राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बसपा के सभी छ विधायको के कांग्रेस मे शामिल कराने को लेकर भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा ने पहले स्पीकर के यहा 16-मार्च को शिकायत करके बसपा विधायको के कांग्रेस मे विलय को गलत करार देते हुये प्रार्थना करने पर जब स्पीकर सीपी जोशी द्वारा अभी तक उस पर निर्णय नही लेने के पश्चात आखिरकार मदन दिलावर ने उक्त मामले को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। न्यायालय मे दिलावर व बसपा द्वारा दायर याचिका पर 27-जुलाई को सुनवाई होनी है।
हालांकि न्यायालय का उक्त याचिका पर सुनवाई के बाद जो निर्णय आयेगा उसके बाद बसपा विधायको के अस्तित्व पर प्रभाव पड़ना तय है। लेकिन हाईकोर्ट मे दिलावर द्वारा उक्त प्रकरण को लेकर दायर याचिका के बाद कानून के जानकार व राजनितिज्ञ उक्त प्रकरण को लेकर चर्चा करने जरुर लगे है।
अगर न्यायालय का आदेश विलय प्रक्रिया के खिलाफ आता है तो बसपा विधायको की सदस्यता पर भी सवाल खड़े हो सकते है। अगर उक्त छ विधायकों की विलय प्रक्रिया की खामियों के कारण सदस्यता रद्द होती है तो मुख्यमंत्री खेमे द्वारा अब तक 102 विधायको का समर्थन होना जताया जा रहा उस संख्या बल मे कमी आने से गहलोत खेमे को बडा झटका लग सकता है।
कुल मिलाकर यह है कि बसपा विधायकों के कांग्रेस मे विलय होने को लेकर मदन दिलावर व बसपा द्वारा 16-मार्च को स्पीकर सीपी जौशी के यहा चुनौती देने के चार महिने तक जौशी द्वारा निर्णय नही लेने के पश्चात आखिरकार दिलावर ने उच्च न्यायालय मे याचिका दायर करने के पश्चात सोमवार 27-जुलाई को सुनवाई होना तय हुवा है।
– अशफ़ाक कायमखानी
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार एवं राजनीतिक विश्लेषक है)