देश में ऐतिहासिक संकट के समय , HowdyModi का तमाशा लॉर्ड लिटन की याद दिलाता है!

 


ज़रा पीछे चलिए, सन 1877 में दिल्ली का दरबार सजा है महारानी विक्टोरिया के सम्मान में, और बंगाल ऐतिहासिक अकाल से त्रस्त है,देश की जनता का करोड़ों रुपया अकाल से उपजे संकट में गरीब जनता का पेट भरने की बजाय, दिल्ली दरबार में उड़ा दिया गया, देश की जनता ने इस असंवेदनशीलता को समझा और भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड लिटन की तुलना नीरो से की।

अब आज पर आइए मोदी और ट्रंप का मंच सजा है पुनः हज़ार करोड़ से ऊपर रुपया खर्च किया गया है, वह भी तब जब भारत की जनता ऐतिहासिक बेरोजगारी से जूझ रही है, मंदी से पस्त है, केंद्र सरकार में 6 लाख 84 हज़ार पद रिक्त पड़े हैं, पर मोदी देश की जनता के मुंह से निवाला निकाल कर हाउड़ी दरबार सजा रहे हैं!

पुनः आज पर ही आइए, जबसे ये सरकार अाई है इस सरकार ने आम जनता पर सिर्फ आतंकी कर व्यवस्था लागू की है, पेट्रोल डीज़ल पर 9 बार एक्साइज और कस्टम ड्यूटी बढ़ाई, इससे भी जब पेट न भरा तो हालिया बजट में 2 रू 50 पैसे की अतिरिक्त वृद्धि पेट्रोल और डीज़ल पर और कर दी, जनता को पिछले 6 साल में आय कर में न के बराबर राहत दी, और मोदी ने देश की मंदी से निपटने का रास्ता ओद्यौगिक घरानों की जेब भरने के रूप में प्रस्तुत किया है, अन्याय और आर्थिक आतंक की हद देखिए, देश का पूंजी पति 22% और 15% कर देगा और मध्यम वर्गीय नागरिक 34%, क्या ये भारतीय लोग ही हैं जो शासन में है ? चिंतन और निर्णय की जरूरत है ।

पुनः पीछे जाइए,सन 1878 में लॉर्ड लिटन ने भारतीय संसाधनों को द्वितीय अफ़ग़ान युद्ध में झोंक दिया, ऐतिहासिक अकाल जारी था और लिटन की बदमस्त नीतियां भी, अब ज़रा भारत में लौट आइए जब देश के ऐतिहासिक आर्थिक सूचकांक 20 और 30 वर्ष के न्यूनतम स्तर को छू रहे हैं तब मोदी ने कश्मीर नीति से देश को युद्ध के माहौल में डाल दिया और देश की सरजमीं पर राफेल खड़ा कर दिया।

आज जब मोदी 50 हज़ार भारतीयों और अमेरिकन जनता के सामने ट्रंप के साथ भाषण देंगे, तो यह भारत के लिए सबसे बड़े अन्तर्राष्ट्रीय आयोजन के रूप में रहेगा, और इसे इतिहास में कभी देश के सबसे बड़े असंवेदनशील आयोजन के रूप में निश्चित ही जगह मिलेगी, पर प्रश्न यही रहेगा कि असत्य की ताकत क्या सच को छुपा पाएगी, कहीं असत्य की ताकत समाज को कायरों की भीड़ में तो तब्दील नहीं कर देगी ? लॉर्ड लिटन के कारनामों ने तो देश में राष्ट्रवाद का बीज बोया था, क्या लॉर्ड लिटन मोदी के कारनामें देश को दूसरे स्वतंत्रता आंदोलन के लिए प्रेरित करेंगे ?

क्या है Howdy Modi कार्यक्रम

यह कार्यक्रम अमेरिका के टैक्सास राज्य के ह्यूस्टन शहर में हो रहा है जिसे भारतीय प्रवासी संगठन टैक्सास इंडियन फ़ोरम करवाएगा!
इस कार्यक्रम में 50,000 लोगों के पहुँचने की संभावना है जो कि टैक्सास के लिए NRG स्टेडियम में होगा!
तीन घंटे के इस कार्यक्रम की शुरुआत संगीत और नृत्य से होगी जो कि लगभग 90 मिनट चलेगा!
इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प और वहाँ के नेता शामिल होंगे!

क्यों शामिल हो रहे हैं डोनल्ड ट्रंप

दरअसल अमेरिका में अगले साल चुनाव होने वाले हैं और ह्यूस्टन में भारतीय आबादी बोहोत है ! डोनॉल्ड ट्रंप एक चतुर राजनीतिक खिलाड़ी हैं वे भारतीय मूल के वोटरों को अपनी तरफ़ लाना चाहते हैं क्योंकि एशियाई मूल के वोटर हमेशा डोनल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के विरोध में ही रहे हैं वो हमेशा डेमोक्रेट्स के साथ रहे हैं!

कार्यक्रम के विरोध में जुटेंगे हज़ारों लोग

हालाँकि इस कार्यक्रम का अमेरिका में विरोध भी हो रहा है लोगों का कहना है कि 50 दिनों से कश्मीर में अस्सी लाख लोगों को दुनिया से काट देने वाले एक राजनेता के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति का खड़ा होना बहुत भयानक है!

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