समाजवाद का संघर्षशील सिपाही है तेजस्वी यादव

सरकारें आती जाती रहती हैं, कभी सत्ता इनके हाथ में तो कभी उनके हाथ में। पर…

ये बेक़रारी कैसी

ये बेक़रारी कैसी कुछ टूटा भी नहीं तेरे-मेरे दरम्यां, फिर ये आवाज कैसी कभी छूटा भी…

भगवान-(कविता)

आज फिर से तुमने बता दिया कि कोई तुम्हारे ऊपर भरोसा नहीं कर सकता है। तुम…

कन्या भ्रूण हत्या

एक अंधेरी कोठर जिसमे, पल रही है नव आगंतुक। आद्र है तनमन आद्र है सब कुछ,…