। मां नजमा बानो की आंखें खुशी के आंसुओं से छलक उठी। मां ने बताया बेटा अपनी जिम्मेदरी बखूबी निभा रहा है। पत्नी सोफिया ने बताया कि पति की बहादुरी पर गर्व हो रहा है।

जाकिर ने बताया कि सेना पदक से सम्मानित होने के बाद सलीम खान पहली बार शनिवार को शाम 5:00 बजे गांव आए तब उनका वीरता जुलूस के साथ स्वागत किया गया। उसके बाद मुख्य बाजार में सर्व समाज की ओर से सम्मान समारोह आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि नुआं गांव फौजियों की खान है। यहां पहले भी कई वीर देश की सेवा में शामिल हो चुके।

कश्मीर के बारामूला में दो आतंकवादियों को मार गिराने वाले ग्रेनेडियर सलीम खान का अपने पैतृक गांव झुंझुनूं जिले के नूआ पहुंचे पर जोरदार स्वागत किया गया। रेलवे स्टेशन से मुख्य बाजार तक जुलूस निकाला गया।

जनहित एकता समिति अध्यक्ष जाकिर झुंझुनुवाला के नेतृत्व में भारतमाता की जयकारों के साथ माला, स्मृति चिह्न व शॉल ओढाकर ग्रेनेडियर सलीम खान का सम्मान किया गया।

सेना मेडल विजेता सलीम खान ने कहा कि मुझे बड़ा गर्व महसूस होता है, जब भारतीय सेना की वर्दी लगाकर सीमाओं की सुरक्षा करते हुए आंतकवादियों के गलत मंसूबे को कामयाब नहीं होने देते हैं। मेरा एक ही सपना है भले ही मेरा सिर कट जाए लेकिन देश का सर झुकाने नहीं देंगे। हम फौजी लोग अपने परिवार की चिंता नही रखते हैं। हम भारत की रक्षा को ही अपना धर्म मानते है। दो आंतकवादी को मार गिराने पर मुझे गर्व हैं।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सलीम खान ने कश्मीर के बारामूला में दो आंतकवादियों को मार गिराया था। इसके बाद उत्तरी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिन्दर कुमार ने सेना मेडल लगाकर उनका सम्मान किया था।

जाकिर झुंझुनुवाला ने कहा- कायमखानी युवाओं का मां की कोख से लेकर कब्र तक जाने से पहले एक ही सपना होता है कि सिर कटता है तो कट जाये लेकिन सिर नहीं झुकाएंगे, हम हिंदुस्तानी मुस्लिम हैं शहीद होकर भी भारत को बचाएंगे। इसीलिए तो अब तक लगभग 300 कायमखानियों ने देश की सुरक्षा में शहादत दी है। जिनको अब तक सैंकड़ों बहादुरी के वीर चक्र, शौर्य चक्र, सेना मैडल व अन्य वीरता के पुरुस्कार मिल चुके हैं और आज भी कायमखानी युवा अग्निवीर सेंनिक बनने के लिये दिन रात मेहनत करते हैं।

बतौर मुख्यातिथि भाजपा जिलाध्यक्ष बनवारीलाल सैनी ने कहा कि कायमखानी मार्शल कॉम है। इस मुस्लिम कौम के युवाओं की पहचान रही हैं कि जब भी देश पर कोई संकट आया तो इन्होंने बिना अपने परिवार की चिंता किए हुए हंसते हंसते हिंदुस्तान के लिये अपनी जान कुर्बान करते हुए शहादत दी हैं।

विशिष्ट अतिथि ठाकुर अँगत बन्ना ने कहा कि हम कायमखानी–राजपूतों की खून में ही देशभक्ति भरी हुई हैं। चाहे भारत के लिये अपनी विरासत कुर्बान करने की बात हो या सीमाओं की सुरक्षा के लिये शहीद होना पड़े कभी पीछे नही हटेगे।

बतौर विशिष्ट अतिथि के रूप में माला, शॉल व मोमेंटो देकर सम्मानित करने वालो में ऑक्सफ़ोर्ड अस्पताल के निदेशक डॉ रशीद खान, नुआ सरपंच नाहीद बानो, उपसरपंच गरिमा कँवर, करणी सेना जिलाध्यक्ष मनोहर सिंह घोड़ीवारा, रिटायर्ड आईएएस अशफाक हुसैन, आईएएस जाकिर हुसैन, गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डधारी सूबे मेजर आज़ाद सिंह बड़ागाँव, सहभागी परिवार जिलाध्यक्ष इंजी महावीर सिंह झाझड, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष राहुल जाखड़, भाजपा नेता इंद्राज सैनी, जयसिंह क़िलानीया, चूड़ी सरपंच गिरवर सिंह, इमाम अब्बास अली, समाजसेवी गुलज़ार फौजी आदि मौजूद रहे। समारोह का संचालन करते हुवे आरिफ आफु ने देशभक्ति के जयकारे लगवाकर जोश भर दिया।

इस अवसर सेना मैडल विजेता सलीम खान का माल पहनाकर कासम अली खां, नाना उम्मेद खां, मामा सूबे सुल्तान खां, फौजी साले मोहम्मद, चाचा जंगशेर फौजी, भाई अज़हर फौजी, युवा कॉंग्रेस महासचिव शहबाज बाजू, फ़रमान मुलर, सूबे शंकर सिंह पँवार, सूबे रतन सिंह, सूबे करण सिंह, रामचन्द्र पुनिया, डॉ महेश शर्मा, सूबे अनीखां, भवरलाल नैन, शकरलाल सोनी, कमल जांगिड़, मास्टर सुरेश चौहान, प्रिंसीपल ताहिर हुसैन, थानेदार रफीक खां, निसार खां फौजी, सूबे जामिद खां, मोमिन बानो, सोनू मेडम, मुख्तयार बानो, समिया बानो, जोफ़िया नाज़, नाजिया खान, जन्नत बानो, फ़रहत बानो, सुल्ताना बनो, मंजू बानो आदि सैंकड़ो लोगो ने सम्मान किया।