राजस्थान : फायर ड्राइवर भर्ती परीक्षा 2015 के उम्मीदवार 4 साल बाद भी नियुक्ति के इंतजार में ! EXCLUSIVE


राज्य में बढ़ते हुए शहरीकरण, बहुमंजिला इमारतों में रहन-सहन और आए दिन चलते किसी निर्माण कार्य, इन सब के बीच सूबे के शहरों में आगजनी की घटना होना कोई नई बात नहीं है। ऐसे में हमें एक मुस्तैद और पर्याप्त संख्या बल वाले अग्निश्मन सिस्टम की जरूरत होती है, जिसके लिए काम करने वाले लोग चाहिए।

लेकिन अक्सर ऐसी खबरें सुनने को मिलती है कि किसी फलाना जगह आग लगने पर पर्याप्त फायरमैन ना होने से आग बुझाने में देरी हुई। अब फायरमैन लगाने हैं या सिस्टम की दशा सुधारनी है तो उसके लिए हमें नए लोगों की भर्ती करवानी होगी।

ये तो हुई एकदम सीधी सी बात जो समझी जा सकती है, लेकिन जब युवाओं को रोजगार देने की बात आती है तो राज्य सरकार और संबंधित विभाग के कानों तले जूं तक नहीं रेंगती है, और हालात यह है कि कुछ सैकड़ों पदों के लिए निकाली गई भर्तियों पर नियुक्ति के लिए 4 साल तक लग जाते हैं।

कमोबेश, ऐसा ही हाल हर सरकारी परीक्षा का है, लेकिन हम बात करेंगे राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग की ओर से निकाली गई फायर ड्राइवर भर्ती 2015 की जिसकी नियुक्ति के लिए उम्मीदवार आज भी इंतजार कर रहे हैं।

क्या है ड्राइवर भर्ती परीक्षा 2015 का मसला ?

राजस्थान के स्वायत्त शासन विभाग की ओर से साल 2015 के दिसंबर महीने में नोटिफिकेशन जारी किया गया था जिसमें 194 पदों पर भर्तियों पर आवेदन मांगे गए थे। इसके बाद 20 मार्च 2016 को लिखित परीक्षा ली गई। फिजिकल टेस्ट होने के बाद परीक्षा में शामिल कुछ उम्मीदवारों ने कुछ आपत्तियां दर्ज करते हुए कोर्ट में रिट याचिका लगा दी जिसके बाद कोर्ट ने परीक्षा के परिणामों पर स्टे लगा दिया. करीब 2 साल चले कानूनी दावपेंचों के बाद कोर्ट ने परीक्षा से पिछले साल सितंबर में स्टे हटा लिया, और विभाग की ओर से 3 जून 2019 को सफल उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी गई।

शांति धारीवाल
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल

लेकिन इसी बीच जुलाई में एक उम्मीदवार ने फिर रिट याचिका लगाई लेकिन कुछ समय बाद वापस ले ली। अब 12 जुलाई 2019 को कोर्ट ने इसे फाइनल अप्रूवल दे दिया और सरकार को 2 महीने के भीतर नियुक्ति देने के आदेश दिए।

लेकिन 2 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने अभी सफल हुए उम्मीदवारों की नियुक्ति को लेकर चुप्पी साध रखी है।

उम्मीदवारों का प्रतिनिधि मंडल काट रहा है नेताओं के चक्कर

मंगलवार (24 सितंबर) को राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के घर अपनी बात रखने आए उम्मीदवारों के प्रतिनिधि मंडल से जनमानस राजस्थान ने बात की। उम्मीदवारों ने बताया कि हम पिछले 4 साल से कागजी कार्यवाही में फंस कर रह गए हैं। पिछले 4 साल में सरकार बदली, विभाग के अधिकारी बदले लेकिन हमारी बात किसी ने नहीं सुनी।

नेताओं से मिलने की बात करने को लेकर उम्मीदवार कहते हैं कि हम इस दौरान कई सत्ता पक्ष के नेताओं और विपक्षी नेताओं से मिले। सभी कार्यालयों में हमारी अर्ज लगाई लेकिन कुछ हल नहीं निकला।

इसके अलावा उम्मीदवार यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से अपनी मांग को जल्द से जल्द पूरी करने की गुहार लगाते हुए यह भी कहते हैं कि सरकार द्वारा हमारी नियुक्तियों को रोकना कोर्ट के आदेश की अवमानना है।

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