बारां: मांगें मानने का लिखित आश्वासन मिलने पर ख़त्म हुई किसानों की भूख हड़ताल !


मंगलवार 9 जून से कृषि उपज मंडी छबड़ा में शुरू हुई किसानों की भूख हड़ताल गुरुवार 11 जून शाम को मांगें मान लेने के लिखित आश्वासन के साथ समाप्त हो गई।

छबड़ा व्यापार संघ के अध्यक्ष रामचन्द्र धनोरिया, किसान नेता धर्मा धाकड़, मंडी सचिव मनोज मीणा और अन्य व्यापारियों की उपस्थिति में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सोयाबीन के सीजन से पहले मंडी में धर्मकांटा लगवा दिया जाएगा। इस लिखित आश्वासन के बाद किसानों ने अपनी हड़ताल समाप्त कर दी।

किसान नेता धर्मा धाकड़ को आश्वासन पत्र देते हुए मंडी सचिव मनोज मीणा

राजस्थान में बारां जिले के छबड़ा कस्बे में कृषि उपज मंडी में धर्म कांटा लगवाने की मांग को लेकर शोषित किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने 9 जून से मंडी परिसर में धरना दिया हुआ था। किसान नेता धर्मा धाकड़ ने मांगे नहीं मानने पर 9 जून से ही भूख हड़ताल भी शुरू कर दी थी।

इससे पहले 30मई 2020 को भी किसानों ने मंडी समिति के सचिव को तुलाई धर्म कांटे से करवाने की मांग का ज्ञापन दिया था। लेकिन मांग नहीं मानने पर 9 जून से किसानों ने  मंडी के बाहर अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी।

भूख हड़ताल पर बैठे शोषित किसान संघर्ष समिति केे अध्यक्ष धर्मा धाकड़ का कहना है कि,

कृषि उपज मंडी छाबड़ा में धर्म कांटा ना होने के कारण किसानों का जबरदस्त शोषण हो रहा है। व्यापारी किसान से तुलाई लेता है उसके उपरांत भी किसान को 400 से 500 रुपये एक ट्रॉली खाली करने के देने पड़ रहे हैं। लगभग 1000 ट्रॉली रोज की जींस (फसल) मंडी में आती है जिससे 4 से 5 लाख रुपये रोजाना किसानों से अवैध वसूली हो रही है.

इसी के साथ 9 जून को महेंद्र बेरागी, राम स्वरूप नागर, गोविंदा आमेरिया, ओम प्रकाश मीणा, मनोज मीणा, कौशल मीणा, ओमप्रकाश मीणा, राजेंद्र मीणा, योगेंद्र नागर ,मनोज पारेता, सुमित खारोल, सोरेन मीणा, मेघराज नागर, अशोक नागर, पूरणमल मीणा, हेमंत गालव आदि ने उपजिला कलेक्टर कार्यालय में जाकर अपनी मांगों का ज्ञापन भी दिया था।

ज्ञापन में मांग नहीं मानने पर प्रशासन को आंदोलन की चेतावनी भी दी गई थी।


 

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