बेनीवाल का आरोप पटकथा के नायक मुख्यमंत्री गहलोत सचिन पायलट को बना रहे हैं खलनायक


भाजपा के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (रालोपा) के संयोजक नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रदेश में विधायकों की ख़रीद फरोख्त और राजस्थान सरकार गिराने के प्रयास की खबरों पर वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत की मिलीभगत का आरोप लगाया है.

इस पूरे मामले पर हनुमान बेनीवाल का कहना है कि,

राजस्थान में एसओजी द्वारा सरकार के निर्देश पर विधायको की फोन टेपिंग करवाकर राज्य के मुखिया द्वारा मनगढ़त षड़यंत्र रचा जा रहा है. इस पूरे प्रकरण में मनगढ़त पटकथा के नायक व निर्माता-निदेशक स्वयं मुख्यमंत्री गहलोत है वहीं खलनायक राज्य के डिप्टी सीएम सचिन पायलट को बनाया गया है.

जब से यह सरकार आई है तब से हमारे पार्टी के विधायको, राज्य के सांसदों व राज्य के अन्य दलों के विधायको के इस तरह फोन टेप करवाये जा रहे है जो संवैधानिक अधिकारों का हनन है.

इस पूरे मामले में चूंकि 2 निजी व्यक्तियों की आपसी बातचीत के आधार पर सरकार द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है जबकि लोकायुक्त जैसी सरकारी संवैधानिक संस्था द्वारा सिफारिश के बावजूद 4 साल से FIR दर्ज नही की गई.

यह लोकायुक्त की सिफारिश परोक्ष रुप से वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ व उनके करीबी श्री सीपी कोठारी को रीको का निदेशक बनाने से जुड़ी हुई थी और लोकायुक्त ने यह सिफारिश झालरापाटन से वर्तमान विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री को 2015 में की गई थी.

जिस पर आज तक कोई मुकदमा दर्ज नही हुआ जबकि ऐसा कैसे सम्भव है कि 2 निजी व्यक्तियों की बातचीत के आधार पर जिसमे सीएम व डिप्टी सीएम के नाम का जिक्र करके मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है.

यह कूटरचित मामला सीएम अशोक गहलोत व पूर्व सीएम राजे के आपसी तालमेल का हिस्सा है और हाल ही के दिनों में आई IAS/ IPS के तबादलो की सूची से इसका सीधा सम्बन्ध है.  क्योंकि तबादला सूची से पूर्व जिन अफसरों ने यह मुकदमा दर्ज करने से इनकार किया उन्हें हटा दिया गया.

जबकि सूत्रों के हवाले से माने तो एसओजी ने फोन टेपिंग में वर्तमान सीएम (गहलोत) और पूर्व सीएम (वसुंंधरा राजे)  के आपसी गठजोड़ और सीएम गहलोत की पूर्व सीएम राजे  के साथ कई बार दूरभाष पर बात होना भी पाया,और पूर्ववती सरकार के आखरी महीनों में तत्कालीन सीएम राजे के भरोसेमंद अफसर जो एसओजी के मुखिया थे उन्हें सीएम गहलोत ने खुद के विश्वस्त अफसर को हटाकर पुनः एसओजी की कमान दे दी !

पूरे मामले में खुद सीएम की मंशा पर सवालिया निशान खड़ा होता है साथ ही खरीद-फरोख्त को लेकर हमारे सहयोगी दल भाजपा पर सीएम गहलोत द्वारा लगाए गए आरोप निराधार है क्योंकि यह जगजाहिर है कि राज्यसभा चुनाव में सीएम ने सत्ता के बल पर रालोपा व भाजपा के विधायकों को तोड़ने का पुरजोर प्रयास किया था !

(हनुमान बेनीवाल के ऑफिसियल वेरिफाइड फ़ेसबुक अकाउंट पर भी यह बयान शेयर किया गया है)


 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *