नज़रिया

IIT मद्रास में संस्थागत नफरतऔर इस्लामोफ़ोबिया का शिकार बनी केरल की फातिमा लतीफ !

By khan iqbal

November 16, 2019

इस्लामोफोबिया और संस्थागत हत्या ने अब केरल के कोलम से ताल्लुक रखने वाली फातिमा लतीफ को शिकार बनाया है। वो पिछले शनिवार को आईआईटी मद्रास की छात्र हॉस्टल रूम में मृत मिली है।

हत्या के बाद फातिमा के परिजनों ने मंगलवार को केरल के सीएम पिनरई विजयन से इंसाफ की गुहार लगाई है। साथ ही, पुलिस की जांच में राज्य सरकार के हस्तक्षेप की भी मांग की है।

                            (फातिमा के पिता अब्दुल लतीफ)

फातिमा के पिता अब्दुल लतीफ ने कहा कि फातिमा के फोन में एक नोट लिखा मिला है जिसमे उसने एक शिक्षक का नाम लेते हुए लिखा है कि वह मेरी मौत के लिए ज़िम्मेदार है। उन्होने बताया कि , ‘‘फातिमा ने कभी ऐसी कोई बात या हरकत नहीं की, जिससे लगे कि वह सुसाइड कर लेगी न ही उसे किसी तरह की मानसिक बीमारी थी।

उसकी मौत एक रहस्य बन गई है। उसने पहले भी इस प्रोफेसर के बारे में बताया था, जो छात्रों को परेशान करते थे। साथ ही धार्मिक भावना भड़काने वाली टिप्पणी भी करते थे। उसने बताया था कि वह रोजाना रात करीब 9 बजे मेस हॉल में बैठकर रोती थी। फातिमा ह्यूमैनिटीज एंड डिवेलपमेंट स्टडीज सब्जेक्ट में एमए फर्स्ट ईयर की छात्रा थी, शिक्षकों का भी कहना है कि वह काफी होनहार छात्रा थी और क्लास टॉपर भी ।

सवाल ये उठता है कि शैक्षणिक संस्थाएं जहाँ शिक्षको को छात्र-छात्राओं के भविष्य को सुधारने के लिए जाना जाता है वहाँ अब ऐसा क्या होने लगा कि शिक्षक ही इनकी आत्महत्या का कारण बनने लगे?

भारत ही एक ऐसा देश है जहाँ विभिन्न जाति, धर्म, पंथ व साम्प्रदाय के लोग रहते है लेकिन दुर्भाग्य से भारत ही वह देश है जहाँ लोगो मे सबसे ज़्यादा जाति व धर्म के आधार पर भेदभाव मिलता है। ये घटना पहली घटना नही है बल्कि इससे पहले भी बहुत सी घटनाएं घटित हो चुकी जिन्हें आज तक इंसाफ नही मिला।

अल्पसंख्यको और दलितों पर इस तरह के अत्याचार आम से हो गये हैं। नजीब से लेकर रोहित वेमुला और फिर पायल तड़वी तक की घटनाओं मे समानता सी है। क्या इन घटनाओं को रोकने मे सरकार असक्षम क्यों है या फ़िर सरकार की सहमति है? और शिक्षक इतने संकीर्ण कैसे हो सकते हैं ?

इस तरह के शिक्षक जिनकी वजह से एक छात्र अपने आप को मौत के घाट उतार लें ऐसे शिक्षकों के लिए ठोस कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए तथा संस्थाओ में हत्या के कारणों को बाहर करने के लिए कड़ी सुरक्षा तथा सुरक्षा उपायों की दिशा में काम करने की तत्काल आवश्यकता है।

-खान शाहीन ( प्रदेशाध्यक्ष,GIO राजस्थान)