जयपुर: हिजाब पहनकर आने पर नहीं दिया प्रवेश, विधायक वाजिब अली ने की कार्यवाही की मांग


इस समय पूरे देश में चल रही हिजाब की बहस से अब राजस्थान भी अछूता नहीं रहा, कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब का विवाद शुक्रवार को राजस्थान में भी पहुंच गया है. जयपुर ग्रामीण की तहसील चाकसू के एक प्राइवेट कॉलेज कस्तूरी देवी पीजी कॉलेज में शुक्रवार सुबह कुछ छात्राएं हिजाब और बुरका पहनकर पहुंची थी. इस पर कॉलेज प्रशासन ने उन्हें यूनीफॉर्म पहनकर नहीं आने की बात कह कर कॉलेज में अंदर आने से रोक दिया.

सूचना मिलने पर छात्राओं के परिजन भी कॉलेज पहुंच गए. इसके बाद परिजनों ने वहां जमकर हंगामा किया और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. मामला बढ़ने पर पुलिस प्रशासन भी मौके पर पहुंच गया. बाद में पुलिस प्रशासन और परिजनों के दबाव के बाद कॉलेज प्रबंधन ने छात्राओं को कॉलेज में प्रवेश दे दिया.

चाकसू पुलिस थाना उपनिरीक्षक जितेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि आक्रोशित लोगों और कॉलेज प्रबंधन दोनो को समझा-बुझाकर मामला शांत कर लिया गया है.

इस पूरे मामले पर वायरल हुए वीडियो में छात्राओं और उनके परिजनों का कहना है कि वो पिछले 3 साल से हिजाब और बुर्का पहनकर कॉलेज आ रही है पहले कभी इस तरह का विवाद नहीं हुआ. आज भी जिन छात्राओं को यूनिफॉर्म नहीं पहनने की वजह से रोका गया उन्होंने बुर्के के अंदर कॉलेज यूनिफॉर्म पहनी हुई थी.

इस पूरे मामले पर कॉलेज निदेशक राजेंद्र शर्मा ने बताया कि कॉलेज का एक यूनिफॉर्म है जो सब विद्यार्थियों को पहन कर आना होता है. हम बिना यूनिफॉर्म के विद्यार्थियों को कॉलेज में आने की इजाजत नहीं देते है. अगर छात्राएं सर पर स्कार्फ या हिजाब बांध कर आती हैं तो उसको लेकर कोई पाबंदी नहीं है लेकिन बुर्का पहनकर आने वाली छात्राओं को ही हमनें रोका था. हमें नहीं पता कि अंदर उन्होंने यूनिफॉर्म पहनी हुई थी.

राजेंद्र शर्मा का यह भी कहना था कि कर्नाटक के हिजाब प्रकरण से कॉलेज प्रशासन का कोई लेना-देना नहीं है. छात्राएं अगर कॉलेज नहीं आना चाहे तो वो ऑनलाइन क्लास भी ले सकती हैं.

मामले की जानकारी मिलने पर मुस्लिम समाज के एक प्रतिनिधि मंडल ने कॉलेज प्रबंधन से मिलकर नाराज़गी जताई.

प्रतिनिधि मंडल में शामिल रहे मुस्लिम नौजवान वेलफेयर सोसायटी के सचिव इरफान खत्री ने बताया कि हमने मुस्लिम समाज के वार्ड पार्षदों और अन्य गणमान्य लोगों के साथ जाकर कॉलेज प्रबंधन को आपत्ति जताई है.

इरफान खत्री ने बताया कि कॉलेज प्रबंधन के राजेन्द्र जी और शिवजी ने अपनी गलती मानते हुए हमें विश्वास दिलाया है कि अब आगे से हिजाब में आने वाली छात्राओं को नहीं रोका जाएगा.

चाकसू नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन और चाकसू मुस्लिम वक्फ कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल हमीद खोखर ने बताया कि चाकसू अमन चैन की नगरी है, यहां इस तरह की घटना का होना निंदनीय है. मैंने इस मामले पर कॉलेज प्रबंधन से फोन पर बात की है और उन्होंने यह विश्वास दिलाया है कि अब आगे से हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को नहीं रोका जाएगा. उन्होंने बताया कि मैंने क्षेत्रीय विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को भी इस मामले से अवगत करवा दिया है.

जमाते इस्लामी हिंद राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नाज़िमुद्दीन ने बताया कि जब देश का संविधान हमें हमारे धर्म का पालन करने की आज़ादी देता है तो फिर इस तरह से किसी को भी हिजाब की वजह से रोकना सही नहीं है. हिजाब इस्लाम धर्म का हिस्सा है और हर किसी को अपने धर्म का पालन करने की आज़ादी है. इस वक्त पूरे देश में नफ़रत की विचारधारा अपने राजनीतिक फायदे की खातिर इस तरह की बातों को उठा कर लोगों को बांटने का काम कर रही है. जो मुद्दे नहीं है उन्हें मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है.

मजलिस ए हिंद के अध्यक्ष पप्पू खिलजी ने बताया कि बालिकाओ ने कहा है कि 3 साल से हम इसी कॉलेज में हिजाब पहनकर आती है आज अचानक हिजाब पर विवाद क्यो ? मामला बहुत गम्भीर है सरकार समय रहते मामले को संज्ञान में ले वरना कर्नाटक वाले हाल राजस्थान में न हो जाए. अगर सरकार संज्ञान नहीं लेती है तो आंदोलन किया जाएगा.

मुस्लिम परिषद संस्थान के अध्यक्ष युनूस चोपदार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर कॉलेज प्रबंधन द्वारा धार्मिक आधार पर भेदभाव करने पर कॉलेज प्रबंधन पर कार्यवाही करने की मांग की है.

कांग्रेस विधायक वाजिब अली ने भी ट्वीट कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कॉलेज प्रबंधन पर सख़्त कार्यवाही करने की मांग की है।


 

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