देश में शांति सद्भाव का माहौल बनाने के लिए धर्मगुरुओं को मिलकर काम करने की जरूरत !


राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर में धार्मिक जन मोर्चा की राष्ट्रीय टीम के सदस्य गोस्वामी सुशील जी महाराज और जमाते इस्लामी हिंद (JIH) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. मोहम्मद सलीम इंजीनियर के साथ राजस्थान समग्र सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष सवाई सिंह, JIH राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद नाज़िमुद्दीन, फादर विजय पाल, JIH राजस्थान प्रदेश महासचिव डॉ मोहम्मद इक़बाल सिद्दीकी, JIH राजस्थान प्रदेश सचिव शाहिद सिद्दीक़ी, JIH राजस्थान प्रदेश सचिव नईम रब्बानी , सामाजिक कार्यकर्ता जय सिंह, डॉ मनीष अग्रवाल, पत्रकार रहीम खान आदि ने शिष्टाचार भेंट कर देश के मौजूदा हालात पर चर्चा की.

इस अवसर पर सभी लोगों ने एक सुर में देश में शांति सद्भाव का माहौल बनाने के लिए मिलकर काम करने पर सहमति जताई.

देश में धर्म के नाम पर फैलाई जा रही नफरत और साम्प्रदायिकता के सवाल पर गोस्वामी सुशील जी महाराज ने बताया कि मैंने जब से जन्म लिया है तब से आम भारतीयों में यह बात देखी है कि “मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना, हिंदी हैं हम वतन हैं हिंदोस्ता हमारा” आज जब अख़बार देखता हूं तो ऐसी खबरें आती है की बेकसूर लोगों को धर्म के नाम पर मारा जा रहा है जबकि कोई धर्म भारत में ऐसा है ही नहीं जो नफरत फ़ैलाने की बात करता हो फिर यह कौन लोग हैं जो ऐसी बात करते हैं, जो नफरत की राजनीति देश में शुरू हुई है इसको अब खत्म करना चाहिए.

हाल ही में हरिद्वार धर्म संसद से उठी नफरत की बात पर उन्होंने कहा कि यह फर्जी धर्म संसद है क्योंकि कोई धर्म संसद इस भारत में है ही नहीं. अगर कोई संसद है तो वो सिर्फ भारतीय सर्व धर्म संसद है जिसमें पूरे भारत के धर्मों की बात होती है. कुछ फर्जी लोग पूरे देश में आग लगाने का काम कर रहे हैं. हमनें कई मंचो से यह कहा है कि इसको रोका जाए. हम प्रधानमंत्री का समर्थन करते हैं, वो जो कहते हैं उसका भी हम समर्थन करते हैं लेकिन निचले स्तर पर धर्म के नाम पर बेकसूर लोगों को मारा जा रहा है उसका हम समर्थन नहीं करते. कोई धर्म नफरत की बात नहीं करता, धर्म हमेशा लोगों को जोड़ने की बात करता है तोड़ने की बात नहीं करता. यह धर्म संसद लुटेरे लफंगे क्रिमिनल लोगों की है जिनकी बात का हम समर्थन नहीं कर सकते.

 

देश में शांति सद्भाव का माहौल बनाए रखने की बात पर उन्होंने कहा कि हम रात और दिन सिर्फ इसी बात के लिए जी और मर रहे हैं कि किस तरह से प्यार और मोहब्बत का पैगाम लोगों तक पहुंचे. मैं अभी इसी यात्रा में हूं बीकानेर से जयपुर आया हूं यहां से जोधपुर और नागौर जाऊंगा. हमारा यही संदेश है कि भारत का धर्म मिली जुली गंगा जमुनी तहजीब का नाम है यही यहां के संस्कार और संस्कृति हैं. हम सभी धर्मों के लोगों से हाथ मिलाकर यही बात कहते हैं कि हम सब एक हैं और हम देश को जोड़ने की बात करते हैं तोड़ने की नहीं.

 

जमाते इस्लामी हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने बताया कि आज देश के जो हालात हैं उसमें कुछ ताकतें धर्म के नाम पर दूरियां बढ़ा कर उसका राजनीतिक फायदा उठाना चाहती हैं और अब इस काम में तेजी आई है. हम सभी धर्मों के लोग मिलकर देशवासियों से यही कहना चाहते हैं कि ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरत है जिन्होंने धर्म का झूठा चोला पहन रखा है और धर्म के नाम पर नफ़रत फैलाने का काम कर रहे हैं, लोगों को हिंसा के लिए उकसा रहे हैं. ऐसे लोगों का धर्म से कोई ताल्लुक हो ही नहीं सकता क्योंकि धर्म तो लोगों को जोड़ने का काम करता है.

धार्मिक जन मोर्चा के बारे उन्होंने बताया कि यह एक मंच है जिसमें अलग अलग धर्मों के धर्मगुरु जुड़े हुए हैं. इसका गठन सन 2000 में किया गया था. हमारी कोशिश है कि धार्मिक लोग एक मंच पर आकर लोगों को यह संदेश दे कि जो लोग धर्म का नाम लेकर धर्म का गलत इस्तेमाल कर के देश और समाज को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं उनको रोका जाए. हम सबको मिलकर आपस में संवाद करने और एक दूसरे को जानने की जरूरत है. यह सभी धर्म गुरुओं का दायित्व है कि वो लोगों को यह संदेश दे कि एक दूसरे का आदर, सम्मान और गरिमा का खयाल रखा जाए. संविधान के मूल्यों को बचाए रखने की कोशिश की जाए. हमारी आस्थाएं अलग अलग हो सकती है लेकिन हम एक दूसरे के धर्म का और संविधान ने जो अधिकार दिया है उसका हम सम्मान करें.

 

ईसाई धर्म के धर्म गुरु फादर विजय पाल ने बताया कि हम सब एक होकर समाज को एक बंधन में बांधने का काम करें. हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी धर्मों के लोग मिल कर भाईचारे और प्रेम से ऐसा भारत देश बना दें जिसमें सब यही सोचें की हम भारतीय है और सब मिलकर देश को आगे बढ़ाने का काम करें.

राजस्थान समग्र सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष गांधीवादी नेता सवाई सिंह ने बताया कि आज देश का जो माहौल है वो धर्म के नाम पर राजनीति करने के लिए बनाया गया है. जब भी चुनाव आता है तब कोई न कोई धर्म से जुड़ा मुद्दा आगे लाकर महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे जो असली मुद्दे हैं उनसे ध्यान भटकाया जाता है. मीडिया से अनुरोध है कि जो नफरत फ़ैलाने वाले मुद्दे हैं उन्हें फ्रंट पेज पर दिखाने को जगह ऐसी खबरों को दिखाए जो आपसी प्रेम और भाई चारे को बढ़ावा देने वाली हो.


 

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