किन शर्तों पर ख़त्म हुआ है बीकानेर में उर्दू के लिए चल रहा धरना !


उर्दू के पद बढ़ाने की मांग को लेकर बीकानेर में शिक्षा निदेशालय के सामने 3 जनवरी से शुरू हुआ धरना 7 दिन बाद 10 जनवरी को समाप्त हो गया। धरना समाप्ति से पहले शिक्षा निदेशक के साथ दो दौर की वार्ता भी हुई।

उर्दू बेरोजगार संघ के प्रतिनिधि पप्पू खिलजी के साथ हुई बैठक का कार्यवाही विवरण

आज दिनांक: 09.01.2022 को रीट भर्ती 2021-22 में उर्दू के पद बढ़ाने हेतु निदेशालय परिसर के समक्ष धरने पर बैठे धरनार्थी श्री पप्पू खिलजी एवं अन्य के साथ विमर्श हेतु एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा अवगत कराया कि:

1. बजट घोषणा 2021 के अनुसार विद्यालयों में 600 उर्दू शिक्षकों के पद सृजन के प्रस्ताव विभाग को भेजे जा चुके हैं जिस पर विभाग स्तर पर कार्यवाही की जा रही है।

2. धरनार्थियों द्वारा यह अवगत कराया गया कि कुछ विद्यालयों में तृतीय भाषा की मैपिंग में त्रुटि के कारण वहीं उर्दू पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या दर्ज नहीं हो सकी है। ऐसे विद्यालयों में जांच करवाकर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी।

उक्त संबंध में धरनार्थियों द्वारा सन्तुष्टि व्यक्त कर दिनांक 10.01.2022 से धरना समाप्ति करने की सहमति प्रदान की गई।

 

धरना समाप्त करने के बाद एडवोकेट पप्पू खिलजी ने जनमानस राजस्थान को बताया कि धरने में शामिल सभी लोगों के मशवरे और कोरोना गाइड लाइन को देखते हुए हमने यह धरना स्थगित करने का निर्णय लिया है, लेकिन उर्दू को लेकर हमारी यह लड़ाई पद बढ़ाए जाने तक जारी रहेगी।

उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशक से हमारी बहुत सकारात्मक वार्ता हुई जिसमें उन्होंने हमें बताया कि उर्दू के 600 पद बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है। पप्पू खिलजी ने बताया कि अगर 10 दिन में उर्दू की सीट बढ़ने का आदेश नहीं आता है तो फिर राजधानी जयपुर में जाकर आंदोलन किया जाएगा।

 

पप्पू खिलजी का कहना है कि शिक्षा निदेशालय घेराव के पश्चात निदेशक द्वारा निदेशालय स्तर का जो कार्य है वो सम्पूर्ण कर कार्यवाही वित्त विभाग के अधीन भेज दी है और जल्द ही 5-10 दिन के अंदर विज्ञप्ति जारी करने का भी कहा है और मैपिंग मे हुई त्रुटि के जिम्मेदार लोगो के विरुद्ध कारवाई का आदेश दिया है। जो गडबडी हुई है उसको सही कर तीसरी भाषा के रुप में तुरन्त संज्ञान में आते ही उर्दू स्वीकृत करने का भी कहा है।

अब आगे की लडाई CMO office के साथ है जो परिस्थितियों के अनुकूल ही होते ही और कोरोना गाईडलाईन के हटते ही जयपुर आकर लड़ी जाएगी।

धरना समाप्त होने से पहले कड़ाके की ठंड और बारिश में भीगते हुए भी उर्दू के लिए धरना जारी रहा। पप्पू खिलजी ने कड़ाके की ठंड में अर्ध नग्न होकर भी प्रदर्शन किया। मांगे नहीं मानने पर पप्पू खिलजी ने 10 जनवरी को आत्मदाह की चेतावनी भी दे डाली थी जिसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया और आनन फानन में शिक्षा निदेशक के साथ मीटिंग करवाई गई। पुलिस की तरफ पप्पू खिलजी को सीआरपीसी की धारा 107,116 के तहत नोटिस भी दिया गया।

राजस्थान शिक्षा निदेशालय बीकानेर के सामने एडवोकेट पप्पू खिलजी के नेतृत्व में सोमवार 3 जनवरी से यह धरना दिया जा रहा था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 1 साल पहले बजट में उर्दू शिक्षकों के लिए 1000 सीट की घोषणा की थी लेकिन अभी जारी की गई विज्ञप्ति में सिर्फ 309 सीटें ही दी गई है, सरकार की इस वादा खिलाफी से नाराज़ होकर तथा सीटें बढ़वाने के लिए बेरोजगार युवा कड़ाके की ठंड में धरने पर बैठे हुए थे। बीकानेर में बारिश और ओला वृष्टि होने की वजह से कड़ाके की ठंड पड़ रही थी लेकिन फिर भी प्रदर्शनकारी 8 दिन तक धरना स्थल पर जमे रहे।

 

कांग्रेस के कई विधायको ने भी सरकार से नाराजगी जताते हुए पत्र लिखकर उर्दू शिक्षकों के पद बढ़ाने की मांग की है। अब तक विधायक रफीक खान, विधायक हाकम अली, विधायक अमीन कागज़ी, विधायक दानिश अबरार और विधायक सफिया जुबेर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर उर्दू शिक्षकों के पद बढ़ाने की मांग कर चुके हैं।

सवाई माधोपुर विधायक और मुख्यमंत्री के सलाहकार दानिश अबरार भी इस मुद्दे पर गुरुवार 6 जनवरी को जयपुर में शिक्षामंत्री बीडी कल्ला से मुलाकात कर पद बढ़ाने का आग्रह कर चुके हैं, जिस पर शिक्षा मंत्री ने 2 दिन का समय मांगा था लेकिन अब तक पद बढ़ाए जाने की कोई घोषणा शिक्षा मंत्री या विधायक दानिश अबरार की तरफ से नहीं हुई है, जिसका की बेरोजगार युवा बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।


 

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